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किशोरी को भगाने और दुष्कर्म मामले में 4 साल बाद आया फैसला, दोषी को सात साल की सजा और भारी जुर्माना

सुल्तानपुर में किशोरी को बहला फुसलाकर भगाने एवं उसके साथ दुष्कर्म के आरोप में अदालत ने आरोपी को दोषी करार दिया है. जज ने दोषी को सात वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है. मामले में 4 साल बाद फैसला आया है.

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Published : Mar 3, 2022, 5:16 PM IST

सुल्तानपुर: सत्रह वर्षीय किशोरी को बहला फुसलाकर भगाने एवं उसके साथ दुष्कर्म के आरोप में स्पेशल जज पाक्सो एक्ट की अदालत ने आरोपी को दोषी करार दिया है. स्पेशल जज पवन कुमार शर्मा की अदालत ने दोषी को सात वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है. वहीं, 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है.


सत्रह वर्षीय किशोरी के पिता ने 13 अगस्त 2018 को हुई घटना का जिक्र करते हुए धम्मौर थाने में उघड़पुर के रहने वाले आरोपी फूलचंद्र के खिलाफ केस दर्ज कराया था. पिता ने अपनी पुत्री को बहलाकर भगा ले जाने और उसके साथ दुष्कर्म करने का आरोप लगाया था. घटना के सवा महीने बाद संबंधित थाने में तहरीर दी थी.

इस पर 22 सितम्बर को थाना अध्यक्ष के निर्देश पर मुकदमा दर्ज हुआ था. मामले की विवेचना के दौरान आरोपी फूलचंद्र को गिरफ्तार कर पुलिस ने जेल भेजा था और तफ्तीश पूरी कर न्यायालय में आरोप पत्र भी दाखिल किया था. मामले की सुनवाई स्पेशल जज पाक्सो एक्ट की अदालत में हुई.

सुनवाई में बचाव पक्ष ने अपने साक्ष्यों एवं तर्कों को प्रस्तुत कर आरोपी को बेकसूर बताया. वहीं, अभियोजन पक्ष से पैरवी कर रहे शासकीय अधिवक्ता विवेक कुमार सिंह ने गवाहों एवं अन्य साक्ष्यों को प्रस्तुत करते हुए आरोपी फूलचंद्र को ही घटना का जिम्मेदार ठहराया और उसे कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की थी.

यह भी पढ़ें- अखिलेश-ममता की रैली के दौरान सपा कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने बरसायीं लाठियां, जानें क्यों?

दोनों पक्षों को सुनने के पश्चात स्पेशल जज पॉक्सो एक्ट पवन कुमार शर्मा की अदालत ने आरोपी फूलचंद्र को दोषी ठहराते हुए सजा को सुरक्षित रख लिया था. पूरे मामले में आरोपी को दोष सिद्ध होने के बाद सात वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. अदालत ने दोषी पर 20 हजार का जुर्माना भी लगाया है. अदालत ने अर्थदंड की धनराशि में से 75 प्रतिशत रकम पीड़िता को देने का आदेश पारित किया है.

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सुल्तानपुर: सत्रह वर्षीय किशोरी को बहला फुसलाकर भगाने एवं उसके साथ दुष्कर्म के आरोप में स्पेशल जज पाक्सो एक्ट की अदालत ने आरोपी को दोषी करार दिया है. स्पेशल जज पवन कुमार शर्मा की अदालत ने दोषी को सात वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है. वहीं, 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है.


सत्रह वर्षीय किशोरी के पिता ने 13 अगस्त 2018 को हुई घटना का जिक्र करते हुए धम्मौर थाने में उघड़पुर के रहने वाले आरोपी फूलचंद्र के खिलाफ केस दर्ज कराया था. पिता ने अपनी पुत्री को बहलाकर भगा ले जाने और उसके साथ दुष्कर्म करने का आरोप लगाया था. घटना के सवा महीने बाद संबंधित थाने में तहरीर दी थी.

इस पर 22 सितम्बर को थाना अध्यक्ष के निर्देश पर मुकदमा दर्ज हुआ था. मामले की विवेचना के दौरान आरोपी फूलचंद्र को गिरफ्तार कर पुलिस ने जेल भेजा था और तफ्तीश पूरी कर न्यायालय में आरोप पत्र भी दाखिल किया था. मामले की सुनवाई स्पेशल जज पाक्सो एक्ट की अदालत में हुई.

सुनवाई में बचाव पक्ष ने अपने साक्ष्यों एवं तर्कों को प्रस्तुत कर आरोपी को बेकसूर बताया. वहीं, अभियोजन पक्ष से पैरवी कर रहे शासकीय अधिवक्ता विवेक कुमार सिंह ने गवाहों एवं अन्य साक्ष्यों को प्रस्तुत करते हुए आरोपी फूलचंद्र को ही घटना का जिम्मेदार ठहराया और उसे कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की थी.

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दोनों पक्षों को सुनने के पश्चात स्पेशल जज पॉक्सो एक्ट पवन कुमार शर्मा की अदालत ने आरोपी फूलचंद्र को दोषी ठहराते हुए सजा को सुरक्षित रख लिया था. पूरे मामले में आरोपी को दोष सिद्ध होने के बाद सात वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. अदालत ने दोषी पर 20 हजार का जुर्माना भी लगाया है. अदालत ने अर्थदंड की धनराशि में से 75 प्रतिशत रकम पीड़िता को देने का आदेश पारित किया है.

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