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ब्रह्मचारिणी नदी में श्रमदान टेंडर हथियाने का हथकंडा : अबरार अहमद - sultanpur news

सुलतानपुर में सपा विधायक अबरार अहमद ने जिले के विधायक चंद्र भद्र सिंह व उनके भाई यश भद्र सिंह पर हमला बोला है. उनका कहना है कि सुलतानपुर-अयोध्या के बीच स्थित ब्रह्मचारिणी नदी के लिए किया जा रहा श्रमदान टेंडर हथियाने का तरीका है.

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सपा विधायक ने ब्रह्मचारिणी नदी में श्रमदान को बताया टेंडर हथियाने का हथकंडा
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Published : Feb 23, 2020, 6:21 AM IST

सुलतानपुर: जिले के बाहुबली विधायक चंद्र भद्र सिंह व उनके भाई यश भद्र सिंह पर सपा विधायक अबरार अहमद ने प्रोपेगेंडा का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि यह टेंडर हथियाने के लिए किया जा रहा हथकंडा है, जिससे कार्यदाई संस्था से वसूली की जा सके.

सपा विधायक ने ब्रह्मचारिणी नदी में श्रमदान को बताया टेंडर हथियाने का हथकंडा.

जिले में स्थित ब्रह्मचारिणी नदी इस समय ढबिया नाले के नाम से जानी जाती है. यह हमेशा जलमग्न रहती है. इसकी वजह से लगभग 15 हेक्टेयर भूमि के किसानों को खेती किसानी से वंचित होना पड़ता है. हमेशा पानी भरा रहने से केवल धान की फसल ही हो पाती है. वह भी पानी में डूबे रहने वाले धान की किस्म से ही उत्पन्न की जा सकती हैं. जिसमें पूर्व विधायक बाहुबली चंद्र भद्र सिंह सोनू व उनके भाई जिला पंचायत सदस्य यश भद्र सिंह मोनू श्रमदान कर नदी के जीर्णोद्धार के लिए जुटे हुए हैं.

सपा विधायक अबरार अहमद का कहना है कि नाबार्ड की तरफ से नदी के जीर्णोद्धार के लिए 50 लाख रुपये मिला था. इसी समय चुनाव आ गया और वह धनराशि वापस लौट गई. दोबारा फिर प्रयास किया गया. योगी जी के आने के दौरान यह मुद्दा उठाया गया था. जिला योजना की बैठक के दौरान कुछ भाजपाइयों से इसके जीर्णोद्धार की बात कही गई थी. जब इन लोगों को मालूम हुआ कि स्वीकृति हो गई. तब इन लोगों ने श्रमदान करने की बात कहते हुए वहां काम लगा दिया है. टेंडर हथियाने के लिए.

सुलतानपुर: जिले के बाहुबली विधायक चंद्र भद्र सिंह व उनके भाई यश भद्र सिंह पर सपा विधायक अबरार अहमद ने प्रोपेगेंडा का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि यह टेंडर हथियाने के लिए किया जा रहा हथकंडा है, जिससे कार्यदाई संस्था से वसूली की जा सके.

सपा विधायक ने ब्रह्मचारिणी नदी में श्रमदान को बताया टेंडर हथियाने का हथकंडा.

जिले में स्थित ब्रह्मचारिणी नदी इस समय ढबिया नाले के नाम से जानी जाती है. यह हमेशा जलमग्न रहती है. इसकी वजह से लगभग 15 हेक्टेयर भूमि के किसानों को खेती किसानी से वंचित होना पड़ता है. हमेशा पानी भरा रहने से केवल धान की फसल ही हो पाती है. वह भी पानी में डूबे रहने वाले धान की किस्म से ही उत्पन्न की जा सकती हैं. जिसमें पूर्व विधायक बाहुबली चंद्र भद्र सिंह सोनू व उनके भाई जिला पंचायत सदस्य यश भद्र सिंह मोनू श्रमदान कर नदी के जीर्णोद्धार के लिए जुटे हुए हैं.

सपा विधायक अबरार अहमद का कहना है कि नाबार्ड की तरफ से नदी के जीर्णोद्धार के लिए 50 लाख रुपये मिला था. इसी समय चुनाव आ गया और वह धनराशि वापस लौट गई. दोबारा फिर प्रयास किया गया. योगी जी के आने के दौरान यह मुद्दा उठाया गया था. जिला योजना की बैठक के दौरान कुछ भाजपाइयों से इसके जीर्णोद्धार की बात कही गई थी. जब इन लोगों को मालूम हुआ कि स्वीकृति हो गई. तब इन लोगों ने श्रमदान करने की बात कहते हुए वहां काम लगा दिया है. टेंडर हथियाने के लिए.

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