सुलतानपुर : नगर पालिका चेयरमैन की तरफ से गोशाला पर शॉपिंग कॉम्पलेक्स बनाए जाने के आरोप पर जिला पंचायत ने दूसरे दिन पलटवार किया है. अपर मुख्य अधिकारी ने अपने बयान में कहा कि यह शॉपिंग कॉम्पलेक्स नहीं, आत्मनिर्भर गोशाला की तरफ बढ़ रहा पहला कदम है. दरअसल, गलत एंट्री के तहत गोशाला की जमीन नगरपालिका के नाम दर्ज हो गई, जिसका शपथ-पत्र अधिशासी अधिकारी नगर पालिका द्वारा दिया जा चुका है.
नगर पालिका चेयरमैन बबीता जायसवाल ने शुक्रवार को बयान जारी कर कहा था कि शहर के अमहट स्थित गोशाला पर शॉपिंग कॉम्पलेक्स बनाया जा रहा है. गोशाला के बाजारीकरण पर सवाल उठाते हुए चेयरमैन ने गोशाला की जमीन को नगर पालिका की संपत्ति करार दिया था.
'शॉपिंग कॉम्पलेक्स नहीं, यह आत्मनिर्भर गोशाला है'
जिला पंचायत अपर मुख्य अधिकारी उदय शंकर सिंह ने कहा, "मैं चेयरमैन का आभार प्रकट करता हूं कि उन्होंने कांजी हाउस के अस्तित्व को स्वीकार किया है. 1956 से जिला पंचायत कांजी हाउस का संचालन कर रहा है. कर्मियों के भुगतान के समय अर्थव्यवस्था का प्रबंधन जिला पंचायत करता रहा है. लिपिकीय त्रुटि से 2005 में भूमि नगरपालिका के नाम दर्ज हो गई. तत्कालीन अधिशासी अधिकारी नगर पालिका ने न्यायालय में शपथ पत्र देकर इस बात को स्वीकार किया है. चेयरमैन को सादर अवगत कराना चाहूंगा कि आत्मनिर्भर गोशाला की दिशा में बढ़ता हमारा कदम है. शासन की तरफ से बैठक में यह दिशा-निर्देश जिला पंचायत और गोशाला को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में मिलते आ रहे हैं.
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गोशाला का स्वामित्व रहा विवाद की वजह
विवाद का केंद्र बने गोशाला पर पहले कांजी हाउस संचालित था. जिला पंचायत की तरफ से लगे कर्मचारियों को वेतन समेत अन्य भुगतान दिया जाता था. वहीं, नगरपालिका की तरफ से कांजी हाउस का संचालन नगरपालिका प्रशासन की तरफ से होने की बात कही गई थी. नगरपालिका प्रशासन ने गोशाला की जमीन पर अपना स्वामित्व बताते हुए जिला पंचायत को अतिक्रमणकारी करार दिया था.