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सुलतानपुर: जहां गुरु तेग बहादुर ने रखी गुरुद्वारे की नींव, वहां आज चल रहा तबेला - सुलतानपुर की खबर

यूपी के सुलतानपुर में गुरु तेग बहादुर सिंह ने एक गुरुद्वारे की नींव रखी थी. जिस स्थान पर नींव रखी थी आज वहां पर अवैध तरीके से एक तबेला संचालित किया जा रहा है. इतने साल बीतने के बाद भी अब तक गुरुद्वारे का निर्माण नहीं हो सका है.

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नहीं हो सका अब तक गुरुद्वारे का निर्माण
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Published : Jan 2, 2020, 3:18 PM IST

सुलतानपुर: गुरुवार को गुरु गोविंद के 353वां प्रकाश पर्व है, लेकिन जनपद का सिख समुदाय आज तक यहां गुरुद्वारे के अस्तित्व में आने की राह देख रहा है. भारत भ्रमण के दौरान सुलतानपुर में गुरु गोविंद सिंह के पिता गुरु तेग बहादुर ने इस गुरुद्वारे की नींव रखी थी. इस भ्रमण के दौरान अयोध्या से प्रयाग प्रस्थान करते समय रात्रि प्रवास सुलतानपुर में किया था.

गुरुद्वारे के निर्माण के लिए गुरु सिंह साहब सभा के प्रयास के बावजूद प्रशासनिक अधिकारी सहयोग को तैयार नहीं है. जहां पर गुरुद्वारे की नींव रखी गई थी, आज वहां पर गाय-भैंस का तबेला चल रहा है.

नहीं हो सका अब तक गुरुद्वारे का निर्माण.

नहीं हो सका अब तक गुरुद्वारे का निर्माण

  • आदि गंगा गोमती के किनारे सीता कुंड घाट पर गुरुद्वारे की नींव रखी गई थी.
  • इसके बाद गुरु सिंह सभा की तरफ से बाकायदा जमीन का बैनामा लिया गया, चेयरमैन के सहयोग से खारिज दाखिल हुआ.
  • इस जगह पर कई वर्षों से अवैध तरीके से एक तबेला चल रहा है.
  • कई बार इसे हटाने के लिए गुरु सिंह साहब सभा ने प्रयास किया लेकिन प्रशासनिक सहयोग से वहां चल रहा तबेला आज तक नहीं हट सका है.

श्री गुरु सिंह सभा के चेयरमैन इंद्रजीत सिंह ने इस बारे में बताया कि अयोध्या से प्रयाग जाते समय गुरु तेग बहादुर ने यहां रात्रि विश्राम किया था. तत्कालीन नगर पालिका के चेयरमैन ने उस जमीन को ट्रस्ट के नाम किया था. उस दौरान काफी बाधाएं आई थीं. बमुश्किल दाखिल खारिज कराया जा सका था. एक दूधनाथ जी ने अवैध तरीके से इस जगह पर तबेला खोल रखा है. एसडीएम एसएन पांडे के कार्यकाल में इस मामले को उठाया गया, लेकिन प्रशासन के अधिकारियों ने सहयोग नहीं दिया. जिसकी वजह से गुरुद्वारा की नींव रखी गई लेकिन गुरुद्वारा अब तक अस्तित्व में नहीं आ सका है.

सुलतानपुर: गुरुवार को गुरु गोविंद के 353वां प्रकाश पर्व है, लेकिन जनपद का सिख समुदाय आज तक यहां गुरुद्वारे के अस्तित्व में आने की राह देख रहा है. भारत भ्रमण के दौरान सुलतानपुर में गुरु गोविंद सिंह के पिता गुरु तेग बहादुर ने इस गुरुद्वारे की नींव रखी थी. इस भ्रमण के दौरान अयोध्या से प्रयाग प्रस्थान करते समय रात्रि प्रवास सुलतानपुर में किया था.

गुरुद्वारे के निर्माण के लिए गुरु सिंह साहब सभा के प्रयास के बावजूद प्रशासनिक अधिकारी सहयोग को तैयार नहीं है. जहां पर गुरुद्वारे की नींव रखी गई थी, आज वहां पर गाय-भैंस का तबेला चल रहा है.

नहीं हो सका अब तक गुरुद्वारे का निर्माण.

