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सुल्तानपुर: खराब पड़े हैं राजकीय नलकूप, परेशानी में किसान

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Published : Mar 24, 2019, 12:39 PM IST

सुल्तानपुर में राजकीय नलकूपों की खराबी के कारण किसान परेशान है. फसलों की सिंचाई के लिए पानी न मिलने से खेत सूख रहे हैं. वहीं इस मामले में नलकूप विभाग के अधिकारी एक दूसरे पर ठीकरा फोड़ते नजर आ रहे हैं.

राजकीय नलकूप विभाग, सुल्तानपुर

सुल्तानपुर : जिले मेंकिसान परेशान है क्योंकि राजकीय नलकूप खराब पड़े हैं. बिजली विभाग और नलकूप विभाग के अफसर एक दूसरे को जिम्मेदार ठहराते हुए मामले से पल्ला झाड़ लेते हैं. खाली आश्वासन की घुट्टी किसानों को पिलाई जाती है और वह शिकायतें करते रहते हैं. कागजी निस्तारण होता रहता है और यह क्रम लगातार चलता रहता है, लेकिन असल में किसानों की समस्या का निदान नहीं हो पाता है. इसकी वजह से लोगों में खासा रोष है और लोग व्यवस्था को लेकर आंदोलन की रणनीति बना रहे हैं.

सुल्तानपुर: खराब पड़े हैं राजकीय नलकूप, परेशानी में किसान

आस-पड़ोस के जनपदों में सुल्तानपुर का शीर्ष स्थान है. राजकीय नलकूप जिले में इस समय कुल 466 हैं. जिसमें से 30 से अधिक राजकीय नलकूप खराब पड़े हैं. यांत्रिक खराबी की वजह से खेतों की सिंचाई व्यवस्था ठप है. इससे सब्जियों और फलों के उत्पादन पर बुरा असर पड़ रहा है. जिले में टमाटर, गोभी, बैगन, प्याज, लहसुन समेंत अन्य सब्जियों की बड़े पैमाने पर पैदावार की जाती है. बिन पानी सब सून की कहावत जिले में चरितार्थ हो रही है. कागज में तो पानी की सप्लाई पूरी दिखा रहे हैं, लेकिन धरातल पर किसानों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है.

अधिशासी अभियंता राजकीय नलकूप जगदीश कुमार कहते हैं कि 12 से अधिक ट्यूबेल बिजली खराबी से प्रभावित हैं. ट्रांसफार्मर समेंत अन्य समस्याएं सामने आ रही हैं. जिसकी सूचना अधिशासी अभियंता को दे दी गई है.

सुल्तानपुर : जिले मेंकिसान परेशान है क्योंकि राजकीय नलकूप खराब पड़े हैं. बिजली विभाग और नलकूप विभाग के अफसर एक दूसरे को जिम्मेदार ठहराते हुए मामले से पल्ला झाड़ लेते हैं. खाली आश्वासन की घुट्टी किसानों को पिलाई जाती है और वह शिकायतें करते रहते हैं. कागजी निस्तारण होता रहता है और यह क्रम लगातार चलता रहता है, लेकिन असल में किसानों की समस्या का निदान नहीं हो पाता है. इसकी वजह से लोगों में खासा रोष है और लोग व्यवस्था को लेकर आंदोलन की रणनीति बना रहे हैं.

सुल्तानपुर: खराब पड़े हैं राजकीय नलकूप, परेशानी में किसान

आस-पड़ोस के जनपदों में सुल्तानपुर का शीर्ष स्थान है. राजकीय नलकूप जिले में इस समय कुल 466 हैं. जिसमें से 30 से अधिक राजकीय नलकूप खराब पड़े हैं. यांत्रिक खराबी की वजह से खेतों की सिंचाई व्यवस्था ठप है. इससे सब्जियों और फलों के उत्पादन पर बुरा असर पड़ रहा है. जिले में टमाटर, गोभी, बैगन, प्याज, लहसुन समेंत अन्य सब्जियों की बड़े पैमाने पर पैदावार की जाती है. बिन पानी सब सून की कहावत जिले में चरितार्थ हो रही है. कागज में तो पानी की सप्लाई पूरी दिखा रहे हैं, लेकिन धरातल पर किसानों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है.

