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नियमित व्यायाम और परहेज है कैंसर से बचाव: डॉ. आलोक गुप्ता

उत्तर प्रदेश के सुलतानपुर में कैंसर को लेकर टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल मुंबई के असिस्टेंट प्रोफेसर रह चुके डॉ. आलोक गुप्ता ने कई चीजें बताई. साथ ही उन्होंने कैंसर से बचने के कई उपाय भी बताए.

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कैंसर को लेकर डॉ. ने बताया खास बात.
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Published : Jan 25, 2020, 11:32 AM IST

सुलतानपुर: कैंसर एक ऐसी बीमारी है, जो आजकल लोगों में काफी पाई जा रही है. लोग कैंसर को उसके शुरुआती स्टेज पर समझ नहीं पाते. हालांकि इसे समझने के लिए जिले में आए डॉ. आलोक गुप्ता ने कुछ खास बातें बताईं. डॉ. आलोक गुप्ता टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल मुंबई के असिस्टेंट प्रोफेसर रह चुके हैं. वह एम्स दिल्ली में भी ऑन्कोलॉजी विभाग में सेवाएं दे चुके हैं.

कैंसर को लेकर डॉ. ने बताया खास बात.

लोगों में कैंसर को लेकर नहीं है जागरूकता
लोगों में कैंसर को लेकर ज्यादा जागरूकता नहीं है. डॉ. आलोक का कहना है कि कुछ कदम उठाकर कैंसर होने की संभावना को कम किया जा सकता है. कैंसर में तंबाकू का अहम योगदान है. चबाने वाली तंबाकू और धुंए के रूप में जाने वाली तंबाकू से यदि हम दूर रहें तो 50% कैंसर की संभावना को रोका जा सकता है.

इन चीजों से होता है कैंसर
चबाने वाले तंबाकू से मुंह है और गले का कैंसर भी होता है. पीने वाले तंबाकू यानी बीड़ी, सिगरेट से फेफड़े का कैंसर होता है. इसके अलावा पेशाब की थैली का कैंसर, गले का कैंसर, आंत का कैंसर समेत कई अन्य कैंसर भी तंबाकू से होते हैं. तंबाकू के सेवन को रोककर हम कैंसर से बच सकते हैं.

डॉ. आलोक का कहना है कि तंबाकू के साथ-साथ दूसरा प्रमुख कारण है शराब का सेवन. शराब से बचकर हम कैंसर को काफी हद तक रोक सकते हैं. वहीं तीसरी चीज है, नियमित व्यायाम. यानी रोजाना नियमित व्यायाम करके हम कैंसर की संभावना को कम कर सकते हैं. कुछ कैंसर व्यायाम नहीं करने से जुड़े होते हैं, जैसे महिलाओं में छाती का कैंसर, गर्भाशय कैंसर, पेनक्रिएटिक कैंसर. इस तरह से हम कैंसर के रिस्क को थोड़ा कम कर सकते हैं.

चौथा प्रमुख अवयव है वजन को नियंत्रित रखना. नियमित व्यायाम और सक्रिय जीवन शैली से वजन को नियंत्रित रखा जा सकता है. इससे कैंसर का प्रभाव और होने की संभावना को कम किया जा सकता है. कैंसर होने और ठीक होने के बाद जो अपनी नियमित दिनचर्या रखते हैं, उनमें कैंसर दोबारा होने की संभावना बेहद कम हो जाती है. पांचवां प्रमुख तत्व है संतुलित भोजन. ऐसा भोजन लें, जिसमें दाल हो, हरी सब्जियां हो, फल हो, दूध हो, यह आवश्यक तत्व है.

डॉ. आलोक गुप्ता ने बताया कि इन चीजों से परहेज करना चाहिए
रेड मीट, प्रिजर्वेटिव फूड, स्मोक फूड ये खाद्य पदार्थ के रूप में बेहतर नहीं माने जाते हैं. ये कैंसर बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थ हैं.

कैसे पहचाने कैंसर को
लगातार खांसी को लोग उपेक्षित करते हैं. कई बार टीबी की दवा शुरू कर दी जाती है. यह कतई न करें. अगर ऐसा हो तो जांच कराएं और खांसी यानी लंबी खांसी को सतर्कता से देखें. अचानक ज्यादा वजन कम होना भी कैंसर आने का प्रमुख लक्षण है. महिलाओं में बदबूदार स्राव आना और मासिक धर्म का अनियमित होना भी कैंसर के आने का एक लक्षण देखा जा रहा है.

