सुलतानपुर: मौत का डर रिश्तों की मजबूती को कमजोर कर देता है. इसका जीता जागता उदाहरण सुलतानपुर में उस समय देखने को मिला, जब कोविड-19 पॉजिटिव रिपोर्ट आने पर पिता का शव लेने से एक बेटे ने इनकार कर दिया. इसके बाद पत्र लिखकर इसकी सूचना सीएमओ को दी गई. वहीं प्रशासनिक अफसरों ने अभिभावक का फर्ज निभाया और शव का पीपीई किट सुरक्षा उपकरण के जरिए अंतिम संस्कार कराया गया.
कादीपुर खुर्द के रहने वाले नारायण तिवारी निजी कार से मुंबई से आए थे, जिसके बाद वह बीमार पड़ गए. वहीं 18 जून को नारायण तिवारी का सैंपल जांच के लिए भेजा गया. सैंपल में उन्हें कोरोना पॉजिटिव पाया गया. इस दौरान उनकी मौत हो गई. वहीं उनकी मौत के बाद उनका शव मोर्चरी में रख दिया गया. यहां पर एक सप्ताह बाद शव की कोविड-19 पॉजिटिव रिपोर्ट आने पर अंतिम संस्कार के लिए परिजनों को सौंपने की तैयारी शुरू हुई. इस बीच उनके पुत्र विवेक तिवारी ने शव लेने से इनकार कर दिया और मुख्य चिकित्सा अधिकारी को पत्र देकर प्रशासन की तरफ से शव का अंतिम संस्कार कराने जाने की मांग की.
उप जिलाधिकारी सदर रामजीलाल ने बताया कि परिजनों की तरफ से शव लेने से इनकार करने पर अंतिम संस्कार प्रशासन की तरफ से करा दिया गया है. 18 जून को इनका सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा गया. 21 जून को आई रिपोर्ट में इन्हें कोविड-19 पॉजिटिव पाया गया. परिजनों को इसकी सूचना दी गई. इसके बाद परिजनों की तरफ से शव लेने से इनकार कर दिया गया. मंगलवार को शव का अंतिम संस्कार प्रशासन की तरफ से करा दिया गया है.
अंतिम संस्कार पर भड़के स्थानीय लोग
शहर के विनोबापुरी मोहल्ले में स्थित श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार की तैयारी के दौरान लोग भड़क गए. उन्होंने कहा कि अंतिम संस्कार यहां न किया जाए, अन्यथा मोहल्ले में भी संक्रमण फैल सकता है. इस दौरान प्रशासन और मोहल्लेवासियों में नोकझोंक हुई. आखिरकार प्रशासन की ओर से काफी मनाने के बाद स्थानीय नागरिक माने और अंतिम संस्कार किया गया.