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सुलतानपुर: अधिवक्ता हत्या मामले में सगे भाईयों को आजीवन कारावास - two get life imprisonment

सुल्तानपुर में अधिवक्ता की धारदार हथियार से काट-काटकर हत्या किए जाने के मामले में न्यायालय ने दो आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. दोनों सगे भाई आजीवन कारावास की सजा सुनकर फूट-फूटकर रोने लगे.

सुल्तानपुर जिला कारावास
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Published : May 25, 2019, 6:51 PM IST

सुल्तानपुर : घर से न्यायालय जा रहे अधिवक्ता की धारदार हथियार से काट-काटकर हत्या कर दिए जाने के मामले में न्यायालय ने आरोपी सगे भाइयों को दोषी करार दिया है. हत्या के मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद न्यायालय ने दोनों सगे भाइयों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. जिस पर न्यायालय में दोनों आरोपी फूट-फूटकर रोने लगे. सजा होने के बाद आरोपी ने पुलिस अभिरक्षा छुड़ाकर भागने का प्रयास किया. जिस पर पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए उन्हें पकड़ लिया और न्यायालय भेज दिया.

अधिवक्ता हत्या मामले में सगे भाईयों को आजीवन कारावास

जानें क्या था पूरा मामला:

  • मामला कोतवाली नगर क्षेत्र के रानीगंज गांव इलाके से जुड़ा है.
  • रानीगंज के निवासी धर्मराज यादव की 14 अगस्त 2014 को मंडी मोड़ के पास दिनदहाड़े धारदार हथियार से काट कर हत्या कर दी गई थी.
  • वहीं घटना के बाद अधिवक्ताओं द्वारा विरोध किए जाने पर मृतक अधिवक्ता के बेटे को प्रशासन की तरफ से शस्त्र लाइसेंस किया गया था.
  • मामले की विवेचना में उच्चस्तरीय टीम गठित की गई थी और तत्कालीन नगर कोतवाल बी पी सिंह ने मामले में आरोप पत्र न्यायालय भेजा.
  • जिसमें लंबू यादव और राजमणि यादव को आरोपी बनाया था, मामले में अपर जिला जज उत्कर्ष चतुर्वेदी की अदालत ने दोनों सगे भाइयों को हत्या का दोषी करार दिया और उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई.

न्यायालय की सजा के बाद दोनों आरोपी फूट-फूट कर रोने लगे. इसके बाद लंबू यादव पुलिस अभिरक्षा को तोड़ते हुए भागने लगा. हालांकि पुलिसकर्मियों ने तत्परता दिखाते हुए आरोपी को पकड़ लिया और हिरासत में लेते हुए जेल भेज दिया.

सुल्तानपुर : घर से न्यायालय जा रहे अधिवक्ता की धारदार हथियार से काट-काटकर हत्या कर दिए जाने के मामले में न्यायालय ने आरोपी सगे भाइयों को दोषी करार दिया है. हत्या के मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद न्यायालय ने दोनों सगे भाइयों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. जिस पर न्यायालय में दोनों आरोपी फूट-फूटकर रोने लगे. सजा होने के बाद आरोपी ने पुलिस अभिरक्षा छुड़ाकर भागने का प्रयास किया. जिस पर पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए उन्हें पकड़ लिया और न्यायालय भेज दिया.

अधिवक्ता हत्या मामले में सगे भाईयों को आजीवन कारावास

जानें क्या था पूरा मामला:

  • मामला कोतवाली नगर क्षेत्र के रानीगंज गांव इलाके से जुड़ा है.
  • रानीगंज के निवासी धर्मराज यादव की 14 अगस्त 2014 को मंडी मोड़ के पास दिनदहाड़े धारदार हथियार से काट कर हत्या कर दी गई थी.
  • वहीं घटना के बाद अधिवक्ताओं द्वारा विरोध किए जाने पर मृतक अधिवक्ता के बेटे को प्रशासन की तरफ से शस्त्र लाइसेंस किया गया था.
  • मामले की विवेचना में उच्चस्तरीय टीम गठित की गई थी और तत्कालीन नगर कोतवाल बी पी सिंह ने मामले में आरोप पत्र न्यायालय भेजा.
  • जिसमें लंबू यादव और राजमणि यादव को आरोपी बनाया था, मामले में अपर जिला जज उत्कर्ष चतुर्वेदी की अदालत ने दोनों सगे भाइयों को हत्या का दोषी करार दिया और उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई.

