सुलतानपुरः सुलतानपुर जिला एवं सत्र न्यायालय ने बुधवार को बहुचर्चित चौहरे हत्याकांड में एसपी अमेठी, तत्कालीन कोतवाल अमेठी उमाकांत शुक्ला व क्राइम ब्रांच निरीक्षक परशुराम ओझा के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है. कोर्ट के आदेश के बाद खाकी में हड़कम्प मच गया है. कोर्ट ने कहा है कि तीनों मिलकर चार लोगों की हत्या के मामले में नियमों की धज्जियां उड़ाई थी.
19 मई को होगी सुनवाई
कोर्ट ने तीनो के खिलाफ विस्तृत जांच के भी आदेश दिए हैं. आदेश की प्रति मुख्य सचिव(गृह), आईजी लखनऊ व डीआईजी अयोध्या को भेजने का आदेश दिया है. जिला जज जयप्रकाश पांडेय ने चार्ज पर सुनवाई के दौरान तीन अभियुक्तों की तरफ से पड़ी डिस्चार्ज अर्जी को खारिज कर आरोप विरचित करने के लिए 19 मई की तारीख लगाई है.
ये है पूरी घटना
अमेठी कोतवाली क्षेत्र के पूरे तिवारी मजरे गुंगवाछ गांव में 15 मार्च 2022 को लाठी-डंडों और सरिया से हमला कर एक ही परिवार के चार लोगों की हत्या हुई थी. अभियोगी अमरजीत यादव ने मामले में राम दुलारे यादव, उनके पुत्र अखिलेश यादव, बृजेश यादव, अभिषेक यादव उर्फ छोटू एवं मौजूदा ग्राम प्रधान आशा तिवारी, उनके पति राम शंकर तिवारी व पुत्र नितिन तिवारी के खिलाफ हत्या सहित अन्य आरोपों में नामजद मुकदमा अमेठी कोतवाली में दर्ज कराया था. विवेचना के दौरान तत्कालीन अमेठी कोतवाल ने सभी नामजद आरोपियों के खिलाफ हत्या सहित अन्य आरोपों में चार्जशीट भेजी और अज्ञात आरोपियों के खिलाफ विवेचना जारी रखी थी. विवेचना के दौरान विवेचक ने मनमानी जांचकर प्रधान पति रामशंकर तिवारी को क्लीन चिट देते हुए सीजेएम कोर्ट में 169 सीआरपीसी की रिपोर्ट प्रेषित की थी. इसी आधार पर कोर्ट से रामशंकर तिवारी की रिहाई के लिए मांग की थी.
सीजेएम ने दिया था जमानत
शेष छह आरोपियों के खिलाफ विवेचक ने पूरक चार्ज शीट भेजी थी. तत्कालीन सीजेएम किरन गोंड ने विवेचक की 169 की रिपोर्ट को स्वीकार करते हुए आरोपी रामशंकर तिवारी को रिहा करने का आदेश जारी किया था. इस दौरान आरोपी की रिहाई के लिए बचाव पक्ष से अधिवक्ता संतोष कुमार पाण्डेय ने पैरवी की थी.
अभियोजन पक्ष की ओर से शासकीय अधिवक्ता राम अचल मिश्र ने बताया कि चार लोगों की हत्या के मामले में 6 नामजद व 4 अज्ञात के खिलाफ अमेठी कोतवाली में हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ था. पुलिस ने सभी 10 आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट भेज दिया. इसके बाद एसपी अमेठी ने मामले में पुनः विवेचना के आदेश दे दिए, जिसमें दौरान विवेचना एक का नाम पुलिस ने निकाल दिया. इसके बाद शेष 3 लोगों ने इसी ग्राउंड पर सत्र न्यायालय में नाम निकालने की अर्जी की, जिस पर कोर्ट ने जांच किया, झोल देखते हुए अब कोर्ट ने ये एक्शन लिया है.
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