इसे भी पढ़ें- यूपी स्थापना दिवस- बोले सीएम योगी 'जिसका कोई नहीं उसका शासन होगा'

सुलतानपुर: कैंसर एक ऐसी बीमारी है, जो आजकल लोगों में काफी पाई जा रही है. लोग कैंसर को उसके शुरुआती स्टेज पर समझ नहीं पाते. हालांकि इसे समझने के लिए जिले में आए डॉ. आलोक गुप्ता ने कुछ खास बातें बताईं. डॉ. आलोक गुप्ता टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल मुंबई के असिस्टेंट प्रोफेसर रह चुके हैं. वह एम्स दिल्ली में भी ऑन्कोलॉजी विभाग में सेवाएं दे चुके हैं.

कैंसर को लेकर डॉ. ने बताया खास बात.

लोगों में कैंसर को लेकर नहीं है जागरूकता
लोगों में कैंसर को लेकर ज्यादा जागरूकता नहीं है. डॉ. आलोक का कहना है कि कुछ कदम उठाकर कैंसर होने की संभावना को कम किया जा सकता है. कैंसर में तंबाकू का अहम योगदान है. चबाने वाली तंबाकू और धुंए के रूप में जाने वाली तंबाकू से यदि हम दूर रहें तो 50% कैंसर की संभावना को रोका जा सकता है.

इन चीजों से होता है कैंसर
चबाने वाले तंबाकू से मुंह है और गले का कैंसर भी होता है. पीने वाले तंबाकू यानी बीड़ी, सिगरेट से फेफड़े का कैंसर होता है. इसके अलावा पेशाब की थैली का कैंसर, गले का कैंसर, आंत का कैंसर समेत कई अन्य कैंसर भी तंबाकू से होते हैं. तंबाकू के सेवन को रोककर हम कैंसर से बच सकते हैं.

डॉ. आलोक का कहना है कि तंबाकू के साथ-साथ दूसरा प्रमुख कारण है शराब का सेवन. शराब से बचकर हम कैंसर को काफी हद तक रोक सकते हैं. वहीं तीसरी चीज है, नियमित व्यायाम. यानी रोजाना नियमित व्यायाम करके हम कैंसर की संभावना को कम कर सकते हैं. कुछ कैंसर व्यायाम नहीं करने से जुड़े होते हैं, जैसे महिलाओं में छाती का कैंसर, गर्भाशय कैंसर, पेनक्रिएटिक कैंसर. इस तरह से हम कैंसर के रिस्क को थोड़ा कम कर सकते हैं.

चौथा प्रमुख अवयव है वजन को नियंत्रित रखना. नियमित व्यायाम और सक्रिय जीवन शैली से वजन को नियंत्रित रखा जा सकता है. इससे कैंसर का प्रभाव और होने की संभावना को कम किया जा सकता है. कैंसर होने और ठीक होने के बाद जो अपनी नियमित दिनचर्या रखते हैं, उनमें कैंसर दोबारा होने की संभावना बेहद कम हो जाती है. पांचवां प्रमुख तत्व है संतुलित भोजन. ऐसा भोजन लें, जिसमें दाल हो, हरी सब्जियां हो, फल हो, दूध हो, यह आवश्यक तत्व है.

डॉ. आलोक गुप्ता ने बताया कि इन चीजों से परहेज करना चाहिए
रेड मीट, प्रिजर्वेटिव फूड, स्मोक फूड ये खाद्य पदार्थ के रूप में बेहतर नहीं माने जाते हैं. ये कैंसर बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थ हैं.

कैसे पहचाने कैंसर को
लगातार खांसी को लोग उपेक्षित करते हैं. कई बार टीबी की दवा शुरू कर दी जाती है. यह कतई न करें. अगर ऐसा हो तो जांच कराएं और खांसी यानी लंबी खांसी को सतर्कता से देखें. अचानक ज्यादा वजन कम होना भी कैंसर आने का प्रमुख लक्षण है. महिलाओं में बदबूदार स्राव आना और मासिक धर्म का अनियमित होना भी कैंसर के आने का एक लक्षण देखा जा रहा है.

