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फोरलेन से निकला 350 करोड़ के घोटाले का जिन्न, बिठाई गई उच्च स्तरीय जांच

यूपी के सुलतानपुर जिले में लखनऊ-वाराणसी फोरलेन निर्माणाधीन है. इसी बीच निर्माण से जुड़ा बड़ा घोटाला सामने आने से शासन-प्रशासन में हड़कंप मच गया है. शासन स्तर से मामले में उच्च स्तरीय जांच के लिए कमेटी भी गठित कर दी गई है. यहां बनने वाले बाईपास की जमीनों का भुगतान नेशनल हाईवे की जमीन के दर से किया गया है. खाते में मालियत से ज्यादा पैसा पहुंचने से किसान भी सकते में आ गए थे.

शासन ने बिठाई उच्च स्तरीय जांच
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Published : Mar 27, 2019, 2:25 PM IST

सुलतानपुर : लखनऊ-वाराणसी फोरलेन पर घोटाले का जिन्न एक बार फिर बोतल से बाहर आ गया है. नेशनल हाईवे की रोड की दर से बाईपास की जमीन का भुगतान कर अफसरों ने साढ़े 300 करोड़ रुपए डकार लिए. इसमें आईएएस और बड़े पैमाने पर पीसीएस अफसरों की संलिप्तता सामने आई है. घोटाले का कद इतना बड़ा था कि शासन स्तर मामले की उच्च स्तरीय जांच गठित कर दी गई है.

शासन ने बिठाई उच्च स्तरीय जांच

लखनऊ-वाराणसी फोरलेन इस समय निर्माणाधीन है. सुल्तानपुर से लखनऊ के बीच लगभग 70 से 80 फीसदी काम हो चुका है. वाहन नए फोरलेन पर दौड़ने लगे हैं. बाईपास बाजार को अप्रभावित करने के लिए बनाया गया है, जिससे यातायात प्रभावित न हो और कस्बों की सूरत न बिगड़े. यही स्थिति लंभुआ तहसील में भी देखी गई है, जो सुल्तानपुर वाराणसी के बीच स्थित है. लंभुआ तहसील क्षेत्र में नेशनल हाईवे की जमीन की दर से बाईपास की जमीन का भुगतान किया गया है, जबकि यह बाईपास की जमीन नेशनल हाईवे से कोसों दूर है.

वहीं किसानों के खाते में जब यह पैसा पहुंचा तो किसान भी सकते में आ गए. मामला यह रहा कि मालियत से कई गुना ज्यादा धनराशि मिलने से सभी सकते हैं. प्रशासन ने इसी बीच किसानों के खाते फ्रीज कर दिए हैं. जिला अधिकारी दिव्य प्रकाश गिरी ने बताया कि पूरे मामले को शासन स्तर से संज्ञान में लिया गया है. उच्च स्तरीय जांच टीम गठित की गई है. जांच की रिपोर्ट के आधार पर शासन स्तर से ही कार्रवाई की जाएगी. सरकार 300 करोड़ के घोटाले को लेकर गंभीर है, इस पर बारीकी से नजर रखी जा रही है. माना जा रहा है कि इस जांच से कई अधिकारियों पर गाज गिर सकती है.

सुलतानपुर : लखनऊ-वाराणसी फोरलेन पर घोटाले का जिन्न एक बार फिर बोतल से बाहर आ गया है. नेशनल हाईवे की रोड की दर से बाईपास की जमीन का भुगतान कर अफसरों ने साढ़े 300 करोड़ रुपए डकार लिए. इसमें आईएएस और बड़े पैमाने पर पीसीएस अफसरों की संलिप्तता सामने आई है. घोटाले का कद इतना बड़ा था कि शासन स्तर मामले की उच्च स्तरीय जांच गठित कर दी गई है.

शासन ने बिठाई उच्च स्तरीय जांच

लखनऊ-वाराणसी फोरलेन इस समय निर्माणाधीन है. सुल्तानपुर से लखनऊ के बीच लगभग 70 से 80 फीसदी काम हो चुका है. वाहन नए फोरलेन पर दौड़ने लगे हैं. बाईपास बाजार को अप्रभावित करने के लिए बनाया गया है, जिससे यातायात प्रभावित न हो और कस्बों की सूरत न बिगड़े. यही स्थिति लंभुआ तहसील में भी देखी गई है, जो सुल्तानपुर वाराणसी के बीच स्थित है. लंभुआ तहसील क्षेत्र में नेशनल हाईवे की जमीन की दर से बाईपास की जमीन का भुगतान किया गया है, जबकि यह बाईपास की जमीन नेशनल हाईवे से कोसों दूर है.

