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रामलखन उपाध्याय हत्याकांडः सोलह साल बाद आया फैसला, पिता-पुत्र समेत तीन को उम्रकैद की सजा - sultantanpur latest news

अमेठी के पीपरपुर थाना क्षेत्र में 16 साल पहले रामलखन उपाध्याय की हत्या हुई थी. मामले की अपर सत्र न्यायाधीश सप्तम की अदालत ने सोमवार को सुनवाई की है. अपर सत्र न्यायाधीश सप्तम पीके जयंत की अदालत ने पिता-पुत्र समेत तीन अपराधियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है.

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रामलखन उपाध्याय हत्याकांड
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Published : Mar 14, 2022, 6:21 PM IST

सुल्तानपुरः सोलह वर्ष पूर्व तमंचे से सीने में गोली दागकर रामलखन उपाध्याय को हत्यारों ने मौत के घाट उतार दिया था. मामले की अपर सत्र न्यायाधीश सप्तम की अदालत ने सोमवार को सुनवाई की. जज पीके जयंत ने पिता-पुत्र समेत तीन आरोपियों को दोषी करार दिया है. अपर सत्र न्यायाधीश सप्तम पीके जयंत की अदालत ने हत्या में दोषी ठहराए गये तीनों अपराधियों को उम्रकैद एवं 20-20 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है.

आपको बता दें कि मामला अमेठी जिले के पीपरपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत स्थित पठखौली गांव का है. सात मार्च 2006 को हुई घटना के संबंध में रामनरायन उपाध्याय ने पीपरपुर थाने में मुकदमा दर्ज कराया. आरोप के मुताबिक घटना के दिन उसका भाई रामलखन उपाध्याय मोटरसाइकिल से टीकरमाफी गया था, जहां पर पहले से ही रामनारायन उपाध्याय अपने भांजे के साथ मौजूद थे. वहीं टीकरमाफी से जब शाम को वह घर वापस आने लगा तो उसी के पीछे रामलखन उपाध्याय भी घर के लिए रवाना हुए. रास्ते में आरोपी रामलखन गुप्ता, उसके पुत्र प्रेमचंद गुप्ता एवं सह आरोपी राजकुमार मिश्रा निवासी गंगा मिश्र पुरवा मौजा टीकरमाफी थाना संग्रामपुर जनपद अमेठी ने उसकी मोटरसाइकिल को वंशराज के खेत के पास जबरदस्ती रोक लिया.

पढ़ेंः नकाबपोश बदमाशों ने उड़ाए 65 हजार रुपये, जांच में जुटी पुलिस

रामनरायन उपाध्याय ने तहरीर देते हुए बताया कि आरोपी रामलखन गुप्ता लाठी लेकर ललकारने लगा. जिस पर उसके पुत्र प्रेमचन्द्र व सह आरोपी राजकुमार मिश्र ने तमंचे से गोली मार दी. गोली रामलखन उपाध्याय के सीने व चेहरे पर लगी. लोगी लगने से वह तड़पने लगा और उसकी मौत हो गई. मामले का विचारण अपर सत्र न्यायाधीश सप्तम/ स्पेशल सेशन जज एमपी-एमएलए पीके जयंत की अदालत में चला. मामले में अभियोजन पक्ष से शासकीय अधिवक्ता संदीप सिंह ने नौ गवाहों को पेश किया एवं बचाव पक्ष ने भी अपने तर्कों को पेश किया.

दोनों पक्षों को सुनने के बाद सत्र न्यायाधीश पीके जयंत की अदालत ने बीते शुक्रवार को तीनों को हत्या सहित अन्य अपराध में दोषी करार दिया था. अदालत ने तीनों दोषियों की सजा पर सुनवाई करने के बाद आज उन्हें उम्रकैद एवं बीस-बीस हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है.

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सुल्तानपुरः सोलह वर्ष पूर्व तमंचे से सीने में गोली दागकर रामलखन उपाध्याय को हत्यारों ने मौत के घाट उतार दिया था. मामले की अपर सत्र न्यायाधीश सप्तम की अदालत ने सोमवार को सुनवाई की. जज पीके जयंत ने पिता-पुत्र समेत तीन आरोपियों को दोषी करार दिया है. अपर सत्र न्यायाधीश सप्तम पीके जयंत की अदालत ने हत्या में दोषी ठहराए गये तीनों अपराधियों को उम्रकैद एवं 20-20 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है.

आपको बता दें कि मामला अमेठी जिले के पीपरपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत स्थित पठखौली गांव का है. सात मार्च 2006 को हुई घटना के संबंध में रामनरायन उपाध्याय ने पीपरपुर थाने में मुकदमा दर्ज कराया. आरोप के मुताबिक घटना के दिन उसका भाई रामलखन उपाध्याय मोटरसाइकिल से टीकरमाफी गया था, जहां पर पहले से ही रामनारायन उपाध्याय अपने भांजे के साथ मौजूद थे. वहीं टीकरमाफी से जब शाम को वह घर वापस आने लगा तो उसी के पीछे रामलखन उपाध्याय भी घर के लिए रवाना हुए. रास्ते में आरोपी रामलखन गुप्ता, उसके पुत्र प्रेमचंद गुप्ता एवं सह आरोपी राजकुमार मिश्रा निवासी गंगा मिश्र पुरवा मौजा टीकरमाफी थाना संग्रामपुर जनपद अमेठी ने उसकी मोटरसाइकिल को वंशराज के खेत के पास जबरदस्ती रोक लिया.

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रामनरायन उपाध्याय ने तहरीर देते हुए बताया कि आरोपी रामलखन गुप्ता लाठी लेकर ललकारने लगा. जिस पर उसके पुत्र प्रेमचन्द्र व सह आरोपी राजकुमार मिश्र ने तमंचे से गोली मार दी. गोली रामलखन उपाध्याय के सीने व चेहरे पर लगी. लोगी लगने से वह तड़पने लगा और उसकी मौत हो गई. मामले का विचारण अपर सत्र न्यायाधीश सप्तम/ स्पेशल सेशन जज एमपी-एमएलए पीके जयंत की अदालत में चला. मामले में अभियोजन पक्ष से शासकीय अधिवक्ता संदीप सिंह ने नौ गवाहों को पेश किया एवं बचाव पक्ष ने भी अपने तर्कों को पेश किया.

दोनों पक्षों को सुनने के बाद सत्र न्यायाधीश पीके जयंत की अदालत ने बीते शुक्रवार को तीनों को हत्या सहित अन्य अपराध में दोषी करार दिया था. अदालत ने तीनों दोषियों की सजा पर सुनवाई करने के बाद आज उन्हें उम्रकैद एवं बीस-बीस हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है.

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