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पीएमओ फर्जी लेटरकांड : शूटर वर्तिका सिंह की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज - शूटर वर्तिका सिंह

प्रतापगढ़ जिले की रहने वाली अंतरराष्ट्रीय निशानेबाज वार्तिका सिंह ने 23 दिसंबर 2020 को एमपी-एमएलए न्यायालय में केंद्रीय मंत्री, उनके निजी सचिव विजय गुप्ता व एक अन्य के खिलाफ अर्जी देकर मुकदमा दर्ज कराने की मांग की थी. उनका आरोप था कि केंद्रीय मंत्री द्वारा राष्ट्रीय महिला आयोग में सदस्य बनाने के लिए 25 लाख रुपये की मांग की गई थी.

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पीएमओ फर्जी लेटरकांड : शूटर वर्तिका सिंह की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज
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Published : Mar 4, 2022, 10:29 PM IST

सुलतानपुर : पीएम एवं आयुष मंत्रालय से संबंधित फर्जी लेटर वायरल करने के आरोप से जुड़े मामले में इंटरनेशनल शूटर वर्तिका सिंह की तरफ से प्रस्तुत अग्रिम जमानत अर्जी पर शुक्रवार को अदालत में सुनवाई हुई. इस दौरान अपर सत्र न्यायाधीश द्वितीय इंतेखाब आलम ने वर्तिका सिंह की अग्रिम जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है. इससे वर्तिका को बड़ा झटका लगा है.

अंतरराष्ट्रीय शूटर वर्तिका सिंह की ओर से दी गई अग्रिम जमानत की अर्जी एडीजे इंतेखाब आलम ने शुक्रवार को खारिज कर दिया. शूटर पर महिला आयोग की सदस्य बनाने के लिए केंद्रीय मंत्री व अमेठी की सांसद स्मृति इरानी के फर्जी लेटर पैड के इस्तेमाल का आरोप है.

प्रकरण का मुकदमा सीजेएम की अदालत में चल रहा है. इसमें वर्तिका को हाजिर होने का आदेश दिया गया है. इसी मामले में डाॅ. रजनीश सिंह जेल जा चुके हैं और बहराइच के सांसद रहे कमल किशोर कमांडो को पुलिस क्लीन चिट दे चुकी है. सीजेएम किरन गोंड की अदालत से सम्मन जारी होने के बाद शूटर ने अग्रिम जमानत की अर्जी दी थी.

कई पेशियों के बाद एडीजे इंतेखाब आलम की अदालत में सुनवाई हुई. बचाव पक्ष की ओर से तर्क दिया गया की किसी प्रकार की धोखाधड़ी नहीं की गई. शूटर के साथ हेराफेरी की कोशिश की गई थी. इसकी शिकायत की गई तो सत्ता का दुरुपयोग कर उन्हें ही फंसा दिया गया.

वहीं, एफआइआर लिखाने वाले मंत्री के निजी सचिव विजय गुप्ता के वकील संतोष पांडेय ने कहा कि प्रकरण में सहअभियुक्त कई दिनों तक जेल में रह चुका है. पुलिस ने विवेचना के बाद कई साक्ष्य जुटाए हैं जिनसे प्रथमदृष्टया वर्तिका की संलिप्तता साबित होती है. जज ने प्रकरण को गंभीर व अग्रिम जमानत के लिए पर्याप्त नहीं माना और अर्जी खारिज कर दी.

यह भी पढ़ें : पास्को कोर्ट ने एडिशनल एसपी से किया जवाब-तलब, केस दर्ज कर विधिक कार्यवाही की चेतावनी

गौरतबल है क‍ि प्रतापगढ़ जिले की रहने वाली अंतरराष्ट्रीय निशानेबाज वार्तिका सिंह ने 23 दिसंबर 2020 को एमपी-एमएलए न्यायालय में केंद्रीय मंत्री, उनके निजी सचिव विजय गुप्ता व एक अन्य के खिलाफ अर्जी देकर मुकदमा दर्ज कराने की मांग की थी. उनका आरोप था कि केंद्रीय मंत्री द्वारा राष्ट्रीय महिला आयोग में सदस्य बनाने के लिए 25 लाख रुपये की मांग की गई थी.

इसी बीच बीते 25 जनवरी को जिला न्यायालय में वर्तिका सिंह की तरफ से अग्रिम जमानत अर्जी प्रस्तुत की गयी थी. इसकी सुनवाई काफी दिनों से अपर सत्र न्यायाधीश द्वितीय की अदालत में लंबित रही. शुक्रवार को वर्तिका सिंह की तरफ से प्रस्तुत अग्रिम जमानत अर्जी पर सुनवाई चली. इस दौरान बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने आरोपों को निराधार बताते हुए अग्रिम जमानत की मांग की.

वहीं, अभियोजन पक्ष से पैरवी कर रहे केंद्रीय मंत्री के निजी सचिव विजय गुप्ता के अधिवक्ता संतोष कुमार पाण्डेय ने वर्तिका के जरिए एक तरफ अदालत को गुमराह करने की नीयत से संज्ञान आदेश के विरूद्ध याचिका दाखिल करने व जेल जाने से बचने के लिए अग्रिम जमानत अर्जी की मांग करने पर सवाल उठाया.

