सुलतानपुर: लेटलतीफी के साथ सुलतानपुर जंक्शन पहुंच रही यात्री गाड़ियों से उतरने वाले मुसाफिरों की स्क्रीनिंग के लिए स्वास्थ्य टीम मुस्तैद है, लेकिन कर्मचारियों के पास कोरोना वायरस की जांच करने वाले न तो उपकरण हैं और न ही थर्मामीटर. चौकाने वाली बात ये है कि इन स्वास्थ्य कर्मचारियों के पास खुद को कोरोना से सुरक्षित रखने के लिए न ही मास्क हैं और न ही सैनिटाइजर. ऐसे में संदिग्ध मुसाफिरों की चल रही जांच पड़ताल की हकीकत का अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है.
31 मार्च तक यात्री गाड़ियों का संचालन ठप
रेलवे प्रशासन ने यात्री गाड़ियों का संचालन 31 मार्च तक बंद कर दिया है, लेकिन कुछ लंबी दूरी की गाड़ियां लेट लतीफ होकर सुलतानपुर जंक्शन पहुंच रही हैं. यहां पर उतरने वाले यात्रियों की लगातार स्क्रीनिंग की जा रही है. वहीं ट्रेन पकड़ने के लिए भी बड़ी संख्या में मुसाफिर दूरदराज से निजी साधनों के जरिए पहुंच रहे हैं. इन यात्रियों की स्क्रीनिंग व्यवस्था, जांच उपकरण और सुरक्षा मास्क के नाम पर कुछ भी नहीं है.
यात्रियों ने सुरक्षा की हकीकत बयां की
यात्री अफसाना कहती हैं कि अपने निजी बजट से सैनिटाइजर लिया है. वहीं यात्रा से लौटी अलका ने भी स्टेशन पर कोई सुविधा नहीं मिलने की बात कही. स्क्रीनिंग कर रहे स्वास्थ्य कर्मचारी दूर से ही पूछताछ करते नजर आए. स्वास्थ्य उपकरण नहीं होने से खुद सुरक्षा की मुद्रा में दिखाई दिए, जबकि विभाग के बड़े अधिकारी मौके से नदारद मिले.
यात्रियों की स्क्रीनिंग की जा रही है जो संदिग्ध मिलते हैं, उन्हें जांच के लिए जिला अस्पताल भेज दिया जाता है. रेलवे और प्रशासन द्वारा जारी मास्क और सैनिटाइजर मिला है. एसडीएम सदर के वाहन में रखा गया है. यहां मौके पर नहीं है.-स्वास्थ्य कर्मचारी