ETV Bharat / state

सुलतानपुर में यह कैसा वायरल अटैक, डेयरी उद्योग धड़ाम, चिकित्सा अधिकारियों ने खड़े किए हाथ

सुलतानपुर में चकता वायरल बीमारी ने गोवंश और डेयरी उद्योग को खासा नुकसान पहुंचाया है. मच्छर से संक्रमित होने वाले इस वायरल रोग ने पालतू और आवारा पशुओं की जान को खतरे में डाल दिया है. पशु चिकित्सा केंद्रों पर न तो दवाएं हैं और न ही टीके का इंतजाम. जिससे अब सवाल उठता है कि कैसे इस बीमारी से होने वाले नुकसान को बचाया जा सके.

गोवंश.
गोवंश.
author img

By

Published : Oct 9, 2021, 1:30 PM IST

सुलतानपुर: दक्षिण भारत से आई चकता वायरल बीमारी ने गोवंश और डेयरी उद्योग को हैरान परेशान कर रखा है. मच्छर से संक्रमित होने वाले इस वायरल रोग ने पालतू और आवारा पशुओं की जान को सख्ते में डाल दिया है. पशु चिकित्सा केंद्रों पर न तो दवाएं हैं और न ही टीके. वहीं, पशु चिकित्सा विभाग ने डेढ़ लाख टीके की डिमांड शासन से कर डाली है.

दक्षिण भारत से लंबी स्किन डिजीज वायरस उत्तर प्रदेश पहुंच गया है. यह सुलतानपुर समेत विभिन्न जिलों में आक्रामक रुख अख्तियार कर रहा है. इसके चलते जानवरों में फोड़े जैसे चकत्ते देखे जा रहे हैं. इसका स्वरूप चेचक बीमारी से मिलता-जुलता बताया जा रहा है. इसमें पहले पपड़ी पड़ती है. इसके बाद गहरा घाव जो पशुओं और पशुपालकों दोनों के लिए मुश्किलों भरा हो जाता है. जिसमें बुखार आना, पैरों में सूजन आना और घाव बड़े होते जाना लक्षण के रूप में देखा जाता है. मच्छर जनित इस बीमारी के प्रसार से संक्रमित जानवरों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. अभी तक इनकी संख्या 200 से अधिक सुलतानपुर जिले में बताई जा रही है. चिकित्सा विभाग ने इलाज और टिकट को लेकर हाथ खड़े कर दिए हैं.

जानकारी देते संवाददाता और किसान.

किसान गुड्डू सिंह ने बताया कि पशुओं में जो यह बीमारी बड़े पैमाने पर फैल चुकी है. इसमें शासन-प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आई है. इन पशुओं के चिकित्सा और टीके के लिए स्वास्थ्य विभाग की तरफ से कोई समुचित व्यवस्था नहीं की जा सकती है. जब दक्षिण भारत में या बीमारी फैल चुकी थी. तब इसके इलाज के प्रबंध किए जाने चाहिए थे. चिकित्सक हाथ खड़ा कर रहा है. ऐसे में पशुपालक हैरान और परेशान हैं कि वे अपने पशुओं का इलाज कहां करें.

मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी भूदेव सिंह ने बताया कि ये साउथ इंडिया की बीमारी है. इसका नाम लंबी स्किन डिजीज है. 3-4 साल से ये बीमारी चल रही थी. अब यह कुछ समय से सुलतानपुर समेत उत्तर प्रदेश के कई जिलों में फैल रही है. मच्छर जनित यह बीमारी वायरस संक्रमण से आती है. इसके टीके और इलाज की अभी कोई व्यवस्था नहीं हो सकी है. सरकार से डेढ़ लाख टीके की डिमांड की गई है. वायरस से फैलने वाले रोग के उपचार की तरह सैनिटाइजर का उपयोग करना पशुपालकों के लिए हितकर होगा. मच्छरों के नियंत्रण के लिए मच्छर जनित केमिकल का छिड़काव करना हितकर होगा. पंजाब में किसान मच्छरदानी का प्रयोग जानवरों के लिए कर रहे हैं. यहां भी यदि हम जानवरों के लिए मच्छरदानी का प्रयोग करें तो इसका संक्रमण और प्रसार नियंत्रित हो सकता है.


