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दस लाख की डकैती में पांच बदमाश दोषी, दस साल का कारावास

डकैती के एक मामले में कोर्ट ने 5 आरोपियों को दोषी करार देते हुए दस-दस साल की सजा सुनाई है.

दस लाख की डकैती में पांच बदमाश दोषी, दस साल का कारावास
दस लाख की डकैती में पांच बदमाश दोषी, दस साल का कारावास
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Published : Apr 15, 2022, 7:55 PM IST

सुल्तानपुरः लखनऊ-बलिया राष्ट्रीय राजमार्ग पर सुल्तानपुर जिले के गोसाईगंज थाना क्षेत्र में कार रोककर डाली गई डकैती के मामले में कोर्ट ने पांच आरोपियों को दोषी करार देते हुए सजा सुना दी है. अपर जिला जज सप्तम पीके जयंत की कोर्ट ने सभी दोषियों को 10-10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है.


मामला सुल्तानपुर जिले के गोसाईगंज थाना क्षेत्र अंतर्गत बांसगांव का है. घटना 28 मई 2012 की है. पीयूष सिंह की कार को डाका डालने के उद्देश्य से बदमाशों ने पंचर कर दिया. इसके बाद पांचों अभिय़ुक्त लैपटॉप, मोबाइल समेत 10 लाख रुपए छीन कर फरार हो गए. इस मामले में पुलिस ने रिससू रुस्तम , बबलू निषाद, परशुराम हरिजन, रामनरेश और नदीम उर्फ निजामुद्दीन को गिरफ्तार किया था. कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया गया था.

शासकीय पक्ष से अधिवक्ता संदीप सिंह और निजी अधिवक्ता उत्कर्ष शुक्ला की तरफ से गवाहों को कोर्ट में पेश किया गया. साक्ष्यों का अवलोकन करने के बाद अपर जिला जज सप्तम पीके जयंत की अदालत ने शुक्रवार को फैसला सुनाया. कोर्ट ने सभी पांचों आरोपियों को दोषी करार देते हुए दस-दस साल के कारावास की सजा सुनाई. इसके अलावा 40 हजार का अर्थदंड भी लगाया. साक्ष्य के अभाव में आरोपी रुस्तम को न्यायालय ने बरी कर दिया.

सुल्तानपुरः लखनऊ-बलिया राष्ट्रीय राजमार्ग पर सुल्तानपुर जिले के गोसाईगंज थाना क्षेत्र में कार रोककर डाली गई डकैती के मामले में कोर्ट ने पांच आरोपियों को दोषी करार देते हुए सजा सुना दी है. अपर जिला जज सप्तम पीके जयंत की कोर्ट ने सभी दोषियों को 10-10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है.


मामला सुल्तानपुर जिले के गोसाईगंज थाना क्षेत्र अंतर्गत बांसगांव का है. घटना 28 मई 2012 की है. पीयूष सिंह की कार को डाका डालने के उद्देश्य से बदमाशों ने पंचर कर दिया. इसके बाद पांचों अभिय़ुक्त लैपटॉप, मोबाइल समेत 10 लाख रुपए छीन कर फरार हो गए. इस मामले में पुलिस ने रिससू रुस्तम , बबलू निषाद, परशुराम हरिजन, रामनरेश और नदीम उर्फ निजामुद्दीन को गिरफ्तार किया था. कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया गया था.

शासकीय पक्ष से अधिवक्ता संदीप सिंह और निजी अधिवक्ता उत्कर्ष शुक्ला की तरफ से गवाहों को कोर्ट में पेश किया गया. साक्ष्यों का अवलोकन करने के बाद अपर जिला जज सप्तम पीके जयंत की अदालत ने शुक्रवार को फैसला सुनाया. कोर्ट ने सभी पांचों आरोपियों को दोषी करार देते हुए दस-दस साल के कारावास की सजा सुनाई. इसके अलावा 40 हजार का अर्थदंड भी लगाया. साक्ष्य के अभाव में आरोपी रुस्तम को न्यायालय ने बरी कर दिया.

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