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सुलतानपुर: व्यापारियों ने खाद्य अधिकारियों पर धन उगाही का लगाया आरोप

यूपी के सुलतानपुर में व्यापारियों ने खाद्य अधिकारियों पर धन उगाही का आरोप लगाया है. व्यापारियों का आरोप है कि पैसा नहीं देने पर अधिकारी कार्रवाई करने की धमकी देते हैं. इससे गुस्साए व्यापारी कलेक्ट्रेट पहुंच डीएम को समस्या से अवगत कराया. साथ ही कार्रवाई करने की मांग की.

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Published : Dec 31, 2019, 9:29 AM IST

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खाद्य अधिकारियों पर धन उगाही का लगाया आरोप.

सुलतानपुर: जिले में लंबे समय से व्यापारी फूड इंस्पेक्टर और मुख्य खाद्य अभिहित अधिकारी पर वसूली का आरोप लगाते आ रहे हैं. व्यापारियों का आरोप है कि पैसा नहीं देने पर अधिकारी कार्रवाई करने की धमकी देते हैं. गुस्साए व्यापारी प्रदर्शन करते हुए जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे और उन्हें अपनी समस्या से अवगत कराया.

खाद्य अधिकारियों पर धन उगाही का लगाया आरोप.


खाद्य अधिकारियों पर धन वसूली का आरोप

  • लंबे समय से व्यापारी खाद्य अधिकारियों पर धन उगाही का आरोप लगा रहे हैं.
  • व्यापारियों का कहना है कि अधिकारी निजी कर्मचारियों के साथ वसूली करने आते हैं.
  • पैसे न देने पर कार्रवाई करने की धमकी देते हैं.
  • इसी बीच नमूना भरने को लेकर कई व्यापारियों से नोकझोंक भी हुई.
  • इसे लेकर व्यापारी कलेक्ट्रेट पहुंचे और जिलाधिकारी को अपनी समस्या से अवगत कराया.
  • साथ ही ऐसे अफसरों की जांच करते हुए सख्त कार्रवाई किए जाने की मांग की.

इसे भी पढ़ें:- कृतज्ञेश ने हादसा नियंत्रण पर दिया ब्राजील फार्मूला, अयोध्या में लहराया सुलतानपुर का परचम

अधिकारियों ने एक मानक बना लिया है कि जो व्यापारी पैसा नहीं देगा उनके सामान की सैंपलिंग की जाएगी. अधिकारी बाहरी व्यक्तियों को अपने साथ लेकर आते हैं. प्राइवेट व्यक्ति (गैर अधिकृत) को लेकर चलना पूरी तरह से प्रतिबंधित है. डीएम ने पत्र लिखा था कि खाद्य अधिकारी किसी भी प्राइवेट व्यक्ति को लेकर किसी व्यापारी के प्रतिष्ठान पर नहीं जाएंगे. कमेटी को ही जांच करने का अधिकार है.
-रविंद्र त्रिपाठी, प्रदेश महामंत्री उद्योग व्यापार मंडल

सुलतानपुर: जिले में लंबे समय से व्यापारी फूड इंस्पेक्टर और मुख्य खाद्य अभिहित अधिकारी पर वसूली का आरोप लगाते आ रहे हैं. व्यापारियों का आरोप है कि पैसा नहीं देने पर अधिकारी कार्रवाई करने की धमकी देते हैं. गुस्साए व्यापारी प्रदर्शन करते हुए जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे और उन्हें अपनी समस्या से अवगत कराया.

खाद्य अधिकारियों पर धन उगाही का लगाया आरोप.


