सुलतानपुर: जिले में गंगा जमुनी तहजीब की एक अनोखी मिसाल देखने को मिली. अलविदा जुमे की आखिरी नमाज में हिंदु धर्म के लोगों ने आपस में मिल-जुलकर नमाज की तमाम तैयारियां की. नमाज के दौरान देश में अमन और शांति की दुआ मांगी गई. यहां हिंदू धर्म के अनुयाईयों ने चारों तरफ से अलविदा नमाज की निगाहबानी की.
गंगा जमुनी तहजीब की अनोखी मिसाल
- शुक्रवार को अलविदा जुमे की आखिरी नमाज के लिए हिंदु भाईयों ने मिलकर इंतजाम किए.
- लोगों का कहना है कि सांप्रदायिक उन्माद फैलाकर गंगा जमुनी तहजीब को कुछ लोग प्रभावित करने का प्रयास करते हैं.
- अलविदा की नमाज में गंगा जमुनी तहजीब को बनाए रखने का संकल्प लिया गया.
- यहां हिंदुओं के त्यौहार में मुस्लिम भाई और मुस्लिमों के त्यौहार में हिंदू भाई शरीक होते हैं.
कुछ लोग उन्माद फैलाकर गंगा जमुनी तहजीब को प्रभावित करने का प्रयास करते हैं. यह कुछ भी करें लेकिन सुल्तानपुर की गंगा जमुनी तहजीब को प्रभावित नहीं कर पाएंगे.
-सरदार बलदेव सिंह, समाजसेवी
अलविदा की नमाज के दौरान हिंदू मुस्लिम एकता और राष्ट्र की सुरक्षा -संरक्षा की दुआ मांगी गई .यहां हिंदुओं के त्यौहार में मुस्लिम भाई और मुस्लिमों के त्यौहार में हिंदू भाई शरीक होते हैं. गंगा जमुनी तहजीब का बेहतरीन नमूना है सुल्तानपुर.
-अलीमुद्दीन, सदस्य,अपराध निरोधक समिति
कुछ लोग धार्मिक उन्माद फैलाकर सौहार्द बिगाड़ने का काम करते हैं, लेकिन वह सफल नहीं हो सकेंगे.
-कासिब, समाज सेवी
हिंदू मुस्लिम एकता को संजोने वाली गंगा जमुनी तहजीब सुल्तानपुर की धरोहर है. इस को संजो कर रखना है. विश्व पटल पर सुल्तानपुर का नाम यही तहजीब रखती है. इसकी जिम्मेदारी हम सब पर है. सुल्तानपुर की शांति व्यवस्था कायम होनी चाहिए.
-राजेंद्र सेठ संरक्षक, केंद्रीय पूजा समिति