सुल्तानपुर : जिले मेंकिसान परेशान है क्योंकि राजकीय नलकूप खराब पड़े हैं. बिजली विभाग और नलकूप विभाग के अफसर एक दूसरे को जिम्मेदार ठहराते हुए मामले से पल्ला झाड़ लेते हैं. खाली आश्वासन की घुट्टी किसानों को पिलाई जाती है और वह शिकायतें करते रहते हैं. कागजी निस्तारण होता रहता है और यह क्रम लगातार चलता रहता है, लेकिन असल में किसानों की समस्या का निदान नहीं हो पाता है. इसकी वजह से लोगों में खासा रोष है और लोग व्यवस्था को लेकर आंदोलन की रणनीति बना रहे हैं.
आस-पड़ोस के जनपदों में सुल्तानपुर का शीर्ष स्थान है. राजकीय नलकूप जिले में इस समय कुल 466 हैं. जिसमें से 30 से अधिक राजकीय नलकूप खराब पड़े हैं. यांत्रिक खराबी की वजह से खेतों की सिंचाई व्यवस्था ठप है. इससे सब्जियों और फलों के उत्पादन पर बुरा असर पड़ रहा है. जिले में टमाटर, गोभी, बैगन, प्याज, लहसुन समेंत अन्य सब्जियों की बड़े पैमाने पर पैदावार की जाती है. बिन पानी सब सून की कहावत जिले में चरितार्थ हो रही है. कागज में तो पानी की सप्लाई पूरी दिखा रहे हैं, लेकिन धरातल पर किसानों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है.
अधिशासी अभियंता राजकीय नलकूप जगदीश कुमार कहते हैं कि 12 से अधिक ट्यूबेल बिजली खराबी से प्रभावित हैं. ट्रांसफार्मर समेंत अन्य समस्याएं सामने आ रही हैं. जिसकी सूचना अधिशासी अभियंता को दे दी गई है.