न्यायालय की सजा के बाद दोनों आरोपी फूट-फूट कर रोने लगे. इसके बाद लंबू यादव पुलिस अभिरक्षा को तोड़ते हुए भागने लगा. हालांकि पुलिसकर्मियों ने तत्परता दिखाते हुए आरोपी को पकड़ लिया और हिरासत में लेते हुए जेल भेज दिया.

Intro:शीर्षक : डे-लाइट अधिवक्ता हत्याकांड में सगे भाइयों को आजीवन कारावास।


खबर सुल्तानपुर से है। जहां घर से न्यायालय जा रहे अधिवक्ता की धारदार हथियार से काट काट कर हत्या कर दिए जाने के डेलाइट मर्डर केस में न्यायालय ने आरोपी सगे भाइयों को दोषी करार दिया है। हत्या के मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद न्यायालय ने दोनों सगे भाइयों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। जिस पर न्यायालय में दोनों आरोपी फूट-फूट कर रोने लगे। सजा होने के बाद आरोपी ने पुलिस अभिरक्षा छुड़ाकर भागने का प्रयास किया। जिस पर पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए उसे पकड़ लिया और वह न्यायालय भेज दिया गया है।


Body:मामला कोतवाली नगर क्षेत्र के रानीगंज गांव इलाके से जुड़ा हुआ है । यहां के स्थानीय निवासी धर्मराज यादव की 14 अगस्त 2014 को घटना के दिन आवाज से कलेक्ट्रेट स्थित अपने चेंबर जा रहे थे। जिस पर मंडी मोड़ के पास दिनदहाड़े दिन में लगभग 10:00 बजे उनकी धारदार हथियार से काट कर हत्या कर दी गई थी। घटना से क्षेत्र में सनसनी फैल गई थी। अधिवक्ताओं के विरोध के चलते उनके बेटे को शस्त्र लाइसेंस दिया गया था और मामले की विवेचना में उच्चस्तरीय टीम गठित की गई थी। तत्कालीन नगर कोतवाल बी पी सिंह ने मामले में आरोप पत्र न्यायालय भेजा। जिसमें लंबू यादव और राजमणि यादव को आरोपी बनाया था। मामले में अपर जिला जज उत्कर्ष चतुर्वेदी की अदालत ने दोनों सगे भाइयों को हत्या का दोषी करार दिया और उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई। न्यायालय की सजा के बाद दोनों आरोपी फूट-फूट कर रोने लगे । इसके बाद लंबू यादव पुलिस अभिरक्षा को तोड़ते हुए भागने लगा। हालांकि पुलिस कर्मी चुस्त-दुरुस्त है और तत्परता दिखाते हुए आरोपी को पकड़ लिया और हिरासत में लेते हुए जेल भेजने की कार्रवाई की गई।


Conclusion:वॉइस ओवर : धर्मराज हत्याकांड काफी चर्चित रहा । इसमें न्यायालय में पक्षपात होने की दशा में वादी वीरेंद्र यादव ने जिला जिसके आगे स्थानांतरण अर्जी दी और लंबी बहस के बाद मामला एडीजे उत्कर्ष चतुर्वेदी की अदालत पर ट्रांसफर हुआ । प्रकरण में कई बार वादी पर दबाव बना कि वह मुकदमे में समझौता कर ले। लेकिन लंबी जद्दोजहद और लंबे विचारण के बाद मामले में वादी अभियुक्तों को सजा दिलाने में कामयाब रहे।


सुल्तानपुर , आशुतोष मिश्रा , 94 15049 256
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