सुलतानपुर: रेलगाड़ी की तर्ज पर राजमार्ग और संपर्क मार्गों पर दुर्घटना बाहुल्य क्षेत्र में काशन (गति सीमा निर्धारण की प्रक्रिया) लगाए जाएंगे. यातायात विभाग, पीडब्ल्यूडी, एनएचएआई, पुलिस विभाग और पीडब्ल्यूडी के संयुक्त समन्वय से यह कवायद शुरू की जा रही है. क्योंकि साल 2021 में हादसों के चलते मृतकों की संख्या काफी ज्यादा दर्ज की गई है.
बता दें कि सोमवार को जिले में सड़क सुरक्षा सप्ताह का आयोजन किया गया. इस दौरान यातायात और पुलिस विभाग की तरफ से कार्यक्रम में शामिल युवाओं को संबोधित किया गया. पुलिस अधीक्षक ने कहा कि नागरिकों की जागरुकता से ही हादसों के ग्राफ पर लगाम लगाया जा सकता है.
साथ ही परिवहन विभाग और पुलिस विभाग ने संयुक्त रूप से जागरूकता अभियान चलाया गया. इस दौरान बाइक रैली निकालकर लोगों को जागरुक किया गया. सड़क के मुख्य मार्गों पर भ्रमण के दौरान एआरटीओ नंद कुमार की तरफ से रैली में शामिल लोगों को हेलमेट लगाने के साथ यातायात नियमों का पालन करने के लिए प्रेरित किया. एआरटीओ नंद कुमार ने कहा कि हादसे होने की दशा में जो अंग प्रभावित हो जाते हैं, वह पहले की दशा में कभी नहीं आते हैं.
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पुलिस अधीक्षक डॉ विपिन मिश्र ने कहा कि लोग यह समझते हैं कि ट्रैफिक रुल्स दूसरों के लिए हैं, इसी वजह से हादसे बढ़ रहे हैं. सड़क सुरक्षा सप्ताह को और गुणवत्ता पूर्ण ढंग से मनाने के लिए छात्रों और युवकों को बुलाया गया है. उन्हें सड़क सुरक्षा संबंधी तमाम जानकारियां दी गई हैं.
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि साल 2001 के आंकड़ों में सुलतानपुर जिले में 171 हादसे होने का रिकॉर्ड है. जिसमें 198 लोगों ने अपनी जान गंवाई है. इसके चलते यातायात को धीमा चलाने के लिए दुर्घटना बाहुल्य सड़कों पर काशन लगाए जाएंगे. इस संदर्भ में पीडब्ल्यूडी और एनएचएआई के अधिकारियों से वार्ता की जा रही है.
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