इसे भी पढ़ें- यूपी स्थापना दिवस- बोले सीएम योगी 'जिसका कोई नहीं उसका शासन होगा'

Intro:शीर्षक : सुलतानपुर : नियमित व्यायाम और थोड़ा परहेज कर भगाएं कैंसर : विशेषज्ञ डॉ आलोक।


एंकर : कैंसर किस्मत से जुड़ी बीमारी नहीं है । लोगों में यह गलत जानती है कि कैंसर किस्मत से आता है। कैंसर से बचने और उसे पहली स्टेज में पहचानने का फार्मूला बताने सुल्तानपुर आए हैं डॉ आलोक गुप्ता। जो टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल मुंबई के असिस्टेंट प्रोफेसर रह चुके हैं। एम्स दिल्ली में भी ऑंकोलॉजी विभाग की सेवाएं दे चुके हैं।


Body:बाइट : लोगों में यह गलत भ्रांति है कि कैंसर किस्मत से आता है। थोड़ा सा प्रयास कर हम कैंसर से बच सकते हैं । कुछ कदम उठाकर कैंसर होने की संभावना को कम किया जा सकता है। कैंसर में तंबाकू का अहम योगदान है । चबाने वाली तंबाकू और धुंए के रूप में जाने वाली तंबाकू से यदि हम दूर रहे तो 50% कैंसर की संभावना को रोका जा सकता है। चबाने वाले तंबाकू से मुंह का कैंसर होता है। गले का कैंसर होता है। पीने वाले तंबाकू यानी बीड़ी, सिगरेट से फेफड़े का कैंसर होता है। इसके अलावा पेशाब की थैली का कैंसर, गले का कैंसर , आंत का कैंसर समेत कई अन्य कैंसर भी तंबाकू से होते हैं। तंबाकू का सेवन रोककर हम इनसे कैंसर से बच सकते हैं।

दूसरा प्रमुख कारण है शराब का सेवन। शराब से बचकर हम कैंसर को काफी हद तक रोक सकते हैं ।

तीसरी चीज है, नियमित व्यायाम। यानी रोजाना एक नियमित व्यायाम करके हम कैंसर की संभावना को छीड़ कर सकते हैं। कुछ कैंसर व्यायाम नहीं करने से जुड़े होते हैं। जैसे महिलाओं में छाती का कैंसर, गर्भाशय कैंसर, पेनक्रिएटिक कैंसर। इस तरह से हम कैंसर के रिस्क को थोड़ा कम कर सकते हैं।

चौथा प्रमुख अवयव है वजन को नियंत्रित रखना । नियमित व्यायाम और सक्रिय जीवन शैली से वजन को नियंत्रित रखा जा सकता है । कैंसर का प्रभाव और होने की संभावना को कम किया जा सकता है। कैंसर होने और ठीक होने के बाद जो अपनी नियमित दिनचर्या रखते हैं । उनमें कैंसर दोबारा होने की संभावना बेहद कम हो जाती है।

पांचवा प्रमुख तत्व है संतुलित भोजन। ऐसा भोजन लें, जिसमें दाल हो, हरी सब्जियां हो, फल हो, दूध हो। यह आवश्यक तत्व है।

इससे बचें

रेड मीट, प्रिजर्वेटिव फूड, स्मोक फूड यह खाद्य पदार्थ के रूप में बेहतर नहीं माने जाते हैं। कैंसर बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थ हैं।


Conclusion:ऐसे पहचाने कैंसर

बाइट : लगातार खांसी को लोग उपेक्षित करते हैं कई बार टीवी की दवा शुरू कर दी जाती है यह कतई ना करें जांच कराएं और खांसी यानी लंबी खांसी को सतर्कता से देखें अचानक ज्यादा वजन कम होना भी कैंसर आने का प्रमुख लक्षण है महिलाओं में बदबूदार स्राव आना और मासिक धर्म का अनियमित होना भी कैंसर के आने का एक लक्षण देखा जा रहा है।
डॉ आलोक गुप्ता, असिस्टेंट प्रोफेसर ऑल इंडिया ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस नई दिल्ली।
-डीएम ऑंकोलॉजी टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल मुंबई


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आशुतोष मिश्रा , सुल्तानपुर 94 15049 256
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