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जिपं अध्यक्ष उषा सिंह और ब्लॉक प्रमुख मोनू सिंह समेत 12 को 2-2 साल की सजा

एमपी एमएलए कोर्ट ने जिपं अध्यक्ष उषा सिंह और ब्लॉक प्रमुख मोनू सिंह समेत 12 को 2-2 साल की सजा सुनाई है.

एमपी एमएलए कोर्ट
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Published : Dec 2, 2022, 10:28 PM IST

सुलतानपुरः करीब छह साल पहले धनपतगंज ब्लॉक प्रमुख चुनाव के दौरान नामांकन के वक्त हुये बवाल में एमपी एमएलए कोर्ट ने शुक्रवार को अपना फैसला सुना दिया है. दोनों पक्षों से दर्जन भर लोगों को 2-2 साल कैद की सजा हुई है. इसमें भाजपा जिपं अध्यक्ष उषा सिंह, उनके पति एवं बल्दीराय ब्लॉक के प्रमुख शिवकुमार सिंह, पूर्व विधायक चंद्रभद्र सिंह व उनके भाई ब्लॉक प्रमुख यशभद्र सिंह के नाम शामिल हैं. फैसले के समय जिपं अध्यक्ष व पूर्व विधायक मौजूद नहीं थे.

घटना 5 फरवरी साल 2016 की है. नीलम कोरी और जानकी देवी नामांकन करने ब्लॉक पर गई थीं. इस समय दोनो पक्ष में विवाद और अंत में बवाल और मारपीट हुई थी. प्रत्याशियों समेत कई लोगों को चोटें आई थी. नीलम कोरी की तरफ से जिपं अध्यक्ष उषा सिंह ने पूर्व विधायक उनके ब्लॉक प्रमुख भाई, राम मूर्ति सिंह, अतुल सिंह व अजीत यादव के खिलाफ केस दर्ज कराया था. जिसके बाद उनकी मौत हो गई थी.

वहीं दूसरी ओर ब्लॉक प्रमुख यशभद्र सिंह का केस दर्ज नहीं किया गया तब उन्होंने कोर्ट की शरण ली. अदालत के निर्देश पर जिपं अध्यक्ष उषा सिंह उनके पति शिवकुमार सिंह, राजेंद्र मिश्र, कमला देवी, रमाकांत मिश्र, सिराज व दद्दन दुबे के विरुद्ध केस दर्ज हो गया. दोनों केस में सुनवाई साथ चली. शुक्रवार को जज एकता वर्मा ने साक्ष्य के आधार पर पूर्व विधायक उनके ब्लॉक प्रमुख भाई आदि आरोपियों को 2-2 वर्ष साल कैद और 4-4 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाया. उधर क्रॉस केस में सभी को दो दो साल कैद व दो दो हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई. सभी दोषियों को अपील तक जमानत पर रिहा कर दिया गया.

सुलतानपुरः करीब छह साल पहले धनपतगंज ब्लॉक प्रमुख चुनाव के दौरान नामांकन के वक्त हुये बवाल में एमपी एमएलए कोर्ट ने शुक्रवार को अपना फैसला सुना दिया है. दोनों पक्षों से दर्जन भर लोगों को 2-2 साल कैद की सजा हुई है. इसमें भाजपा जिपं अध्यक्ष उषा सिंह, उनके पति एवं बल्दीराय ब्लॉक के प्रमुख शिवकुमार सिंह, पूर्व विधायक चंद्रभद्र सिंह व उनके भाई ब्लॉक प्रमुख यशभद्र सिंह के नाम शामिल हैं. फैसले के समय जिपं अध्यक्ष व पूर्व विधायक मौजूद नहीं थे.

घटना 5 फरवरी साल 2016 की है. नीलम कोरी और जानकी देवी नामांकन करने ब्लॉक पर गई थीं. इस समय दोनो पक्ष में विवाद और अंत में बवाल और मारपीट हुई थी. प्रत्याशियों समेत कई लोगों को चोटें आई थी. नीलम कोरी की तरफ से जिपं अध्यक्ष उषा सिंह ने पूर्व विधायक उनके ब्लॉक प्रमुख भाई, राम मूर्ति सिंह, अतुल सिंह व अजीत यादव के खिलाफ केस दर्ज कराया था. जिसके बाद उनकी मौत हो गई थी.

वहीं दूसरी ओर ब्लॉक प्रमुख यशभद्र सिंह का केस दर्ज नहीं किया गया तब उन्होंने कोर्ट की शरण ली. अदालत के निर्देश पर जिपं अध्यक्ष उषा सिंह उनके पति शिवकुमार सिंह, राजेंद्र मिश्र, कमला देवी, रमाकांत मिश्र, सिराज व दद्दन दुबे के विरुद्ध केस दर्ज हो गया. दोनों केस में सुनवाई साथ चली. शुक्रवार को जज एकता वर्मा ने साक्ष्य के आधार पर पूर्व विधायक उनके ब्लॉक प्रमुख भाई आदि आरोपियों को 2-2 वर्ष साल कैद और 4-4 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाया. उधर क्रॉस केस में सभी को दो दो साल कैद व दो दो हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई. सभी दोषियों को अपील तक जमानत पर रिहा कर दिया गया.

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