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सुलतानपुर: जान जोखिम में डाल स्टेडियम में प्रैक्टिस कर रहे खिलाड़ी

सुलतानपुर शहर के पंत स्पोर्ट्स स्टेडियम के बीच में एक व्यायाम शाला है. यहां बीते कई सालों में खिलाड़ियों ने प्रैक्टिस कर जिले का नाम रोशन किया. 2 साल पहले ही इस भवन को निश प्रयोजन घोषित किया जा चुका है. यहां के दरवाजे खिड़कियों को निकाल लिया गया है. मरम्मत कार्य बंद करा दिया गया है, लेकिन खिलाड़ी अभी भी यहीं प्रैक्टिस कर रहे हैं.

पंत स्पोर्ट्स स्टेडियम
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Published : Mar 6, 2019, 11:29 PM IST

सुलतानपुर: खेल विभाग के अफसरों की संवेदनहीनता ने कई खिलाड़ियों की जान जोखिम में डाल दी है. जर्जर हालत के चलते जो भवन बेकार हो चुका है, उसी में खिलाड़ी प्रैक्टिस करने को मजबूर हैं. यह मामला जिले के पंत स्पोर्ट्स स्टेडियम से जुड़ा है. जिम्मेदार अधिकारियों का कहना है कि यह प्रशासन की जिम्मेदारी है कि वह भवन गिरवाए और नए भवन का निर्माण कराए.

पंत स्पोर्ट्स स्टेडियम में है यह व्यायाम शाला


सुलतानपुर शहर के पंत स्पोर्ट्स स्टेडियम के बीच में एक व्यायामशाला है. यहां बीते कई सालों में खिलाड़ियों ने प्रैक्टिस कर जिले का नाम रोशन किया. 2 साल पहले ही इस भवन को निश प्रयोजन घोषित किया जा चुका है. यहां के दरवाजे खिड़कियों को निकाल लिया गया है. मरम्मत कार्य बंद करा दिया गया है, लेकिन खिलाड़ी अभी भी यहीं प्रैक्टिस कर रहे हैं. ऐसे में अगर इस जर्जर भवन का कोई हिस्सा गिरा तो खिलाड़ियों के जीवन के प्रति कौन जिम्मेदार होगा. इसे लेकर खेल अफसर जवाब देने को तैयार नहीं हैं. प्रशासन भी बचाव की मुद्रा में है.


व्यायामशाला के अलावा कोई भी ऐसा स्थान नहीं है, जहां खिलाड़ी प्रैक्टिस कर सकें. नए भवन में अधिकारियों का कब्जा है. ऐसे में मजबूरी में खिलाड़ी अपने आप को उभारने और अपनी प्रतिभा निखारने के लिए इस जर्जर भवन का इस्तेमाल कर रहे हैं. महिला खिलाड़ी भी खेल प्रतियोगिता से पूर्व इसी भवन का उपयोग करती हैं.

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सुलतानपुर: खेल विभाग के अफसरों की संवेदनहीनता ने कई खिलाड़ियों की जान जोखिम में डाल दी है. जर्जर हालत के चलते जो भवन बेकार हो चुका है, उसी में खिलाड़ी प्रैक्टिस करने को मजबूर हैं. यह मामला जिले के पंत स्पोर्ट्स स्टेडियम से जुड़ा है. जिम्मेदार अधिकारियों का कहना है कि यह प्रशासन की जिम्मेदारी है कि वह भवन गिरवाए और नए भवन का निर्माण कराए.

पंत स्पोर्ट्स स्टेडियम में है यह व्यायाम शाला


सुलतानपुर शहर के पंत स्पोर्ट्स स्टेडियम के बीच में एक व्यायामशाला है. यहां बीते कई सालों में खिलाड़ियों ने प्रैक्टिस कर जिले का नाम रोशन किया. 2 साल पहले ही इस भवन को निश प्रयोजन घोषित किया जा चुका है. यहां के दरवाजे खिड़कियों को निकाल लिया गया है. मरम्मत कार्य बंद करा दिया गया है, लेकिन खिलाड़ी अभी भी यहीं प्रैक्टिस कर रहे हैं. ऐसे में अगर इस जर्जर भवन का कोई हिस्सा गिरा तो खिलाड़ियों के जीवन के प्रति कौन जिम्मेदार होगा. इसे लेकर खेल अफसर जवाब देने को तैयार नहीं हैं. प्रशासन भी बचाव की मुद्रा में है.