वहीं किसानों के खाते में जब यह पैसा पहुंचा तो किसान भी सकते में आ गए. मामला यह रहा कि मालियत से कई गुना ज्यादा धनराशि मिलने से सभी सकते हैं. प्रशासन ने इसी बीच किसानों के खाते फ्रीज कर दिए हैं. जिला अधिकारी दिव्य प्रकाश गिरी ने बताया कि पूरे मामले को शासन स्तर से संज्ञान में लिया गया है. उच्च स्तरीय जांच टीम गठित की गई है. जांच की रिपोर्ट के आधार पर शासन स्तर से ही कार्रवाई की जाएगी. सरकार 300 करोड़ के घोटाले को लेकर गंभीर है, इस पर बारीकी से नजर रखी जा रही है. माना जा रहा है कि इस जांच से कई अधिकारियों पर गाज गिर सकती है.

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शीर्षक - फोरलेन से निकला 350 करोड़ घोटाले का जिन्न, संलिप्त अफसर पसीना-पसीना।


सुलतानपुर - लखनऊ वाराणसी फोरलेन से घोटाले का जिन्न एक बार फिर बोतल के बाहर आ गया है। नेशनल हाईवे की रोड की दर से बाईपास की जमीन का भुगतान कर अफसरों ने साडे 300 करोड़ रुपए निकल लिया है। इसमें आईएस और बड़े पैमाने पर पीसीएस अफसरों की संलिप्तता सामने आई है । घोटाले का कद इतना बड़ा था कि शासन स्तर से हड़कंप मच गया। पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच शासन की तरफ से गठित कर दी गई है। ऐसे में यह माना जा रहा है कि लखनऊ वाराणसी फोरलेन प्राधिकरण के प्रभारी अधिकारी, जिला अधिकारी और जिलाधिकारी समेत कई अफसर जांच के दायरे में आएंगे। उन पर गाज गिरनी तय मानी जा रही है।


Body:लखनऊ वाराणसी फोरलेन इस समय निर्माणाधीन है। सुल्तानपुर से लखनऊ के बीच लगभग 70 से 80 फ़ीसदी काम हो चुका है। वाहन नए फोर पर दौड़ने लगे हैं । बाईपास बाजार को अप्रभावित करने के लिए बनाया गया है । जिससे यातायात प्रभावित ना हो और कस्बों की सूरत ना बिगड़े । यही स्थिति लंभुआ तहसील में भी देखी गई है। जो सुल्तानपुर वाराणसी के बीच दूर स्थित है। लंभुआ तहसील क्षेत्र में नेशनल हाईवे की जमीन के दर से बाईपास की जमीन का भुगतान किया गया है। जबकि यह बाईपास की जमीन नेशनल हाईवे से कोसों दूर है । ग्रामीण क्षेत्र की मालियत अधिक है। बावजूद नेशनल हाईवे की दर से पैसा जारी कर दिया है। किसानों के खाते में पहुंचा तो किसान भी सकते में आ गए । मामला यह रहा कि मालियत से कई गुना ज्यादा धनराशि मिलने से सभी सकते हैं। प्रशासन ने इसी बीच किसानों के खाते फ्रीज कर दिए गए हैं।


Conclusion:बाइट - जिला अधिकारी दिव्य प्रकाश गिरी ने बताया कि पूरा मामला शासन स्तर से संज्ञान में लिया गया है । उच्च स्तरीय जांच टीम गठित की गई है। जांच की रिपोर्ट के आधार पर शासन स्तर से ही कार्रवाई की जाएगी। सरकार 300 करोड़ के घोटाले कर गंभीर है। इस पर बारीकी से नजर रखी जा रही है।


वॉइस ओवर - लखनऊ वाराणसी फोरलेन में घोटाले का जिन्न नया नहीं है । इससे पहले भी कई घोटाले होते रहे हैं। फोरलेन प्राधिकरण कार्यालय से जुड़े केसरी श्रीवास्तव गबन के एक मामले में जेल जा चुके हैं। कई अधिकारियों के तबादले हो चुके हैं। बावजूद घोटाले रुकने का नाम नहीं ले रहा है। जो आता है घोटाला करता है और चला जाता है । जांच चलती रहती है, सरकारी कार्य इसे समझ कर खानापूर्ति की जाती रहती है।

आशुतोष मिश्रा, 9121293029
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