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राज्य पुरस्कार चयन में भेदभाव को लेकर शिक्षिका ने खोला BSA के खिलाफ मोर्चा, सांसद मेनका ने DM को लिखा पत्र

राज्य अध्यापक पुरस्कार चयन में भेदभाव का आरोप लगाकर एक शिक्षिका ने बीएसए के खिलाफ मोर्चा खोला. महिला शिक्षिका ने भूख हड़ताल का ऐलान किया है.

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Published : Aug 15, 2023, 9:49 PM IST

पीड़ित शिक्षिका डॉ. पल्लवी तिवारी ने दी जानकारी

सुल्तानपुर: राज्य अध्यापक पुरस्कार चयन में पक्षपात का मुद्दा बन गया है. एक शिक्षिका ने महिला बेसिक शिक्षा अधिकारी दीपिका चतुर्वेदी के खिलाफ संघर्ष छेड़ने का ऐलान किया है. अपनी योग्यता और चयन सूची में नाम को आधार बनाते हुए भूख हड़ताल का ऐलान किया है. बीएसए के खिलाफ शिक्षक के उग्र आंदोलन से शिक्षा महकमें में चर्चा का माहौल गर्म हो गया है. वहीं, सांसद मेनका गांधी ने बेसिक शिक्षा अधिकारी को षड्यंत्रकारी महिला करार देते हुए डीएम को कार्रवाई करने के लिए पत्र लिखा है.

डॉक्टर पल्लवी तिवारी उच्च प्राथमिक विद्यालय चंद्रनगर अंतर्गत चकरपुर ग्राम पंचायत ब्लॉक दुबेपुर में शिक्षिका के रूप में तैनात हैं. उनका दावा है कि 100 से अधिक उनके पास प्रमाण पत्र हैं, जिसमें उन्होंने सामाजिक सरोकार समेत अन्य विभिन्न क्षेत्रों में बहुत ही उत्कृष्ट कार्य किया है. अंग्रेजी भाषा में विद्यार्थी कैसे पारंगत हो, इस पर उन्होंने नवाचार करते हुए बेहतर शोध कार्य भी किया है.

पल्लवी तिवारी का आरोप है कि राज्य अध्यापक के लिए बेसिक शिक्षा अधिकारी दीपिका चतुर्वेदी ने पहल शुरू की थी. जिसके बाद शिक्षकों की पात्रता सूची तैयार की गई. जिसमें उसे भी शामिल किया गया था. जबकि फाइनल सूची में मोतिगरपुर विकासखंड के कैथाना प्राथमिक विद्यालय में तैनात अरुण प्रजापति, जयसिंहपुर विकासखंड के वैदहा में तैनात कांति सिंह और दुबेपुर ब्लॉक के पलहीपुर द्वितीय ग्राम पंचायत में तैनात शिक्षिका अनुपम शुक्ला को भी पुरस्कार के लिए चयनित किया गया.

शिक्षकों के चयन प्रक्रिया में पक्षपात करने का आरोप लगाया गया है. आरोप के मुताबिक शिक्षिका डॉक्टर पल्लवी तिवारी के खिलाफ पक्षपात करते हुए उन्हें चयन सूची से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है. जिसके खिलाफ वह बेसिक शिक्षा अधिकारी दीपिका चतुर्वेदी के खिलाफ आक्रामक हुई है और भूख हड़ताल करने का ऐलान करते हुए प्रशासन को इस प्रकरण से अवगत कराया है. यह पूरा मामला बेसिक शिक्षा विभाग में चर्चा का विषय बना हुआ है.

यह भी पढ़े-निषाद पार्टी के जिलाध्यक्ष की गुंडई, प्रभात फेरी निकाल रहे शिक्षक को सरेआम डंडों से पीटा


डॉक्टर पल्लवी तिवारी ने बताया कि वह दुबेपुर ब्लॉक के चंद्र नगर अंतर्गत चकरपुर उच्च प्राथमिक विद्यालय में विज्ञान शिक्षिका के रूप में तैनात है. 2009 से वह सेवा दे रही हैं. राज्य अध्यापक पुरस्कार के चयन में 19 लोगों के साथ मेरा चयन हुआ था, जिसमें मेरा स्थान 12 नंबर पर था. साक्षात्कार के दौरान ना तो मुझे बुलाया गया और न ही मुझे योग्य स्थान पात्रता परीक्षण प्रक्रिया के लिए दिया गया. बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय के बाहर वह ढाई घंटे तक इंतजार करती रही. इसके बाद मुझे मिलने से मना कर दिया गया, मेरा अपमान किया गया. इस कारण से मेरी पात्रता और चयन प्रक्रिया को रोका गया है. यदि मुझे जानकारी नहीं दी जाती है तो 16 अगस्त को मैं भूख हड़ताल पर बैठूंगी.