व्यायामशाला के अलावा कोई भी ऐसा स्थान नहीं है, जहां खिलाड़ी प्रैक्टिस कर सकें. नए भवन में अधिकारियों का कब्जा है. ऐसे में मजबूरी में खिलाड़ी अपने आप को उभारने और अपनी प्रतिभा निखारने के लिए इस जर्जर भवन का इस्तेमाल कर रहे हैं. महिला खिलाड़ी भी खेल प्रतियोगिता से पूर्व इसी भवन का उपयोग करती हैं.

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Intro:शीर्षक - खिलाड़ियों के जीवन से खिलवाड़, निष्परयोज्य व्यायामशाला हो रहा रियाज। खेल विभाग के अफसरों ने संवेदनहीनता की हद पार कर दी है भारत का नाम राष्ट्रीय पटल पर लहराने वाले खिलाड़ियों के जीवन को दांव पर लगा दिया गया है। जो भवन निश प्रयोजन किया जा चुका है। उसमें खिलाड़ियों से रियाज़ कराई जा रही है। प्रकरण सुल्तानपुर जिले के पंत स्पोर्ट्स स्टेडियम से जुड़ा हुआ है। जहां जिम्मेदार अधिकारी बयान देने से बच रहे हैं । कह रहे हैं कि यह प्रशासन की जिम्मेदारी है कि वह भवन ढहवाए और नया भवन का निर्माण कराया जाए। इस पूरे मामले में खिलाड़ियों के संरक्षण और उन्हें बेहतर खेल के अवसर प्रदान करने की कवायद पर सवालिया निशान लगा दिए हैं।


Body:शहर के बीचोबीच स्थित पंत स्पोर्ट्स स्टेडियम के बीच में व्यायाम शाला है। जहां कई साल पहले रियाज होती रही । लोग दंड बैठक लगाते रहे। जिम करते रहे। जिमनास्टिक होती रही और भी तरह-तरह की एथलेटिक खेल प्रतियोगिताएं होती रही है। लोग वहां प्रैक्टिस करते रहे और सुल्तानपुर का नाम ऊंचा करते रहे हैं। ऐसे बहुत से खिलाड़ी हैं, जिनको यहां से एक मुकाम मिला है। 2 साल पहले ही इस भवन को निश प्रयोजन घोषित किया जा चुका है। यहां के दरवाजे खिड़कियों को निकाल लिया गया है। मरम्मत कार्य बंद करा दिया गया है । लेकिन खिलाड़ी अभी भी यहीं रियाज कर रहे हैं। ऐसे में अगर कभी भवन का कोई हिस्सा गिरा तो खिलाड़ियों के जीवन के प्रति कौन जवाब देगा। इसे लेकर खेल अफसर जवाब देने को तैयार नहीं है। प्रशासन भी बचाव की मुद्रा में है।


Conclusion:वाइस ओवर - व्यायामशाला के अलावा कोई भी ऐसा स्थान नहीं है । जहां खिलाड़ी रियाज कर सकें। नए भवन में अधिकारियों का कब्जा है । कार्यालय चल रहे हैं और वहां खिलाड़ियों को फटकने नहीं दिया जाता है। ऐसे में मजबूरी में खिलाड़ी अपने आप को उभारने और अपनी प्रतिभा निखारने के लिए इस निश प्रयोजन का इस्तेमाल कर रहे हैं। यहां व्यायाम से पूर्व रियाज कर रहे हैं। इसके अलावा लड़कियां भी खेल प्रतियोगिता से पूर्व इस भवन का उपयोग करती हैं। बड़े पैमाने पर इसका उपयोग हो रहा है। लेकिन अगर कोई हादसा हुआ तो इसके जिम्मेदार कौन होगा। इस पर कोई बयान देने को तैयार नहीं है। आशुतोष मिश्रा 94150 256
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