सुलतानपुर: दूर्गापूजा महोत्सव में पश्चिम बंगाल के कोलकाता के बाद यूपी का सुलतानपुर दूसरे स्थान पर माना जाता है. खास बात यह है कि इस दुर्गा पूजा में मुस्लिम परिवार आते हैं. रात दिन जगकर आदि शक्ति मां दुर्गा के पंडाल को सजाते हैं, झांकियां लगाते हैं. गंगा-जमुनी तहजीब से मुस्लिम और हिंदू भाई मिलकर दुर्गा पूजा महोत्सव के आयोजन को सफल बनाते हैं.
सुलतानपुर में दुर्गा पूजा महोत्सव की शुरुआत दशहरे से होती है जो पूर्णिमा तक चलती है. इस दौरान दुर्गा पूजा महोत्सव को हिंदू नहीं मुस्लिम परिवार सजाते हैं. रंग रोगन भरते हैं और आसपास के जिलों से आने वाले श्रद्धालुओं को आकर्षित करते हैं. पश्चिम बंगाल से मुस्लिम परिवार हर बार आते हैं. सुलतानपुर के विशेष मेहमान होते हैं जो आदिशक्ति मां दुर्गा का श्रृंगार करते हैं.
तीन-चार साल से सुलतानपुर आते हैं जिस तरह से केंद्रीय पूजा समिति की तरफ से फोटो दी जाती है ठीक उसी के अनुसार पंडाल सजाते हैं. एक पंडाल में लगभग एक से डेढ़ लाख का खर्च आता है. एक पंडाल में हम 8 लोग लगे हुए हैं.
मकबूल अंसारी, कारीगर
सुलतानपुर में मुसलमान और हिंदू भाइयों के बीच सौहार्द बना रहता है. मेले के दौरान भी मुस्लिम भाई हिंदुओं के साथ मिलकर कार्यक्रम के आयोजन में मदद करते हैं. हमारी केंद्रीय पूजा समिति के एक पदाधिकारी भी मुस्लिम रहे. यहां हिंदू और मुस्लिम भाई मिलजुल कर त्योहार मनाते हैं.
ओम प्रकाश पांडेय, अध्यक्ष, केंद्रीय पूजा समिति