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अजमल सुलतानपुरी के नाम से बन रही सड़क, मुसाफिर करेंगे गंगा-जमुनी तहजीब का एहसास

प्रख्यात शायर अजमल सुलतानपुरी के निधन के बाद उनके मोहल्ले से गुजरने वाली प्रमुख सड़क को एक बार फिर उनके नाम से पहचान देने की कवायद शुरू हो गई है. नगर पालिका प्रशासन ने शिलापट्ट दुरुस्त कराने की कार्रवाई शुरू की है.

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अजमल सुलतानपुरी
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Published : Feb 1, 2020, 2:50 AM IST

सुलतानपुर: साथी तुम किस देश चलोगे, तुम भी राही मैं भी राही. मेरा साथ कहां तक दोगे, तुम भी रही मैं भी राही. अजमल सुलतानपुरी की इन पंक्तियों का चित्रण करने का सुलतानपुर नगर पालिका प्रशासन ने जिम्मा उठाया है. अजमल सुलतानपुरी शहर के जिस मोहल्ले में रहते थे, वहां से गुजरने वाली सड़क को अजमल सुलतानपुरी मार्ग का नाम दिया जा रहा है.

अजमल सुलतानपुरी के नाम से बन रही सड़क.

शिलापट्ट के माध्यम से अजमल की दिलाई जाएगी याद
सड़क के दोनों छोर पर अजमल सुलतानपुरी मार्ग के शिलापट्ट लगाए जाएंगे, जिससे यहां से गुजरने वाले लोगों को अजमल सुल्तानपुरी के संदेश की याद दिलाई जा सके. गंगा जमुनी तहजीब के वास्तविक चित्रण का एहसास सड़क के नाम के माध्यम से कराने का प्रयास किया जा रहा है. हालांकि शिलापट्ट पहले लगाया गया था लेकिन असहयोग के चलते मार्ग को मूर्त रूप नहीं दिया जा सका था.

कइयों के दिलों में आज भी जिंदा हैं अजमल सुलतानपुरी
बता दें कि अजमल सुलतानपुरी के निधन के दूसरे दिन भी उनके मोहल्ले में उनकी यादों को लेकर चर्चाएं होती रही थी. लोग उनकी रचनाएं पढ़ते रहे और उनकी मंशा और सपने को साकार करने की बातें कर रहे थे. उनका निधन भले ही हो गया हो लेकिन लोगों के दिलों में जैसे वो आज भी जिंदा हैं.

यह भी पढ़ेंः-सुलतानपुर जंक्शन से गायब हुए मालगाड़ी के डिब्बे का नहीं मिला कोई सुराग, मामला दर्ज

अनु चौराहे से दरियापुर तक जो सड़क बनाई गई है उसका अजमल सुल्तानपुरी मार्ग नामकरण किया जा रहा है. पत्थर पहले ही लगाया गया था लेकिन किसी भारी वाहन की चपेट में आकर गिर गया था. अब नया पत्थर लगाने की कार्रवाई की जा रही है.
-बबिता जायसवाल, चेयरमैन नगर पालिका परिषद्

सुलतानपुर: साथी तुम किस देश चलोगे, तुम भी राही मैं भी राही. मेरा साथ कहां तक दोगे, तुम भी रही मैं भी राही. अजमल सुलतानपुरी की इन पंक्तियों का चित्रण करने का सुलतानपुर नगर पालिका प्रशासन ने जिम्मा उठाया है. अजमल सुलतानपुरी शहर के जिस मोहल्ले में रहते थे, वहां से गुजरने वाली सड़क को अजमल सुलतानपुरी मार्ग का नाम दिया जा रहा है.

अजमल सुलतानपुरी के नाम से बन रही सड़क.

शिलापट्ट के माध्यम से अजमल की दिलाई जाएगी याद
सड़क के दोनों छोर पर अजमल सुलतानपुरी मार्ग के शिलापट्ट लगाए जाएंगे, जिससे यहां से गुजरने वाले लोगों को अजमल सुल्तानपुरी के संदेश की याद दिलाई जा सके. गंगा जमुनी तहजीब के वास्तविक चित्रण का एहसास सड़क के नाम के माध्यम से कराने का प्रयास किया जा रहा है. हालांकि शिलापट्ट पहले लगाया गया था लेकिन असहयोग के चलते मार्ग को मूर्त रूप नहीं दिया जा सका था.

