सुलतानपुर: गुरुवार को गुरु गोविंद के 353वां प्रकाश पर्व है, लेकिन जनपद का सिख समुदाय आज तक यहां गुरुद्वारे के अस्तित्व में आने की राह देख रहा है. भारत भ्रमण के दौरान सुलतानपुर में गुरु गोविंद सिंह के पिता गुरु तेग बहादुर ने इस गुरुद्वारे की नींव रखी थी. इस भ्रमण के दौरान अयोध्या से प्रयाग प्रस्थान करते समय रात्रि प्रवास सुलतानपुर में किया था.
गुरुद्वारे के निर्माण के लिए गुरु सिंह साहब सभा के प्रयास के बावजूद प्रशासनिक अधिकारी सहयोग को तैयार नहीं है. जहां पर गुरुद्वारे की नींव रखी गई थी, आज वहां पर गाय-भैंस का तबेला चल रहा है.
नहीं हो सका अब तक गुरुद्वारे का निर्माण
- आदि गंगा गोमती के किनारे सीता कुंड घाट पर गुरुद्वारे की नींव रखी गई थी.
- इसके बाद गुरु सिंह सभा की तरफ से बाकायदा जमीन का बैनामा लिया गया, चेयरमैन के सहयोग से खारिज दाखिल हुआ.
- इस जगह पर कई वर्षों से अवैध तरीके से एक तबेला चल रहा है.
- कई बार इसे हटाने के लिए गुरु सिंह साहब सभा ने प्रयास किया लेकिन प्रशासनिक सहयोग से वहां चल रहा तबेला आज तक नहीं हट सका है.
श्री गुरु सिंह सभा के चेयरमैन इंद्रजीत सिंह ने इस बारे में बताया कि अयोध्या से प्रयाग जाते समय गुरु तेग बहादुर ने यहां रात्रि विश्राम किया था. तत्कालीन नगर पालिका के चेयरमैन ने उस जमीन को ट्रस्ट के नाम किया था. उस दौरान काफी बाधाएं आई थीं. बमुश्किल दाखिल खारिज कराया जा सका था. एक दूधनाथ जी ने अवैध तरीके से इस जगह पर तबेला खोल रखा है. एसडीएम एसएन पांडे के कार्यकाल में इस मामले को उठाया गया, लेकिन प्रशासन के अधिकारियों ने सहयोग नहीं दिया. जिसकी वजह से गुरुद्वारा की नींव रखी गई लेकिन गुरुद्वारा अब तक अस्तित्व में नहीं आ सका है.