खाद्य अधिकारियों पर धन वसूली का आरोप

  • लंबे समय से व्यापारी खाद्य अधिकारियों पर धन उगाही का आरोप लगा रहे हैं.
  • व्यापारियों का कहना है कि अधिकारी निजी कर्मचारियों के साथ वसूली करने आते हैं.
  • पैसे न देने पर कार्रवाई करने की धमकी देते हैं.
  • इसी बीच नमूना भरने को लेकर कई व्यापारियों से नोकझोंक भी हुई.
  • इसे लेकर व्यापारी कलेक्ट्रेट पहुंचे और जिलाधिकारी को अपनी समस्या से अवगत कराया.
  • साथ ही ऐसे अफसरों की जांच करते हुए सख्त कार्रवाई किए जाने की मांग की.

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अधिकारियों ने एक मानक बना लिया है कि जो व्यापारी पैसा नहीं देगा उनके सामान की सैंपलिंग की जाएगी. अधिकारी बाहरी व्यक्तियों को अपने साथ लेकर आते हैं. प्राइवेट व्यक्ति (गैर अधिकृत) को लेकर चलना पूरी तरह से प्रतिबंधित है. डीएम ने पत्र लिखा था कि खाद्य अधिकारी किसी भी प्राइवेट व्यक्ति को लेकर किसी व्यापारी के प्रतिष्ठान पर नहीं जाएंगे. कमेटी को ही जांच करने का अधिकार है.
-रविंद्र त्रिपाठी, प्रदेश महामंत्री उद्योग व्यापार मंडल

Intro:शीर्षक : सुलतानपुर : खाद्य अफसरों की वसूली से आक्रोशित व्यापारी पहुंचे डीएम दरबार।


एंकर : जिला खाद्य अभी अधिकारी और फूड इंस्पेक्टर व्यापारियों से धन उगाही कर रहे हैं। आउट साइडरों के जरिए पैसा नहीं देने पर कार्रवाई की धमकी दी जा रही है। गुस्साए व्यापारी जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे। गुस्से का इजहार किया और ऐसे अफसरों की जांच कराते हुए सख्त कार्रवाई किए जाने की मांग की।


Body:वीओ : लंबे समय से व्यापारी फूड इंस्पेक्टर और मुख्य खाद्य अभिहित अधिकारी पर वसूली का आरोप लगाते रहे हैं। लेकिन प्रशासन की उपेक्षा से उनका गुस्सा बढ़ता रहा। इसी बीच नमूना भरने को लेकर कई व्यापारियों से नोकझोंक भी हुई । जिसे लेकर व्यापारी कलेक्ट्रेट पहुंचे। प्रदर्शन किया और जिलाधिकारी को अपनी समस्या से अवगत कराया।


बाइट : यह के व्यापारियों ने एक मानक बना लिया है कि जो व्यापारी पैसा नहीं देंगे उनकी सैंपलिंग की जाएगी। यह सारे अधिकारी बाहरी व्यक्तियों को अपने साथ लेकर जाते हैं। खासतौर पर जो प्रतिबंधित व्यक्ति होते हैं । उन्हें अपने साथ ले जाते हैं। प्राइवेट बच्चियों से धमकी दिलाते हैं कि अगर आप पैसा नहीं देंगे तो आपकी सैंपल इनकी जाएगी। प्राइवेट व्यक्ति को लेकर चलना भ्रष्टाचार की श्रेणी में आता है और यह पूरी तरह से प्रतिबंधित है। इससे पूर्व जिलाधिकारी ने पत्र लिखा था कि खाद्य अधिकारी किसी भी प्राइवेट भर्ती को लेकर किसी व्यापारी के प्रतिष्ठान पर नहीं जाएंगे। बावजूद प्राइवेट व्यक्तियों को वसूली के लिए ले जाया जा रहा है। इसके अलावा कमेटी को ही जांच करने का अधिकार है। लेकिन यह खाद्य अधिकारी अकेले ही जांच करने जाते हैं और दबाव बनाते हैं।
रविंद्र त्रिपाठी, प्रदेश महामंत्री उद्योग व्यापार मंडल


Conclusion:आशुतोष मिश्रा सुल्तानपुर 94 15049 256
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