सुलतानपुर : गैंगरेप के मामले में लखनऊ जेल में बंद अखिलेश सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे गायत्री प्रजापति की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. 11 वर्ष पूर्व आचार संहिता उल्लंघन के जिस मामले में अप्रैल माह में सुल्तानपुर की MP-MLA कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया था, सरकार अब उसी मामले में सत्र न्यायालय में अपील करेगी.
एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष लोक अभियोजक कालिका प्रसाद मिश्र ने बताया कि 28 जनवरी 2012 को अमेठी कोतवाली में निरीक्षक अमरेंद्र बाजपेयी की तहरीर पर मुकदमा लिखा गया था. आरोप था कि जिस मार्ग से गायत्री प्रजापति को विधानसभास चुनाव के नामांकन की अनुमति दी गई थी, उससे हटकर दूसरे रूट से उन्होंने तमाम समर्थकों के साथ नामांकन जुलूस निकाला था. मामले में सुलतानपुर एमपी-एमएलए कोर्ट में मुकदमा चला. बचाव पक्ष और अभियोजन पक्ष की ओर से अपने-अपने तर्क और साक्ष्य प्रस्तुत किए गए. एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष मजिस्ट्रेट योगेश यादव ने अभियोजन पक्ष द्वारा दिए गए साक्ष्य को पर्याप्त नहीं माना था और 7 अप्रैल 2023 को उस मामले में गायत्री प्रसाद प्रजापति को बरी कर दिया था.
इसके बाद परिवार व समर्थकों ने दीवानी न्यायालय में मिठाई बांटते हुए एक-दूसरे का मुंह मीठा कराया था. अब आचार संहिता उल्लंघन के इसी मामले में पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति को दोषमुक्त किए जाने का सरकार विरोध करेगी. इसके लिए एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष लोक अभियोजक कालिका प्रसाद मिश्र को अपील दायर करने का निर्देश शासन के विधि विभाग ने दिया है. कालिका मिश्र ने कहा कि शासन को दोषमुक्ति की सूचना भेजी गई थी. निर्देश मिले हैं तो आरोपों, साक्ष्यों व निर्णय का गहन अध्ययन करके समय अवधि में अपील सक्षम न्यायालय में दायर कर दी जाएगी.
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