सुलतानपुर : पुलिस ने शनिवार को अपहरण की एक घटना का खुलासा कर दिया. पुलिस ने बताया कि पूर्व महिला कोटेदार ने ग्राम प्रधान से रंजिस के चलते उसे फंसाने की कोशिश की. अपहरण की साजिश रचते हुए महिला ने अपने दो बच्चों को अयोध्या निवासी एक परिचित के घर पहुंचा दिया. इसके बाद प्रधान के खिलाफ अपहरण का मुकदमा दर्ज करा दिया.
मामले की जांच में पुलिस को संदेह हुआ तो कलयुगी मां के साजिश का पर्दाफाश हो गया. इस पूरी साजिश में महिला का एक और सहयोगी शामिल था. इसके बाद पुलिस ने सहयोगी समेत उसे गिरफ्तार कर लिया. साजिश में शामिल दोनों आरोपियों को जेल भेजने की कार्रवाई जा रही है.
बता दें कि मामला सुल्तानपुर जिले के लंभुआ थानाक्षेत्र के देवलपुर गांव से जुड़ा है. खंडसे निवासी रानी सिंह पूर्व कोटेदार रही हैं. उनकी स्थानीय प्रधान से चुनाव को लेकर रंजिश चल रही थी. रानी सिंह ने उसी गांव के रहने वाले अपने एक सहयोगी अखिलेश यादव के साथ मिलकर एक साजिश रची.
अपने ही दोनों बच्चों को षड्यंत्र का मोहरा बना दिया. इसके बाद महिला ने अपने दोनों बच्चों को अयोध्या जिले के बीकापुर स्थित एक आरा मशीन संचालक परिचित के यहां पहुंचा दिया.
आरा मशीन संचालक के संरक्षण में बच्चों को सुपुर्द कर प्रधान को सबक सिखाने के लिए अपहरण की साजिश रची. पुलिस ने प्रकरण को गंभीरता से लिया और तत्काल अपहरण का मुकदमा प्रधान के खिलाफ दर्ज कर लिया.
हालांकि पुलिस ने मामले की गहनता से जांच की जिसमें सारा मामला खुलकर सामने आ गया. पता चला कि महिला ने खुद अपहरण की साजिश कर पूरी घटना को अंजाम दिया है. मामले के खुलासे के बाद पुलिस ने महिला के साथ साजिश में शामिल उसके सहयोगी को गिरफ्तार कर लिया है. साथ ही पुलिस दोनों को जेल भेजने की कार्रवाई में जुट गई है.
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पुलिस ने बताया कि रानी सिंह ने अपहरण की सूचना दी थी. कहा था कि उनके दो बच्चे महिमा और आयुष का अपहरण कर लिया गया है. अपहरण में ग्राम प्रधान का हाथ होने की बात कही थी. इसके बाद लाल सिंह, उषा सिंह, बलराम यादव समेत चार के खिलाफ अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया था.
जांच और पूछताछ में मिली जानकारी के आधार पर अयोध्या के बीकापुर स्थित शेरखान की आरा मशीन से महिमा और आयुष को बरामद किया गया. पूछताछ में सामने आया कि ग्राम प्रधान का रानी सिंह से पंचायत चुनाव को लेकर विवाद चल रहा था.
ग्राम प्रधान ने रानी सिंह का कोटा निरस्त कराया था. कमिश्नर के यहां इसका मुकदमा चल रहा है. रानी सिंह को बचने का कोई रास्ता नहीं मिला तो उन्होंने षड्यंत्र की साजिश रची.
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