सुलतानपुर: जिले में लाखों रुपये प्रतिमाह वेतन लेने वाले इंजीनियर किसान सहकारी चीनी मिल को चलाने में नाकाम साबित हो रहे हैं. जिले की चीनी मिल की तकनीकी पुरानी होने की वजह मिल का संचालन सही तरह से नहीं हो पा रहा है. मिल की फिटनेस के लिए 10 लाख रुपये से अधिक का फिटनेस बजट भी जारी हो गया है. आए दिन मिल के प्रभावित संचालन को देखते हुए प्रशासन ने हरियाणा और गाजियाबाद के विशेषज्ञों को बुलाया गया है.
संजय गांधी की पहल पर हुई थी चीनी मिल की स्थापना
बता दें कि सांसद मेनका गांधी के पति संजय गांधी की पहल पर जिले में किसान सहकारी चीनी मिल की स्थापना की गई थी. उनका उद्देश्य था कि मिल द्वारा सुलतानपुर और आस-पड़ोस के जनपद के किसानों को रोजगार के लिए बेहतर उपाय दिया जा सके. किसान गन्ने का अधिक से अधिक उत्पादन करें और इससे चीनी तैयार हो, लेकिन चीनी मिल की फिटनेस में लगाए गए इंजीनियरों की लापरवाही के चलते इसका बेहतर तरीके से संचालन नहीं हो पा रहा है.
किसान सहकारी चीनी मिल पुरानी तकनीकी की होने की वजह से सही ढंग से चल नहीं पा रही है. संचालन प्रभावित होने के चलते अचानक काम बंद होने के बाद उसके ड्रम की मरम्मत करनी पड़ रही है. गाजियाबाद और हरियाणा से विशेषज्ञ बुलाए गए हैं. फिटनेस में कमी की वजह से आए दिन एक-दो दिन के लिए चीनी मिल बंद हो जा रही थी, जिससे बड़ी आर्थिक क्षति हो रही है. किसानों का भी नुकसान हो रहा है.
-सी इंदुमती, जिलाधिकारी