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मेनका गांधी सौंदर्यीकरण योजना की लेटलतीफी पर वन निगम तलब, एसई को‌ अल्टीमेटम

मेनका गांधी के सुलतानपुर के सौंदर्यीकरण करने के सपने पर जिम्मेदार अधिकारी ही पानी फेरने में लगे हैं. 30 करोड़ रुपये की इस योजना को जिले के सौंदर्यीकरण में खर्च किया जाना है. वहीं इस योजना की लेटलतीफी पर वन निगम को तलब किया गया है.

मेनका गांधी सौंदर्यीकरण योजना की लेटलतीफी पर वन निगम तलब
मेनका गांधी सौंदर्यीकरण योजना की लेटलतीफी पर वन निगम तलब
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Published : Jun 30, 2021, 1:16 PM IST

सुलतानपुर: सांसद मेनका गांधी की 30 करोड़ की सुलतानपुर सौंदर्यीकरण योजना पर अफसरशाही का ग्रहण लग गया है. पेड़ कटान नहीं होने के प्रकरण पर डीएम ने संज्ञान लिया है. इकाई अधिकारी वन निगम को तलब किया है. बिजली विभाग के अधीक्षण अभियंता को अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी है. संसद के 2 जुलाई के दौरे को लेकर सख्ती देखी जा रही है.

3 इकाइयां हुई जवाबदेह
सांसद मेनका गांधी की सख्ती के बावजूद सुलतानपुर सुंदरीकरण योजना को समय के भीतर पूरा करने को लेकर बिजली विभाग संजीदा नहीं है. चौड़ीकरण में 40 पेड़ों के आड़े आने और कटान नहीं होने के प्रकरण पर डीएम रवीश गुप्ता ने इकाई अधिकारी प्रशांत सिंह से पूछताछ की है. जल्द कटान का कार्य पूरा करने की हिदायत दी है. डीएम कार्यालय में शटडाउन नहीं मिलने की बात उठने पर अधीक्षण अभियंता धीरज सिन्हा को दिन में शटडाउन देते हुए तार खोलने और पेड़ कटान में सहभागिता निभाने का निर्देश दिया है. डीएम ने कहा कि सांसद मेनका गांधी की योजना को गंभीरता से लिया गया है. लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.

डीएम ने दी जानकारी.

इसे भी पढ़ें-अधर में लटकी मेनका गांधी के सुलतानपुर सौंदर्यीकरण की योजना

सीडीओ करेंगे समन्वय
विभागों के बीच संवाद समन्वय के लिए मुख्य विकास अधिकारी को लगाया गया है. अपर जिलाधिकारी वित्त और राजस्व को भी इस कार्य में निगरानी का दायित्व सौंपा गया है. मकसद है पेड़ कट जाए बिजली के पोल और ट्रांसफार्मर हट जाए, जिससे जल्द से जल्द सांसद मेनका गांधी की इस योजना को अमलीजामा पहनाया जा सके.

यह है योजना
सुलतानपुर शहर के मध्य से प्रयाग-अयोध्या राष्ट्रीय राजमार्ग और लखनऊ-बलिया हाईवे जाता है. डिवाइडर नहीं होने और रोड संकरा होने से आए दिन जाम लगता है. यह देख मेनका गांधी ने सुधार की पहल की थी. वर्ष 2019 में मेनका गांधी ने इस क्षेत्र के सौंदर्यीकरण योजना की व्यवस्था की. इसके लिए बकायदा राज्य सरकार से अनुमति ली. राज्य सरकार की ओर से ही 30 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई. यह योजना शुरू होती, इससे पहले ही कोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन लग गया. लॉकडाउन हटा लेकिन एक साल तक योजना अटकी रही. इसके बाद वर्ष 2020 में प्रदेश सरकार की ओर से 30 करोड़ रुपये भेजे गए. इसके बाद योजना पर काम शुरू हुआ.

सुलतानपुर: सांसद मेनका गांधी की 30 करोड़ की सुलतानपुर सौंदर्यीकरण योजना पर अफसरशाही का ग्रहण लग गया है. पेड़ कटान नहीं होने के प्रकरण पर डीएम ने संज्ञान लिया है. इकाई अधिकारी वन निगम को तलब किया है. बिजली विभाग के अधीक्षण अभियंता को अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी है. संसद के 2 जुलाई के दौरे को लेकर सख्ती देखी जा रही है.

3 इकाइयां हुई जवाबदेह
सांसद मेनका गांधी की सख्ती के बावजूद सुलतानपुर सुंदरीकरण योजना को समय के भीतर पूरा करने को लेकर बिजली विभाग संजीदा नहीं है. चौड़ीकरण में 40 पेड़ों के आड़े आने और कटान नहीं होने के प्रकरण पर डीएम रवीश गुप्ता ने इकाई अधिकारी प्रशांत सिंह से पूछताछ की है. जल्द कटान का कार्य पूरा करने की हिदायत दी है. डीएम कार्यालय में शटडाउन नहीं मिलने की बात उठने पर अधीक्षण अभियंता धीरज सिन्हा को दिन में शटडाउन देते हुए तार खोलने और पेड़ कटान में सहभागिता निभाने का निर्देश दिया है. डीएम ने कहा कि सांसद मेनका गांधी की योजना को गंभीरता से लिया गया है. लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.

डीएम ने दी जानकारी.

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सीडीओ करेंगे समन्वय
विभागों के बीच संवाद समन्वय के लिए मुख्य विकास अधिकारी को लगाया गया है. अपर जिलाधिकारी वित्त और राजस्व को भी इस कार्य में निगरानी का दायित्व सौंपा गया है. मकसद है पेड़ कट जाए बिजली के पोल और ट्रांसफार्मर हट जाए, जिससे जल्द से जल्द सांसद मेनका गांधी की इस योजना को अमलीजामा पहनाया जा सके.

यह है योजना
सुलतानपुर शहर के मध्य से प्रयाग-अयोध्या राष्ट्रीय राजमार्ग और लखनऊ-बलिया हाईवे जाता है. डिवाइडर नहीं होने और रोड संकरा होने से आए दिन जाम लगता है. यह देख मेनका गांधी ने सुधार की पहल की थी. वर्ष 2019 में मेनका गांधी ने इस क्षेत्र के सौंदर्यीकरण योजना की व्यवस्था की. इसके लिए बकायदा राज्य सरकार से अनुमति ली. राज्य सरकार की ओर से ही 30 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई. यह योजना शुरू होती, इससे पहले ही कोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन लग गया. लॉकडाउन हटा लेकिन एक साल तक योजना अटकी रही. इसके बाद वर्ष 2020 में प्रदेश सरकार की ओर से 30 करोड़ रुपये भेजे गए. इसके बाद योजना पर काम शुरू हुआ.

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