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खाद्य अफसरों ने की वसूली, डीएम से मिले व्यापारी

सुल्तानपुर में खाद्य विभाग के कर्मचारियों द्वारा व्यापारियों से मिलावटखोरी के खिलाफ कार्रवाई के नाम पर वसूली का मामला सामने आया है. व्यापारियों ने मामले की शिकायत जिलाधिकारी तक पहुंचाकर उच्चस्तरीय जांच की मांग की है.

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शासनादेश का मखौल उड़ा रहे अफसर.
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Published : Nov 21, 2020, 5:39 PM IST

सुल्तानपुर: योगी सरकार की जीरो टॉलरेंस की कवायद पर उनके अफसर ही पानी फेरने में जुटे हुए हैं. दीपावली त्योहार पर खाद्य पदार्थ व्यापारियों से जमकर धन उगाही की गई. व्यापारियों ने मामले की शिकायत जिलाधिकारी तक पहुंचाकर उच्चस्तरीय जांच की मांग की है. शनिवार को व्यापार मंडल ने ज्ञापन देकर कारोबार बचाने का आह्वान किया है.

विभागीय सुनवाई नहीं होने पर सड़क पर आए व्यापारी

व्यापार मंडल की तरफ से सबसे पहले खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग में अनियमितता की शिकायत की गई. व्यापारियों की तरफ से पूर्ति निरीक्षकों पर जबरन उत्पीड़न और धन उगाही का आरोप मढ़ा गया, लेकिन विभागीय अफसरों ने इंस्पेक्टरों का बीच-बचाव किया और कोई कार्रवाई नहीं की. इससे व्यापारी सड़क पर उतरने को बाध्य हो गए.

पैसे देने वालों का हो रहा संरक्षण

उद्योग व्यापार मंडल के प्रदेश संगठन मंत्री रविंद्र तिवारी ने बताया कि जिलाधिकारी को ज्ञापन दिया गया है. ज्ञापन में यह बात दर्शाई गई है कि व्यापारियों से खाद्य पदार्थों का नमूना लिया जा रहा है, जो व्यापारी खाद्य विभाग के अधिकारियों को पैसा नहीं देते हैं. उन्हीं पर विभागीय कार्रवाई की जा रही है. इसके बावजूद पीड़ित कोई मिलावटखोरी नहीं कर रहे हैं.

शासनादेश का मखौल उड़ा रहे अफसर

शासनादेश में स्पष्ट उल्लेख है कि किसी भी निजी कर्मचारी द्वारा दुकान का नमूना नहीं लिया जाएगा. नमूना लिए जाने की फोटो और प्रमाणित शिकायत जिलाधिकारी से की गई है और उनसे जांच कर आवश्यक कार्रवाई की मांग की गई है. नॉन टेक्निकल और निजी कर्मचारी द्वारा कैसे नमूना लिया जा रहा है. यह मुद्दा उठाया गया है. यह लोग व्यापारी के यहां जांच करते हैं और उनसे अवैध वसूली का दबाव बनाते हैं. उन्हें अपने कार्यालय निजी स्थान पर बुलाया जाता है. व्यापारियों के गुस्से को देखते हुए जिलाधिकारी रवीश गुप्ता ने ज्ञापन लिया और जल्द जांच कर ठोस कार्रवाई का भरोसा दिया.

सुल्तानपुर: योगी सरकार की जीरो टॉलरेंस की कवायद पर उनके अफसर ही पानी फेरने में जुटे हुए हैं. दीपावली त्योहार पर खाद्य पदार्थ व्यापारियों से जमकर धन उगाही की गई. व्यापारियों ने मामले की शिकायत जिलाधिकारी तक पहुंचाकर उच्चस्तरीय जांच की मांग की है. शनिवार को व्यापार मंडल ने ज्ञापन देकर कारोबार बचाने का आह्वान किया है.

विभागीय सुनवाई नहीं होने पर सड़क पर आए व्यापारी

व्यापार मंडल की तरफ से सबसे पहले खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग में अनियमितता की शिकायत की गई. व्यापारियों की तरफ से पूर्ति निरीक्षकों पर जबरन उत्पीड़न और धन उगाही का आरोप मढ़ा गया, लेकिन विभागीय अफसरों ने इंस्पेक्टरों का बीच-बचाव किया और कोई कार्रवाई नहीं की. इससे व्यापारी सड़क पर उतरने को बाध्य हो गए.

पैसे देने वालों का हो रहा संरक्षण

उद्योग व्यापार मंडल के प्रदेश संगठन मंत्री रविंद्र तिवारी ने बताया कि जिलाधिकारी को ज्ञापन दिया गया है. ज्ञापन में यह बात दर्शाई गई है कि व्यापारियों से खाद्य पदार्थों का नमूना लिया जा रहा है, जो व्यापारी खाद्य विभाग के अधिकारियों को पैसा नहीं देते हैं. उन्हीं पर विभागीय कार्रवाई की जा रही है. इसके बावजूद पीड़ित कोई मिलावटखोरी नहीं कर रहे हैं.

शासनादेश का मखौल उड़ा रहे अफसर

शासनादेश में स्पष्ट उल्लेख है कि किसी भी निजी कर्मचारी द्वारा दुकान का नमूना नहीं लिया जाएगा. नमूना लिए जाने की फोटो और प्रमाणित शिकायत जिलाधिकारी से की गई है और उनसे जांच कर आवश्यक कार्रवाई की मांग की गई है. नॉन टेक्निकल और निजी कर्मचारी द्वारा कैसे नमूना लिया जा रहा है. यह मुद्दा उठाया गया है. यह लोग व्यापारी के यहां जांच करते हैं और उनसे अवैध वसूली का दबाव बनाते हैं. उन्हें अपने कार्यालय निजी स्थान पर बुलाया जाता है. व्यापारियों के गुस्से को देखते हुए जिलाधिकारी रवीश गुप्ता ने ज्ञापन लिया और जल्द जांच कर ठोस कार्रवाई का भरोसा दिया.

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