इस मामले में मुख्य विकास अधिकारी अंकुर कौशिक का कहना है कि शिक्षिका की तरफ से बेसिक शिक्षा अधिकारी पर लगाए गए आरोप संज्ञान में आए हैं. पूरे मामले की जांच पड़ताल की जा रही है‌. आवश्यक विधिक कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी.

इसे भी पढ़े-तिरंगा यात्रा पर पुलिस को मिली पथराव की सूचना, फिर जानिए क्या हुआ?

पीड़ित शिक्षिका डॉ. पल्लवी तिवारी ने दी जानकारी

सुल्तानपुर: राज्य अध्यापक पुरस्कार चयन में पक्षपात का मुद्दा बन गया है. एक शिक्षिका ने महिला बेसिक शिक्षा अधिकारी दीपिका चतुर्वेदी के खिलाफ संघर्ष छेड़ने का ऐलान किया है. अपनी योग्यता और चयन सूची में नाम को आधार बनाते हुए भूख हड़ताल का ऐलान किया है. बीएसए के खिलाफ शिक्षक के उग्र आंदोलन से शिक्षा महकमें में चर्चा का माहौल गर्म हो गया है. वहीं, सांसद मेनका गांधी ने बेसिक शिक्षा अधिकारी को षड्यंत्रकारी महिला करार देते हुए डीएम को कार्रवाई करने के लिए पत्र लिखा है.

डॉक्टर पल्लवी तिवारी उच्च प्राथमिक विद्यालय चंद्रनगर अंतर्गत चकरपुर ग्राम पंचायत ब्लॉक दुबेपुर में शिक्षिका के रूप में तैनात हैं. उनका दावा है कि 100 से अधिक उनके पास प्रमाण पत्र हैं, जिसमें उन्होंने सामाजिक सरोकार समेत अन्य विभिन्न क्षेत्रों में बहुत ही उत्कृष्ट कार्य किया है. अंग्रेजी भाषा में विद्यार्थी कैसे पारंगत हो, इस पर उन्होंने नवाचार करते हुए बेहतर शोध कार्य भी किया है.

पल्लवी तिवारी का आरोप है कि राज्य अध्यापक के लिए बेसिक शिक्षा अधिकारी दीपिका चतुर्वेदी ने पहल शुरू की थी. जिसके बाद शिक्षकों की पात्रता सूची तैयार की गई. जिसमें उसे भी शामिल किया गया था. जबकि फाइनल सूची में मोतिगरपुर विकासखंड के कैथाना प्राथमिक विद्यालय में तैनात अरुण प्रजापति, जयसिंहपुर विकासखंड के वैदहा में तैनात कांति सिंह और दुबेपुर ब्लॉक के पलहीपुर द्वितीय ग्राम पंचायत में तैनात शिक्षिका अनुपम शुक्ला को भी पुरस्कार के लिए चयनित किया गया.

शिक्षकों के चयन प्रक्रिया में पक्षपात करने का आरोप लगाया गया है. आरोप के मुताबिक शिक्षिका डॉक्टर पल्लवी तिवारी के खिलाफ पक्षपात करते हुए उन्हें चयन सूची से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है. जिसके खिलाफ वह बेसिक शिक्षा अधिकारी दीपिका चतुर्वेदी के खिलाफ आक्रामक हुई है और भूख हड़ताल करने का ऐलान करते हुए प्रशासन को इस प्रकरण से अवगत कराया है. यह पूरा मामला बेसिक शिक्षा विभाग में चर्चा का विषय बना हुआ है.

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डॉक्टर पल्लवी तिवारी ने बताया कि वह दुबेपुर ब्लॉक के चंद्र नगर अंतर्गत चकरपुर उच्च प्राथमिक विद्यालय में विज्ञान शिक्षिका के रूप में तैनात है. 2009 से वह सेवा दे रही हैं. राज्य अध्यापक पुरस्कार के चयन में 19 लोगों के साथ मेरा चयन हुआ था, जिसमें मेरा स्थान 12 नंबर पर था. साक्षात्कार के दौरान ना तो मुझे बुलाया गया और न ही मुझे योग्य स्थान पात्रता परीक्षण प्रक्रिया के लिए दिया गया. बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय के बाहर वह ढाई घंटे तक इंतजार करती रही. इसके बाद मुझे मिलने से मना कर दिया गया, मेरा अपमान किया गया. इस कारण से मेरी पात्रता और चयन प्रक्रिया को रोका गया है. यदि मुझे जानकारी नहीं दी जाती है तो 16 अगस्त को मैं भूख हड़ताल पर बैठूंगी.

इस मामले में मुख्य विकास अधिकारी अंकुर कौशिक का कहना है कि शिक्षिका की तरफ से बेसिक शिक्षा अधिकारी पर लगाए गए आरोप संज्ञान में आए हैं. पूरे मामले की जांच पड़ताल की जा रही है‌. आवश्यक विधिक कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी.

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