कइयों के दिलों में आज भी जिंदा हैं अजमल सुलतानपुरी
बता दें कि अजमल सुलतानपुरी के निधन के दूसरे दिन भी उनके मोहल्ले में उनकी यादों को लेकर चर्चाएं होती रही थी. लोग उनकी रचनाएं पढ़ते रहे और उनकी मंशा और सपने को साकार करने की बातें कर रहे थे. उनका निधन भले ही हो गया हो लेकिन लोगों के दिलों में जैसे वो आज भी जिंदा हैं.

यह भी पढ़ेंः-सुलतानपुर जंक्शन से गायब हुए मालगाड़ी के डिब्बे का नहीं मिला कोई सुराग, मामला दर्ज

अनु चौराहे से दरियापुर तक जो सड़क बनाई गई है उसका अजमल सुल्तानपुरी मार्ग नामकरण किया जा रहा है. पत्थर पहले ही लगाया गया था लेकिन किसी भारी वाहन की चपेट में आकर गिर गया था. अब नया पत्थर लगाने की कार्रवाई की जा रही है.
-बबिता जायसवाल, चेयरमैन नगर पालिका परिषद्

Intro:एक्सक्लुसिव स्टोरी
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शीर्षक : सुलतानपुर : अजमल सुल्तानपुरी राह, जहां मुसाफिर करेंगे गंगा जमुनी संस्कृति का एहसास।


एंकर : साथी तुम किस देश चलोगे, तुम भी राही मैं भी राही। मेरा साथ कहां तक दोगे, तुम भी रही मैं भी राही। अजमल सुल्तानपुरी की इन पंक्तियों का चित्रण करने का जिम्मा उठाया है सुल्तानपुर नगर पालिका प्रशासन ने। अजमल सुल्तानपुरी शहर के जिस मोहल्ले में रहते थे वहां से गुजरने वाली सड़क को अजमल सुल्तानपुरी मार्ग का नाम दिया जा रहा है । हालांकि शिलापट पहले लगाया गया। लेकिन असहयोग के चलते मार्ग को मूर्त रूप नहीं दिया जा सका।


Body:वीओ : प्रख्यात शायर अजमल सुल्तानपुरी के निधन के बाद उनके मोहल्ले से गुजरने वाली प्रमुख सड़क को एक बार फिर उनके नाम से पहचान देने की कवायद शुरू हो गई है । नगर पालिका प्रशासन ने शिलापट दुरुस्त कराने की कार्रवाई शुरू की है । इसके साथ ही सड़क के दोनों छोर पर शिला पट लगाए जाएंगे। जिससे यहां से गुजरने वाले लोगों को अजमल सुल्तानपुरी के संदेश की याद दिलाई जा सके। गंगा जमुनी तहजीब के वास्तविक चित्रण का एहसास कराया जा सके।



बाइट : अनु चौराहे से दरियापुर तक जो सड़क बनाई गई है उसका नामकरण किया जा रहा है अजमल सुल्तानपुरी मार्ग। पत्थर रखा गया था। जो किसी भारी वाहन की चपेट में आकर गिर गया था । इसे वहां लगाने की कार्यवाही की जा रही है। पत्थर हादसे से गिर चुका है। इसे लगाया जाएगा।
बबीता जायसवाल, चेयरमैन नगर पालिका परिषद सुलतानपुर


Conclusion:वीओ : अजमल सुल्तानपुर के निधन के दूसरे दिन भी उनके मोहल्ले में उनकी यादों को लेकर चर्चाएं होती रही। लोग उनकी रचनाएं पढ़ते रहे और उनकी मंशा और सपने को साकार करने की बातें चलती रही। उनका निधन भले ही हो गया हो लेकिन लोगों के दिलों में जैसे वो आज भी जिंदा है।


आशुतोष मिश्रा, सुल्तानपुर, 94 15049 256
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