अधिशासी अभियंता राजकीय नलकूप जगदीश कुमार कहते हैं कि 12 से अधिक ट्यूबेल बिजली खराबी से प्रभावित हैं. ट्रांसफार्मर समेंत अन्य समस्याएं सामने आ रही हैं. जिसकी सूचना अधिशासी अभियंता को दे दी गई है.

Intro:स्पेशल
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शीर्षक : खेतों में नहीं पानी, खत्म हो रही किसानों की जिंदगानी।

योगीराज में दो तरह की व्यवस्था चल रही है। एक तो कागजी घोड़े दौड़ा कर और रिकार्डों को अपडेट दिखाकर रामराज्य का प्रदर्शन हो रहा है। वहीं दूसरी तरफ किसान परेशान है। राजकीय नलकूप खराब है। बिजली विभाग और नलकूप विभाग के अफसर एक दूसरे को जिम्मेदार ठहराते हुए मामले से पल्ला झाड़ लेते हैं । खाली आश्वासन की घुट्टी किसानों को पिलाई जाती है। वह शिकायतें करते रहते हैं। कागजी निस्तारण होता रहता है और यह क्रम लगातार चलता रहता है लेकिन असल में किसानों की समस्या का निदान नहीं हो पाता है । इसकी वजह से लोगों में खासा रोष है। लोग व्यवस्था को लेकर आंदोलन की रणनीति बना रहे हैं।


Body:आस-पड़ोस के जनपदों में सुल्तानपुर का शीर्ष स्थान है। राजकीय नलकूप जिले में इस समय कुल 466 हैं जिसमें से 30 से अधिक राजकीय नलकूप खराब यांत्रिक खराबी की वजह से खेतों की सिंचाई व्यवस्था ठप है। खासकर खासकर सब्जियों और फलों के उत्पादन पर बुरा असर पड़ रहा है। जिले में टमाटर, गोभी, बैगन, प्याज, लहसुन समेत अन्य सब्जियों की बड़े पैमाने पर पैदावार की जाती है। जिला उद्यान विभाग किसानों को कई सहूलियत देता है। इधर बीज मुहैया कराया जाता है । खाद पानी मुहैया कराता है। कीटनाशक दवाओं की जानकारी दी जाती है। जिससे किसान जागरूक हो, व्यवसाय और रोजगार के अवसर खेती किसानी से मिल सके । बिन पानी सब सून की कहावत जिले में चरितार्थ हो रही है। कागज में तो पानी की सप्लाई पूरी दिखा रहे हैं । लेकिन धरातल पर किसानों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है।


Conclusion:बाइट - अधिशासी अभियंता राजकीय नलकूप जगदीश कुमार कहते हैं कि 12 से अधिक ट्यूबेल बिजली खराबी से प्रभावित हैं। ट्रांसफार्मर समेत अन्य समस्याएं सामने आ रही हैं। जिसकी सूचना अधिशासी अभियंता तो को दे दी गई है। बैठक के दौरान इस तथ्य से अवगत करा दिया जाता है।


बाइट : अधीक्षण अभियंता मोहम्मद असलम कहते हैं कि किसानों की समस्याओं को प्राथमिकता पर रखा जाता है। जो नलकूप खराब बताए जाते हैं। उन्हें दुरुस्त कराया जाता है। कुछ खराब है, जिन्हें 25 तारीख तक दिया जाएगा।

वॉइस ओवर : किसानों को नलकूप पर निर्भर होना होता है। इससे वे समय-समय पर सब्जी और फलों की खेती कर पाते हैं। बागबानी और सब्जियों की खेती सिंचाई पर काफी हद तक आश्रित होती है। समय पर पानी नहीं मिलने पर यह सूख जाती हैं। लगाया गया पैसा भी निकलना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में इन दोनों विभागों की निष्क्रियता से अन्य दाताओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

बाइट : किसान सुरेश उपाध्याय निवासी धनपतगंज कहते हैं कि निजी नलकूप पर अधिक पैसा देना पड़ रहा है। सरकारी नलकूप खराब है। इस वजह से किसान खेतों की सिंचाई नहीं कर पा रहे हैं।

आशुतोष मिश्रा 9415049256
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