सुलतानपुर: नगर पालिका और नगर निकायों को सुंदर बनाने के लिए शुरू की गई 'अमृत योजना' में शासन स्तर से बड़ा फेरबदल किया गया है. अब इस योजना के तहत निर्माण कार्य करने वाली संस्था के खाते में सीधे धनराशि का भुगतान होगा. दरअसल भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए शासन स्तर से यह निर्णय लिया गया है.
भ्रष्टाचार पर लगेगी लगाम
- शहर के पार्कों को सुंदर और नागरिकों के लिए महत्वाकांक्षी बनाने के लिए शासन ने प्रत्येक जिले को अमृत योजना से लाभान्वित किया है.
- दूसरे चरण में सुलतानपुर को एक करोड़ 27 लाख रुपये मिले हैं.
- इस योजना के तहत पार्कों में एक ढांचा बनाए जाने की कवायद शुरू हुई, जिसमें हैंडपंप लगाने, शुद्ध पेयजल व्यवस्था कराने, तीर्थयात्री और पर्यटक के रुकने का प्रबंध समेत अन्य हाईटेक व्यवस्था शामिल रहीं.
- अमृत योजना में इतना पैसा दिया गया कि भ्रष्टाचार का घुन लग गया और कांट्रैक्टर ने काम रोक दिया.
- इसे देखते हुए शासन स्तर पर पूरा मामला पहुंचा और सुलतानपुर से इसकी कवायद शुरू की गई थी.
- स्थिति यह है कि अब निदेशक स्तर से सीधे कॉन्ट्रैक्टर के खाते में भुगतान आएगा, जिससे बिचौलियों की पहुंच और सक्रियता खत्म हो जाएगी.
कॉन्ट्रैक्टरों को सीधे निदेशक स्तर से खाते में भुगतान की धनराशि मिलेगी, अमृत योजना में यह बदलाव किया गया है. इसकी व्यवस्था जो परिवर्तित रूप में लागू हुई है, सुलतानपुर में भी लागू कर दी गई है.
-आरके सिंह, अधिशासी अधिकारी, नगर पालिका