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....तो क्या सुलतानपुर में भ्रष्टाचार के जहर से मुक्त हो पाएगा 'अमृत'! - sultanpur municipality

जिले में अब नगर पालिकाओं और नगर निकायों में फैले भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा. दरअसल अमृत योजना के तहत अब पैसा काम करने वाली संस्था के खाते में सीधा जाएगा, जिससे बिचौलियों की पहुंच और सक्रियता खुद ब खुद खत्म हो जाएगी.

सुलतानपुर नगर पालिका.
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Published : Jun 6, 2019, 1:19 PM IST

सुलतानपुर: नगर पालिका और नगर निकायों को सुंदर बनाने के लिए शुरू की गई 'अमृत योजना' में शासन स्तर से बड़ा फेरबदल किया गया है. अब इस योजना के तहत निर्माण कार्य करने वाली संस्था के खाते में सीधे धनराशि का भुगतान होगा. दरअसल भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए शासन स्तर से यह निर्णय लिया गया है.

अमृत योजना के तहत अब सीधे संस्था के खाते में आएगा पैसा.

भ्रष्टाचार पर लगेगी लगाम

  • शहर के पार्कों को सुंदर और नागरिकों के लिए महत्वाकांक्षी बनाने के लिए शासन ने प्रत्येक जिले को अमृत योजना से लाभान्वित किया है.
  • दूसरे चरण में सुलतानपुर को एक करोड़ 27 लाख रुपये मिले हैं.
  • इस योजना के तहत पार्कों में एक ढांचा बनाए जाने की कवायद शुरू हुई, जिसमें हैंडपंप लगाने, शुद्ध पेयजल व्यवस्था कराने, तीर्थयात्री और पर्यटक के रुकने का प्रबंध समेत अन्य हाईटेक व्यवस्था शामिल रहीं.
  • अमृत योजना में इतना पैसा दिया गया कि भ्रष्टाचार का घुन लग गया और कांट्रैक्टर ने काम रोक दिया.
  • इसे देखते हुए शासन स्तर पर पूरा मामला पहुंचा और सुलतानपुर से इसकी कवायद शुरू की गई थी.
  • स्थिति यह है कि अब निदेशक स्तर से सीधे कॉन्ट्रैक्टर के खाते में भुगतान आएगा, जिससे बिचौलियों की पहुंच और सक्रियता खत्म हो जाएगी.

कॉन्ट्रैक्टरों को सीधे निदेशक स्तर से खाते में भुगतान की धनराशि मिलेगी, अमृत योजना में यह बदलाव किया गया है. इसकी व्यवस्था जो परिवर्तित रूप में लागू हुई है, सुलतानपुर में भी लागू कर दी गई है.
-आरके सिंह, अधिशासी अधिकारी, नगर पालिका

सुलतानपुर: नगर पालिका और नगर निकायों को सुंदर बनाने के लिए शुरू की गई 'अमृत योजना' में शासन स्तर से बड़ा फेरबदल किया गया है. अब इस योजना के तहत निर्माण कार्य करने वाली संस्था के खाते में सीधे धनराशि का भुगतान होगा. दरअसल भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए शासन स्तर से यह निर्णय लिया गया है.

अमृत योजना के तहत अब सीधे संस्था के खाते में आएगा पैसा.

भ्रष्टाचार पर लगेगी लगाम

  • शहर के पार्कों को सुंदर और नागरिकों के लिए महत्वाकांक्षी बनाने के लिए शासन ने प्रत्येक जिले को अमृत योजना से लाभान्वित किया है.
  • दूसरे चरण में सुलतानपुर को एक करोड़ 27 लाख रुपये मिले हैं.
  • इस योजना के तहत पार्कों में एक ढांचा बनाए जाने की कवायद शुरू हुई, जिसमें हैंडपंप लगाने, शुद्ध पेयजल व्यवस्था कराने, तीर्थयात्री और पर्यटक के रुकने का प्रबंध समेत अन्य हाईटेक व्यवस्था शामिल रहीं.
  • अमृत योजना में इतना पैसा दिया गया कि भ्रष्टाचार का घुन लग गया और कांट्रैक्टर ने काम रोक दिया.
  • इसे देखते हुए शासन स्तर पर पूरा मामला पहुंचा और सुलतानपुर से इसकी कवायद शुरू की गई थी.
  • स्थिति यह है कि अब निदेशक स्तर से सीधे कॉन्ट्रैक्टर के खाते में भुगतान आएगा, जिससे बिचौलियों की पहुंच और सक्रियता खत्म हो जाएगी.

कॉन्ट्रैक्टरों को सीधे निदेशक स्तर से खाते में भुगतान की धनराशि मिलेगी, अमृत योजना में यह बदलाव किया गया है. इसकी व्यवस्था जो परिवर्तित रूप में लागू हुई है, सुलतानपुर में भी लागू कर दी गई है.
-आरके सिंह, अधिशासी अधिकारी, नगर पालिका

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शीर्षक : ....तो भ्रष्टाचार के जहर से मुक्त हो गया 'अमृत', कॉन्ट्रैक्टर के खाते में आएगा पैसा।


नगर पालिका और नगर निकायों को सुंदर बनाने की योजना अमृत योजना में शासन स्तर से बड़ा फेरबदल किया गया है अब इस योजना के तहत निर्माण कार्य करने वाली संस्था के खाते में सीधे धनराशि का भुगतान होगा नगर पालिका या नगर निकाय क्या कोई हस्तक्षेप नहीं होगा ऐसा बीज के भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए शासन स्तर से निर्णय लिया गया है अमल के लिए प्रति नगर पालिकाओं को भेज दी गई है शहर के पर्यावरण पार्क में बन रहे ढांचे को भ्रष्टाचार से मुक्त करने के लिए यह कवर जिले में शुरू कर दी गई है।


Body:सुलतानपुर : शहर के पार्कों को सुंदर और नागरिकों के लिए महत्वाकांक्षी बनाने के लिए शासन ने प्रत्येक जिले को अमृत योजना से लाभान्वित किया। दूसरे चरण में सुल्तानपुर को एक करोड़ 2, 700000 रुपए मिले हैं। इस योजना के तहत पार्कों में एक ढांचा बनाए जाने की कवायद शुरू हुई। जिसमें हैंडपंप लगाने, शुद्ध पेयजल व्यवस्था कराने, तीर्थयात्री और पर्यटक के रुकने का प्रबंध, समेत अन्य हाईटेक व्यवस्था शामिल रही। लेकिन अमृत योजना में इतना पैसा दिया गया कि भ्रष्टाचार का घुन लग गया। कांट्रेक्टर ने काम रोक दिया। क्योंकि भ्रष्टाचार के घुन के नाते भुगतान बाधित होने लगा। इसे देखते हुए शासन स्तर पर पूरा मामला पहुंचा और सुल्तानपुर से इसकी कवायद शुरू की गई थी। स्थिति यह है कि अब निदेशक स्तर से सीधे कॉन्ट्रैक्टर के खाते में भुगतान आएगा । बिचौलियों की पहुंच और सक्रियता खत्म हो चुकी है।


Conclusion:बाइट : नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी आरके सिंह ने बताया कि कॉन्ट्रैक्टर ओं को सीधे निदेशक स्तर से खाते में भुगतान की धनराशि मिलेगी। अमृत रोज योजना में यह बदलाव किया गया है। इसकी व्यवस्था जो परिवर्तित रूप में लागू हुई है। सुल्तानपुर में लागू कर दी गई है।



आशुतोष मिश्रा, सुल्तानपुर, 94 150 49 256
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