नहीं हो सका अब तक गुरुद्वारे का निर्माण

  • आदि गंगा गोमती के किनारे सीता कुंड घाट पर गुरुद्वारे की नींव रखी गई थी.
  • इसके बाद गुरु सिंह सभा की तरफ से बाकायदा जमीन का बैनामा लिया गया, चेयरमैन के सहयोग से खारिज दाखिल हुआ.
  • इस जगह पर कई वर्षों से अवैध तरीके से एक तबेला चल रहा है.
  • कई बार इसे हटाने के लिए गुरु सिंह साहब सभा ने प्रयास किया लेकिन प्रशासनिक सहयोग से वहां चल रहा तबेला आज तक नहीं हट सका है.

श्री गुरु सिंह सभा के चेयरमैन इंद्रजीत सिंह ने इस बारे में बताया कि अयोध्या से प्रयाग जाते समय गुरु तेग बहादुर ने यहां रात्रि विश्राम किया था. तत्कालीन नगर पालिका के चेयरमैन ने उस जमीन को ट्रस्ट के नाम किया था. उस दौरान काफी बाधाएं आई थीं. बमुश्किल दाखिल खारिज कराया जा सका था. एक दूधनाथ जी ने अवैध तरीके से इस जगह पर तबेला खोल रखा है. एसडीएम एसएन पांडे के कार्यकाल में इस मामले को उठाया गया, लेकिन प्रशासन के अधिकारियों ने सहयोग नहीं दिया. जिसकी वजह से गुरुद्वारा की नींव रखी गई लेकिन गुरुद्वारा अब तक अस्तित्व में नहीं आ सका है.

Intro:स्पेशल. स्टोरी ईटीवी भारत
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शीर्षक : सुलतानपुर में जहां गुरु तेग बहादुर ने रखी गुरुद्वारे की नी़व, वहां आज चल रहा तबेला।

एंकर : भारत भ्रमण के दौरान सुल्तानपुर में गुरु गोविंद सिंह के पिता गुरु तेग बहादुर ने गुरुद्वारे की नींव रखी थी । अयोध्या से प्रयाग प्रस्थान के दौरान रात्रि प्रवास सुल्तानपुर में किया था। गुरु सिंह साहब सभा के प्रयास के बावजूद प्रशासनिक अधिकारी सहयोग को तैयार नहीं है। जहां गुरुद्वारे की नींव रखी गई थी। वहां आज गाय भैंस का तबेला चल रहा है।


Body:वीओ : गुरु गोविंद के 353 में प्रकाश पर्व पर आज भी सुल्तानपुर का सिख समुदाय आज भी गुरुद्वारे के अस्तित्व में आने की राह देख रहा है। भारत भ्रमण के दौरान गुरु गोविंद के पिता गुरु तेग बहादुर सुल्तानपुर में प्रवास किया। आदि गंगा गोमती के किनारे सीता कुंड घाट पर गुरुद्वारे की नींव रखी थी। इसके बाद गुरु सिंह सभा की तरफ से बाकायदा जमीन का बैनामा लिया गया। चेयरमैन के सहयोग से खारिज दाखिल हुआ। लेकिन प्रशासनिक सहयोग से वहां चल रहा तबेला आज तक नहीं हट सका।


बाइट : श्री गुरु सिंह सभा के चेयरमैन इंद्रजीत सिंह कहते हैं कि अयोध्या से प्रयाग जाते समय गुरु तेग बहादुर मैं सुल्तानपुर में रात्रि विश्राम किया था। तत्कालीन नगर पालिका के चेयरमैन ने उस जमीन को ट्रस्ट के नाम किया था। उस दौरान काफी विध्न बाधाएं आई थीं। बमुश्किल दाखिल खारिज कराया जा सका था। वहां एक दूधनाथ जी हैं। इन्होंने डेयरी खोल रखी है। वह भी अवैध तरीके से। यहां एसडीएम एसएन पांडे रहे। उनके कार्यकाल में इस मामले को उठाया गया। लेकिन प्रशासन के अधिकारियों ने सहयोग नहीं दिया। जिसकी वजह से गुरुद्वारा की नींव रखी गई लेकिन वहां अस्तित्व नहीं आ सका।


Conclusion:वीओ : गुरु तेग बहादुर के रात्रि प्रवास के दौरान बड़ी संख्या में सिख समुदाय सामने आया था और आदि गंगा गोमती के तट पर गुरु नानक देव की तरफ से कहे गए गुरु ग्रंथ साहिब को गुरुद्वारे में रखने की तैयारी की गई। लेकिन साडे तीन सौ साल बीतने को है। आज तक गुरु तेग बहादुर सिंह की मंशा साकार नहीं हो सकी।



आशुतोष मिश्रा सुल्तानपुर 94 15049 256
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