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रिटायर्ड आरपीएफ कर्मी की हत्या में पिता-पुत्र समेत पांच को उम्र-कैद, एक बरी

दस वर्ष पूर्व पुरानी रंजिश के चलते रिटायर्ड आरपीएफ कर्मी की हत्या और अन्य सदस्यों को गंभीर चोट पहुंचाने के मामले में अदालत ने पिता-पुत्र समेत पांच आरोपियों को दोषी करार दिया है. यह मामला गोसाईगंज थाना क्षेत्र के खेड़ी पूरे भूलई मजरे अहिरन गांव से जुड़ा है.

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रिटायर्ड आरपीएफ कर्मी की हत्या में पिता-पुत्र समेत पांच को उम्र-कैद
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Published : Apr 8, 2022, 10:20 PM IST

सुलतानपुर: दस वर्ष पूर्व पुरानी रंजिश के चलते लाइसेंसी बंदूक और अन्य हथियारों से लैश होकर हुई रिटायर्ड आरपीएफ कर्मी (Retired RPF Personnel) की हत्या और अन्य सदस्यों को गंभीर चोट पहुंचाने के मामले में अदालत ने पिता-पुत्र समेत पांच आरोपियों को दोषी करार दिया है जबकि षडयंत्र के एक आरोपी को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया है. जिला एवं सत्र न्यायाधीश संतोष राय ने दोषियों को उम्रकैद एवं चार लाख बाइस हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है.

मामला गोसाईगंज थाना क्षेत्र के खेड़ी पूरे भूलई मजरे अहिरन गांव से जुड़ा है. यहां पर 6 अप्रैल 2012 को हुई घटना का जिक्र करते हुए अभियोगी शिव बहादुर यादव ने मुकदमा दर्ज कराया. आरोप के मुताबिक अभियोगी के पट्टीदार आरोपी पिता राममिलन उनके पुत्र राजमणि, आरोपी रामसूरत और उनके पुत्र प्रदीप एवं सह आरोपी अमित कुमार ने मुकदमे की रंजिश को लेकर लाइसेंसी बंदूक, हथगोला व अन्य हथियारों से हमला कर अभियोगी के पिता रिटायर्ड आरपीएफ कर्मी रामअचल यादव की हत्या कर दी.

इसे भी पढ़ेंः नियमित विभागीय कार्रवाई के बिना पुलिसकर्मियों का निलंबन सही नहीं : हाईकोर्ट

इसके अलावा परिवार के अन्य सदस्यों पर भी जानलेवा हमला किया. इस मर्डर केस में पांचों आरोपियों के साथ शैलेंद्र यादव को भी षडयंत्र का आरोपी बनाते हुए आरोप-पत्र दाखिल हुआ. मामले का विचारण जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत में चला. इस दौरान अभियोजन पक्ष से जिला शासकीय अधिवक्ता तारकेश्वर सिंह और नामिका अधिवक्ता ऋषिकांत त्रिपाठी ने 13 गवाहों को परीक्षित कराया एवं अन्य साक्ष्यों को भी पेश किया.

वहीं, बचाव पक्ष ने भी अपने तर्कों को पेशकर आरोपियों को बेकसूर साबित करने का भरपूर प्रयास किया. इस केस में दोनों पक्षों को सुनने के पश्चात जिला एवं सत्र न्यायाधीश संतोष राय की अदालत ने आरोपी पिता राममिलन उनके पुत्र राजमणि, आरोपी रामसूरत व उनके पुत्र प्रदीप एवं सह आरोपी अमित कुमार को हत्या सहित अन्य अपराधों में दोषी करार देते हुए उम्र-कैद एवं 4.22 लाख अर्थदंड की सजा सुनाई. वहीं, अदालत ने संदेह का लाभ देते हुए षडयंत्र के आरोपी शैलेंद्र यादव को बरी कर दिया है. अदालत ने अर्थदंड की धनराशि में से पीड़ित पक्ष को प्रतिकर के रूप में धनराशि देने का भी आदेश पारित किया है.

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सुलतानपुर: दस वर्ष पूर्व पुरानी रंजिश के चलते लाइसेंसी बंदूक और अन्य हथियारों से लैश होकर हुई रिटायर्ड आरपीएफ कर्मी (Retired RPF Personnel) की हत्या और अन्य सदस्यों को गंभीर चोट पहुंचाने के मामले में अदालत ने पिता-पुत्र समेत पांच आरोपियों को दोषी करार दिया है जबकि षडयंत्र के एक आरोपी को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया है. जिला एवं सत्र न्यायाधीश संतोष राय ने दोषियों को उम्रकैद एवं चार लाख बाइस हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है.

मामला गोसाईगंज थाना क्षेत्र के खेड़ी पूरे भूलई मजरे अहिरन गांव से जुड़ा है. यहां पर 6 अप्रैल 2012 को हुई घटना का जिक्र करते हुए अभियोगी शिव बहादुर यादव ने मुकदमा दर्ज कराया. आरोप के मुताबिक अभियोगी के पट्टीदार आरोपी पिता राममिलन उनके पुत्र राजमणि, आरोपी रामसूरत और उनके पुत्र प्रदीप एवं सह आरोपी अमित कुमार ने मुकदमे की रंजिश को लेकर लाइसेंसी बंदूक, हथगोला व अन्य हथियारों से हमला कर अभियोगी के पिता रिटायर्ड आरपीएफ कर्मी रामअचल यादव की हत्या कर दी.

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इसके अलावा परिवार के अन्य सदस्यों पर भी जानलेवा हमला किया. इस मर्डर केस में पांचों आरोपियों के साथ शैलेंद्र यादव को भी षडयंत्र का आरोपी बनाते हुए आरोप-पत्र दाखिल हुआ. मामले का विचारण जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत में चला. इस दौरान अभियोजन पक्ष से जिला शासकीय अधिवक्ता तारकेश्वर सिंह और नामिका अधिवक्ता ऋषिकांत त्रिपाठी ने 13 गवाहों को परीक्षित कराया एवं अन्य साक्ष्यों को भी पेश किया.

वहीं, बचाव पक्ष ने भी अपने तर्कों को पेशकर आरोपियों को बेकसूर साबित करने का भरपूर प्रयास किया. इस केस में दोनों पक्षों को सुनने के पश्चात जिला एवं सत्र न्यायाधीश संतोष राय की अदालत ने आरोपी पिता राममिलन उनके पुत्र राजमणि, आरोपी रामसूरत व उनके पुत्र प्रदीप एवं सह आरोपी अमित कुमार को हत्या सहित अन्य अपराधों में दोषी करार देते हुए उम्र-कैद एवं 4.22 लाख अर्थदंड की सजा सुनाई. वहीं, अदालत ने संदेह का लाभ देते हुए षडयंत्र के आरोपी शैलेंद्र यादव को बरी कर दिया है. अदालत ने अर्थदंड की धनराशि में से पीड़ित पक्ष को प्रतिकर के रूप में धनराशि देने का भी आदेश पारित किया है.

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