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सुलतानपुर: शिक्षकों का अनशन समाप्त, कई की बिगड़ गई थी हालत

सुल्तानपुर जिले में बेसिक शिक्षा कार्यालय में चल रहा शिक्षकों का धरना आखिरकार खत्म हो गया. प्राथमिक और जूनियर विद्यालय के शिक्षकों ने अपनी 14 सूत्री मांगों को लेकर यह अनशन शुरु किया था. यह अनशन विधायक और जिलाधिकारी के हस्तक्षेप के बाद ही समाप्त हुआ.

72 घंटे बाद शिक्षकों ने तोड़ा अनशन
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Published : Sep 19, 2019, 9:37 AM IST

सुलतानपुर: जिले के बेसिक शिक्षा कार्यालय में चल रहा शिक्षकों का धरना आखिरकार खत्म हो गया. विधायक और जिलाधिकारी के हस्तक्षेप के बाद ही धरना समाप्त हुआ. धरना अनशन में तब्दील हो गया था. इससे कई शिक्षकों की हालत बिगड़ गई. उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया. शिक्षकों की स्थिति कहीं ज्यादा खराब न हो जाए इस डर से प्रशासन सकते में आ गया और आनन-फानन में धरना समाप्त कराया गया.

शिक्षकों ने तोड़ा अनशन.

14 सूत्री मांगों को लेकर चल रहा था अनशन

मामला प्राथमिक और जूनियर विद्यालय के शिक्षकों से जुड़ा हुआ है. शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष दिलीप पांडे के नेतृत्व में जो धरना शुरू हुआ, उसमें कई मांगे उठाई गईं. इसमें पत्रावलिओं का परीक्षण 2019 से प्रारंभ होकर एक सप्ताह में निस्तारण करने, पारस्परिक स्थानांतरण पर शासन स्तर से अनुमति लेकर अगली कार्रवाई करने, मध्यान्ह भोजन योजना की कन्वर्जन कास्ट खातों में प्रेषित करने, नीतिगत प्रकरण में जनपद स्तर से निर्णय लिए जाने का अधिकार देने और रसोइयों का मानदेय प्रेषण समेत जूता, मोजा, पुस्तकें और बैग का टेंडर स्थानीय स्तर से कराए जाने की अनुमति देने संबंधित विभिन्न मांगें शामिल रहीं.

सुलतानपुर: जिले के बेसिक शिक्षा कार्यालय में चल रहा शिक्षकों का धरना आखिरकार खत्म हो गया. विधायक और जिलाधिकारी के हस्तक्षेप के बाद ही धरना समाप्त हुआ. धरना अनशन में तब्दील हो गया था. इससे कई शिक्षकों की हालत बिगड़ गई. उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया. शिक्षकों की स्थिति कहीं ज्यादा खराब न हो जाए इस डर से प्रशासन सकते में आ गया और आनन-फानन में धरना समाप्त कराया गया.

शिक्षकों ने तोड़ा अनशन.

14 सूत्री मांगों को लेकर चल रहा था अनशन

मामला प्राथमिक और जूनियर विद्यालय के शिक्षकों से जुड़ा हुआ है. शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष दिलीप पांडे के नेतृत्व में जो धरना शुरू हुआ, उसमें कई मांगे उठाई गईं. इसमें पत्रावलिओं का परीक्षण 2019 से प्रारंभ होकर एक सप्ताह में निस्तारण करने, पारस्परिक स्थानांतरण पर शासन स्तर से अनुमति लेकर अगली कार्रवाई करने, मध्यान्ह भोजन योजना की कन्वर्जन कास्ट खातों में प्रेषित करने, नीतिगत प्रकरण में जनपद स्तर से निर्णय लिए जाने का अधिकार देने और रसोइयों का मानदेय प्रेषण समेत जूता, मोजा, पुस्तकें और बैग का टेंडर स्थानीय स्तर से कराए जाने की अनुमति देने संबंधित विभिन्न मांगें शामिल रहीं.

Intro:शीर्षक : डीएम व विधायक के हस्तक्षेप पर 72 घंटे बाद गुरू जी ने तोडा का अनशन।

सुल्तानपुर के बेसिक शिक्षा कार्यालय में चल रहा 72 घंटे से शिक्षकों का धरना आखिरकार विधायक और जिलाधिकारी के हस्तक्षेप के बाद खत्म हो गया। धरना अनशन में तब्दील हुआ। कई शिक्षकों की हालत बिगड़ी। उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। शिक्षकों की स्थिति कहीं ज्यादा खराब ना हो जाए। इस डर से प्रशासन सकते में आ गया और आनन-फानन में विधायक के बेटे को भेजकर धरना समाप्त कराया गया।


Body:मामला प्राथमिक और जूनियर विद्यालय के शिक्षकों से जुड़ा हुआ है। शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष दिलीप पांडे के नेतृत्व में जो धरना शुरू हुआ, उसमें कई मांगे उठाई गई। जिसमें पत्रावली ओं का परीक्षण 2019 से प्रारंभ होकर 1 सप्ताह में निस्तारण करने, पारस्परिक स्थानांतरण पर शासन स्तर से अनुमति लेकर अगली कार्रवाई करने , मध्यान्ह भोजन योजना की कन्वर्जन कास्ट खातों में प्रेषित करने, नीतिगत प्रकरण में जनपद स्तर से निर्णय लिए जाने का अधिकार देने व रसोइयों का मानदेय प्रेषण समेत जूता, मोजा , पुस्तकें और बैंक का टेंडर स्थानीय स्तर से कराए जाने की अनुमति देने संबंधित विभिन्न मांगे शामिल रहीं।


Conclusion:बाइट : अध्यक्ष दिलीप पांडेय ने कहा कि 14 सूत्री मांगों को लेकर अनशन चल रहा था। जिसमें कुछ शिक्षकों की हालत बिगड़ने पर जिला स्थल में भर्ती कराया गया। जिलाधिकारी ने पूरे मामले को संज्ञान में लिया। सिटी मजिस्ट्रेट और विधायक पुत्र के सहयोग से जूस पिलाकर अनशन खत्म कराया गया। उम्मीद है जल्द हमारी मांगे पूरी हो जाएंगी।





आशुतोष मिश्रा , सुल्तानपुर, 94 150 49 256
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