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अगर आपको भी यहां कराना है इलाज, तो फर्श पर बैठकर कीजिए घंटों इंतजार!

सुलतानपुर के जिला अस्पताल में मरीजों को भारी अव्यवस्थाओं का सामना करना पड़ रहा है. यहां आने वाले मरीजों के बैठने तक के लिए कोई व्यवस्था नहीं है. इतना ही नहीं यहां डॉक्टरों के आने और जाने का भी कोई समय निर्धारित नहीं है. इस वजह से मरीजों को कई बार निराश होकर वापस भी लौटना पड़ता है.

मरीजों पर फर्श पर बैठकर करना पड़ना है घंटों इंतजार.
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Published : May 18, 2019, 12:56 PM IST

सुलतानपुर: योगी सरकार में स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्थाएं कागजों पर चाक-चौबंद हैं. सुलतानपुर का जिला अस्पताल इसका जीता जागता नमूना है. यहां इलाज कराने वाले मरीजों और तीमारदारों को फर्श और टूटे फर्नीचर पर बैठना पड़ता है. वहीं यहां के चिकित्सकों के भी आने और जाने का कोई समय नहीं है. चेंबर खाली रहते हैं और मरीज टकटकी लगाए उनकी राह देखते रहते हैं.

मरीजों पर फर्श पर बैठकर करना पड़ना है घंटों इंतजार.

क्या है मामला
⦁ दस्तावेजों की मानें तो जिला अस्पताल में सारी सुविधाएं हाइटेक हैं.
⦁ इन हाईटेक कंप्यूटरों में मरीजों का विवरण भी दर्ज किया जाता है.
⦁ इसके उलट हकीकत में इन मरीजों के बैठने के लिए अस्पताल में कोई प्रबंध नहीं है.
⦁ यहां मरीज फर्श पर बैठकर डॉक्टर के आने का घंटों इंतजार करते हैं.
⦁ इतना ही नहीं डॉक्टर के न आने की दशा में मायूस होकर उन्हें वापस भी लौटना पड़ता है.

कुछ संसाधन और फर्नीचर की व्यवस्था कम देखी जा रही है. इसको दुरुस्त कराया जाएगा. पूर्व में कुछ चबूतरे बने हुए थे, वह गड़बड़ हैं. फिर से नया चबूतरा भी बनाया जा रहा है.
-बीबी सिंह, मुख्य चिकित्सा अधिकारी

सुलतानपुर: योगी सरकार में स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्थाएं कागजों पर चाक-चौबंद हैं. सुलतानपुर का जिला अस्पताल इसका जीता जागता नमूना है. यहां इलाज कराने वाले मरीजों और तीमारदारों को फर्श और टूटे फर्नीचर पर बैठना पड़ता है. वहीं यहां के चिकित्सकों के भी आने और जाने का कोई समय नहीं है. चेंबर खाली रहते हैं और मरीज टकटकी लगाए उनकी राह देखते रहते हैं.

मरीजों पर फर्श पर बैठकर करना पड़ना है घंटों इंतजार.

क्या है मामला
⦁ दस्तावेजों की मानें तो जिला अस्पताल में सारी सुविधाएं हाइटेक हैं.
⦁ इन हाईटेक कंप्यूटरों में मरीजों का विवरण भी दर्ज किया जाता है.
⦁ इसके उलट हकीकत में इन मरीजों के बैठने के लिए अस्पताल में कोई प्रबंध नहीं है.
⦁ यहां मरीज फर्श पर बैठकर डॉक्टर के आने का घंटों इंतजार करते हैं.
⦁ इतना ही नहीं डॉक्टर के न आने की दशा में मायूस होकर उन्हें वापस भी लौटना पड़ता है.

कुछ संसाधन और फर्नीचर की व्यवस्था कम देखी जा रही है. इसको दुरुस्त कराया जाएगा. पूर्व में कुछ चबूतरे बने हुए थे, वह गड़बड़ हैं. फिर से नया चबूतरा भी बनाया जा रहा है.
-बीबी सिंह, मुख्य चिकित्सा अधिकारी

Intro:special story
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शीर्षक : इस सरकारी अस्पताल में इलाज कराना है तो फर्श पर बैठ करिए इंतजार।



खबर सुल्तानपुर से है । योगी सरकार में स्वास्थ्य व्यवस्था चाक-चौबंद है, लेकिन सिर्फ कागजों पर। सुल्तानपुर जिला अस्पताल इसका जीता जागता नमूना है । जहां इलाज कराने वाले मरीजों और तीमारदारों को फर्श और टूटे फर्नीचर पर बैठकर अपने बारी की आने की प्रतीक्षा करनी होती है । चिकित्सक भी बेलगाम है। आने और जाने का कोई समय नहीं है । चेंबर खाली रहते हैं और मरीज टकटकी लगाए देखते रहते हैं। ऐसे में सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की हकीकत का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है।


Body:सुल्तानपुर जिला अस्पताल में वैसे तो सारी सुविधाएं हाइटेक हैं। ओपीडी और रजिस्टरों की माने तो हर ओपीडी में कंप्यूटर लैपटॉप लगे हुए हैं । जहां मरीजों का विवरण भी दर्ज किया जाता है। लेकिन इन मरीजों के बैठने के लिए सरकारी अस्पताल में कोई प्रबंध नहीं है । 14 ब्लॉक और पांच तहसील वाले जिले सुल्तानपुर के सरकारी अस्पताल में बैठने का कोई प्रबंध नहीं है। मरीज आते हैं । फर्श पर बैठकर घंटों इंतजार करते हैं। अपने पर्चे की प्रतीक्षा करते हैं और डॉक्टर के नहीं आने की दशा में मायूस होकर लौट जाते हैं।


Conclusion:वॉइस ओवर : फिजीशियन, सर्जन, नाक कान गला रोग विशेषज्ञ, नेत्र रोग विभाग, बाल रोग विभाग, स्त्री रोग विभाग, आपातकालीन चिकित्सा विभाग में रोजाना 500 से 1000 की संख्या में मरीजों का आना होता है। यह मरीज जयसिंहपुर, कादीपुर, लंभुआ , बल्दीराय और सदर तहसील से बड़े पैमाने पर आते हैं। वजह साफ है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की और भी खराब स्थिति है। मजबूरी में लोग जिला मुख्यालय की ओर रुख करते हैं ।लेकिन यहां मरीजों और तीमारदारों के लिए बैठने तक के प्रबंध नहीं है।


बाइट : मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर बीबी सिंह कहते हैं कि कुछ संसाधन और फर्नीचर की व्यवस्था कम देखी जा रही है। इसको दुरुस्त कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि पूर्व में कुछ चबूतरे बने हुए थे , वह गड़बड़ हैं। फिर से नए चबूतरा बनाने की कार्रवाई भी की जाएगी।

सुल्तानपुर, आशुतोष मिश्रा, 94 15049 256
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