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सुलतानपुर: निजीकरण का विरोध, इंजीनियर और बिजलीकर्मियोंं ने निकाला मशाल जुलूस

सुलतानपुर में निजीकरण के खिलाफ इंजीनियर और बिजलीकर्मियों ने मशाल जुलूस निकाला. इंजीनियरों का कहना है कि निजीकरण की प्रक्रिया से उपभोक्ताओं को भी बड़ी क्षति पहुंचेगी. बिजली की कीमतें दोगुनी से अधिक हो जाएंगी.

engineers and electrical workers protest
मशाल जुलूस निकालते इंजीनियर और बिजलीकर्मी
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Published : Sep 30, 2020, 2:34 AM IST

सुलतानपुर: पावर कारपोरेशन में निजीकरण की बढ़ रही प्रक्रिया का विरोध अब इंजीनियरों ने भी शुरू कर दिया है. जिले में एसडीओ के आह्वान पर कर्मचारी सड़क पर निकले और सरकार के खिलाफ मशाल जुलूस निकालते हुए विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान कर्मचारियों ने निजीकरण को घातक बताया. इंजीनियरों ने कहा कि जो बिजली 5 रुपये से 6 रुपये में मिल रही है, वह निजीकरण की वजह से 10 से अधिक रुपए प्रति यूनिट हो जाएगी.

सुलतानपुर के दरियापुर स्थित अधीक्षण अभियंता कार्यालय पर बिजली विभाग के इंजीनियर और कर्मचारी एकत्र हुए, जहां पर निजीकरण के विरोध का निर्णय लिया गया. इस दौरान कर्मचारी यूनियनों ने भी पुरजोर समर्थन का ऐलान किया. मशाल जुलूस अधीक्षण अभियंता कार्यालय से निकाला गया, जहां पर कर्मचारियों ने प्रदर्शन करते हुए निजीकरण के खिलाफ गुस्से का इजहार किया.

इस प्रदर्शन में पहली बार इंजीनियर भी शामिल हुए हैं. इंजीनियरों का कहना है कि निजीकरण की प्रक्रिया से उपभोक्ताओं को भी बड़ी क्षति पहुंचेगी. बिजली की कीमतें दोगुनी से अधिक हो जाएंगी. ऐसे में महंगाई बढ़ना स्वाभाविक है. सरकार की तरफ से प्रमुख पांच इकाईयों में से पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम को निजी हाथों में सौंपा जा रहा है. सरकार का यह कदम उपभोक्ताओं के हित में कतई नहीं है.

सुलतानपुर: पावर कारपोरेशन में निजीकरण की बढ़ रही प्रक्रिया का विरोध अब इंजीनियरों ने भी शुरू कर दिया है. जिले में एसडीओ के आह्वान पर कर्मचारी सड़क पर निकले और सरकार के खिलाफ मशाल जुलूस निकालते हुए विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान कर्मचारियों ने निजीकरण को घातक बताया. इंजीनियरों ने कहा कि जो बिजली 5 रुपये से 6 रुपये में मिल रही है, वह निजीकरण की वजह से 10 से अधिक रुपए प्रति यूनिट हो जाएगी.

सुलतानपुर के दरियापुर स्थित अधीक्षण अभियंता कार्यालय पर बिजली विभाग के इंजीनियर और कर्मचारी एकत्र हुए, जहां पर निजीकरण के विरोध का निर्णय लिया गया. इस दौरान कर्मचारी यूनियनों ने भी पुरजोर समर्थन का ऐलान किया. मशाल जुलूस अधीक्षण अभियंता कार्यालय से निकाला गया, जहां पर कर्मचारियों ने प्रदर्शन करते हुए निजीकरण के खिलाफ गुस्से का इजहार किया.

इस प्रदर्शन में पहली बार इंजीनियर भी शामिल हुए हैं. इंजीनियरों का कहना है कि निजीकरण की प्रक्रिया से उपभोक्ताओं को भी बड़ी क्षति पहुंचेगी. बिजली की कीमतें दोगुनी से अधिक हो जाएंगी. ऐसे में महंगाई बढ़ना स्वाभाविक है. सरकार की तरफ से प्रमुख पांच इकाईयों में से पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम को निजी हाथों में सौंपा जा रहा है. सरकार का यह कदम उपभोक्ताओं के हित में कतई नहीं है.

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