इसे भी पढे़ं- पशुओं को बीमारियों से बचाने के लिए चलाया टीकाकरण अभियान

सुलतानपुर: दक्षिण भारत से आई चकता वायरल बीमारी ने गोवंश और डेयरी उद्योग को हैरान परेशान कर रखा है. मच्छर से संक्रमित होने वाले इस वायरल रोग ने पालतू और आवारा पशुओं की जान को सख्ते में डाल दिया है. पशु चिकित्सा केंद्रों पर न तो दवाएं हैं और न ही टीके. वहीं, पशु चिकित्सा विभाग ने डेढ़ लाख टीके की डिमांड शासन से कर डाली है.

दक्षिण भारत से लंबी स्किन डिजीज वायरस उत्तर प्रदेश पहुंच गया है. यह सुलतानपुर समेत विभिन्न जिलों में आक्रामक रुख अख्तियार कर रहा है. इसके चलते जानवरों में फोड़े जैसे चकत्ते देखे जा रहे हैं. इसका स्वरूप चेचक बीमारी से मिलता-जुलता बताया जा रहा है. इसमें पहले पपड़ी पड़ती है. इसके बाद गहरा घाव जो पशुओं और पशुपालकों दोनों के लिए मुश्किलों भरा हो जाता है. जिसमें बुखार आना, पैरों में सूजन आना और घाव बड़े होते जाना लक्षण के रूप में देखा जाता है. मच्छर जनित इस बीमारी के प्रसार से संक्रमित जानवरों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. अभी तक इनकी संख्या 200 से अधिक सुलतानपुर जिले में बताई जा रही है. चिकित्सा विभाग ने इलाज और टिकट को लेकर हाथ खड़े कर दिए हैं.

जानकारी देते संवाददाता और किसान.

किसान गुड्डू सिंह ने बताया कि पशुओं में जो यह बीमारी बड़े पैमाने पर फैल चुकी है. इसमें शासन-प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आई है. इन पशुओं के चिकित्सा और टीके के लिए स्वास्थ्य विभाग की तरफ से कोई समुचित व्यवस्था नहीं की जा सकती है. जब दक्षिण भारत में या बीमारी फैल चुकी थी. तब इसके इलाज के प्रबंध किए जाने चाहिए थे. चिकित्सक हाथ खड़ा कर रहा है. ऐसे में पशुपालक हैरान और परेशान हैं कि वे अपने पशुओं का इलाज कहां करें.

मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी भूदेव सिंह ने बताया कि ये साउथ इंडिया की बीमारी है. इसका नाम लंबी स्किन डिजीज है. 3-4 साल से ये बीमारी चल रही थी. अब यह कुछ समय से सुलतानपुर समेत उत्तर प्रदेश के कई जिलों में फैल रही है. मच्छर जनित यह बीमारी वायरस संक्रमण से आती है. इसके टीके और इलाज की अभी कोई व्यवस्था नहीं हो सकी है. सरकार से डेढ़ लाख टीके की डिमांड की गई है. वायरस से फैलने वाले रोग के उपचार की तरह सैनिटाइजर का उपयोग करना पशुपालकों के लिए हितकर होगा. मच्छरों के नियंत्रण के लिए मच्छर जनित केमिकल का छिड़काव करना हितकर होगा. पंजाब में किसान मच्छरदानी का प्रयोग जानवरों के लिए कर रहे हैं. यहां भी यदि हम जानवरों के लिए मच्छरदानी का प्रयोग करें तो इसका संक्रमण और प्रसार नियंत्रित हो सकता है.


इसे भी पढे़ं- पशुओं को बीमारियों से बचाने के लिए चलाया टीकाकरण अभियान

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.