साथ ही जमानत पर कड़ा विरोध करते हुए जमानत अर्जी खारिज करने की मांग की. दोनों पक्षों को सुनने के बाद अपर सत्र न्यायाधीश इंतेखाब आलम ने वर्तिका सिंह की अर्जी को निराधार मानते हुए खारिज कर दिया है. अदालत के इस आदेश से वर्तिका सिंह को बड़ा झटका लगा है.

सुलतानपुर : पीएम एवं आयुष मंत्रालय से संबंधित फर्जी लेटर वायरल करने के आरोप से जुड़े मामले में इंटरनेशनल शूटर वर्तिका सिंह की तरफ से प्रस्तुत अग्रिम जमानत अर्जी पर शुक्रवार को अदालत में सुनवाई हुई. इस दौरान अपर सत्र न्यायाधीश द्वितीय इंतेखाब आलम ने वर्तिका सिंह की अग्रिम जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है. इससे वर्तिका को बड़ा झटका लगा है.

अंतरराष्ट्रीय शूटर वर्तिका सिंह की ओर से दी गई अग्रिम जमानत की अर्जी एडीजे इंतेखाब आलम ने शुक्रवार को खारिज कर दिया. शूटर पर महिला आयोग की सदस्य बनाने के लिए केंद्रीय मंत्री व अमेठी की सांसद स्मृति इरानी के फर्जी लेटर पैड के इस्तेमाल का आरोप है.

प्रकरण का मुकदमा सीजेएम की अदालत में चल रहा है. इसमें वर्तिका को हाजिर होने का आदेश दिया गया है. इसी मामले में डाॅ. रजनीश सिंह जेल जा चुके हैं और बहराइच के सांसद रहे कमल किशोर कमांडो को पुलिस क्लीन चिट दे चुकी है. सीजेएम किरन गोंड की अदालत से सम्मन जारी होने के बाद शूटर ने अग्रिम जमानत की अर्जी दी थी.

कई पेशियों के बाद एडीजे इंतेखाब आलम की अदालत में सुनवाई हुई. बचाव पक्ष की ओर से तर्क दिया गया की किसी प्रकार की धोखाधड़ी नहीं की गई. शूटर के साथ हेराफेरी की कोशिश की गई थी. इसकी शिकायत की गई तो सत्ता का दुरुपयोग कर उन्हें ही फंसा दिया गया.

वहीं, एफआइआर लिखाने वाले मंत्री के निजी सचिव विजय गुप्ता के वकील संतोष पांडेय ने कहा कि प्रकरण में सहअभियुक्त कई दिनों तक जेल में रह चुका है. पुलिस ने विवेचना के बाद कई साक्ष्य जुटाए हैं जिनसे प्रथमदृष्टया वर्तिका की संलिप्तता साबित होती है. जज ने प्रकरण को गंभीर व अग्रिम जमानत के लिए पर्याप्त नहीं माना और अर्जी खारिज कर दी.

यह भी पढ़ें : पास्को कोर्ट ने एडिशनल एसपी से किया जवाब-तलब, केस दर्ज कर विधिक कार्यवाही की चेतावनी

गौरतबल है क‍ि प्रतापगढ़ जिले की रहने वाली अंतरराष्ट्रीय निशानेबाज वार्तिका सिंह ने 23 दिसंबर 2020 को एमपी-एमएलए न्यायालय में केंद्रीय मंत्री, उनके निजी सचिव विजय गुप्ता व एक अन्य के खिलाफ अर्जी देकर मुकदमा दर्ज कराने की मांग की थी. उनका आरोप था कि केंद्रीय मंत्री द्वारा राष्ट्रीय महिला आयोग में सदस्य बनाने के लिए 25 लाख रुपये की मांग की गई थी.

इसी बीच बीते 25 जनवरी को जिला न्यायालय में वर्तिका सिंह की तरफ से अग्रिम जमानत अर्जी प्रस्तुत की गयी थी. इसकी सुनवाई काफी दिनों से अपर सत्र न्यायाधीश द्वितीय की अदालत में लंबित रही. शुक्रवार को वर्तिका सिंह की तरफ से प्रस्तुत अग्रिम जमानत अर्जी पर सुनवाई चली. इस दौरान बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने आरोपों को निराधार बताते हुए अग्रिम जमानत की मांग की.

वहीं, अभियोजन पक्ष से पैरवी कर रहे केंद्रीय मंत्री के निजी सचिव विजय गुप्ता के अधिवक्ता संतोष कुमार पाण्डेय ने वर्तिका के जरिए एक तरफ अदालत को गुमराह करने की नीयत से संज्ञान आदेश के विरूद्ध याचिका दाखिल करने व जेल जाने से बचने के लिए अग्रिम जमानत अर्जी की मांग करने पर सवाल उठाया.

साथ ही जमानत पर कड़ा विरोध करते हुए जमानत अर्जी खारिज करने की मांग की. दोनों पक्षों को सुनने के बाद अपर सत्र न्यायाधीश इंतेखाब आलम ने वर्तिका सिंह की अर्जी को निराधार मानते हुए खारिज कर दिया है. अदालत के इस आदेश से वर्तिका सिंह को बड़ा झटका लगा है.

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