सुलतानपुर: योगी सरकार में स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्थाएं कागजों पर चाक-चौबंद हैं. सुलतानपुर का जिला अस्पताल इसका जीता जागता नमूना है. यहां इलाज कराने वाले मरीजों और तीमारदारों को फर्श और टूटे फर्नीचर पर बैठना पड़ता है. वहीं यहां के चिकित्सकों के भी आने और जाने का कोई समय नहीं है. चेंबर खाली रहते हैं और मरीज टकटकी लगाए उनकी राह देखते रहते हैं.
क्या है मामला
⦁ दस्तावेजों की मानें तो जिला अस्पताल में सारी सुविधाएं हाइटेक हैं.
⦁ इन हाईटेक कंप्यूटरों में मरीजों का विवरण भी दर्ज किया जाता है.
⦁ इसके उलट हकीकत में इन मरीजों के बैठने के लिए अस्पताल में कोई प्रबंध नहीं है.
⦁ यहां मरीज फर्श पर बैठकर डॉक्टर के आने का घंटों इंतजार करते हैं.
⦁ इतना ही नहीं डॉक्टर के न आने की दशा में मायूस होकर उन्हें वापस भी लौटना पड़ता है.
कुछ संसाधन और फर्नीचर की व्यवस्था कम देखी जा रही है. इसको दुरुस्त कराया जाएगा. पूर्व में कुछ चबूतरे बने हुए थे, वह गड़बड़ हैं. फिर से नया चबूतरा भी बनाया जा रहा है.
-बीबी सिंह, मुख्य चिकित्सा अधिकारी