सुलतानपुरः विकास भवन में हुए साक्षात्कार घोटाले में सहायक लेखा अधिकारी को हटाने के लिए बेसिक शिक्षा अधिकारी ने संस्तुति दे दी है. परियोजना पत्र भेजा जा रहा है. बीएसए ने यह भी कहा कि शासन ने इस पूरे प्रकरण को संज्ञान में लिया है और आवश्यक कार्रवाई उच्च स्तर पर की जा रही है. लगातार हो रही कार्रवाई से शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा हुआ है.
क्या है पूरा मामला?
16 नवंबर को विकास भवन के मीटिंग हॉल में साक्षात्कार आयोजित किया गया था, जिसमें मुख्य विकास अधिकारी अंकुर कौशिक, बेसिक शिक्षा अधिकारी दीपिका चतुर्वेदी समेत दो जिला स्तरीय अफसरों को इंटरव्यू टीम में शामिल किया गया था. सहायक लेखा अधिकारी रामयश यादव को अभिलेखों की पड़ताल के लिए लगाया गया था. साक्षात्कार के दौरान बेहतर प्रदर्शन करने वाले अभ्यर्थियों से सौदेबाजी का क्रम शुरू हुआ था. प्रथम दृष्टया इसमें 4 से अधिक नाम सामने आए थे. 2 अभ्यर्थियों की लिखित शिकायत पर विकास विभाग सक्रिय हुआ था और मुख्य विकास अधिकारी ने सहायक लेखा अधिकारी का मोबाइल जमा कराते हुए पूरे मामले में जांच पड़ताल शुरू कर दी. लेखाधिकारी राम यश यादव के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम का मुकदमा पहले से पंजीकृत किया गया है, जिसकी विवेचना क्षेत्राधिकारी राघवेंद्र चतुर्वेदी को सौंपी गई है.
पूरे मामले में गुरुवार को बेसिक शिक्षा अधिकारी दीपिका चतुर्वेदी ने कार्यमुक्त करने के लिए पत्र जारी कर दिया है. सहायक लेखा अधिकारी को सहकारिता समिति एवं पंचायत विभाग वापस भेजा जा रहा है, जहां से यह बेसिक शिक्षा महकमे में आए थे. जानकारों का यह भी कहना है कि सहायक लेखा अधिकारी बचने के लिए जनप्रतिनिधियों की चौखट की चूम रहे हैं. तमाम हथकंडे अपनाते हुए बचने का प्रयास कर रहे हैं. हाईप्रोफाइल मामला होने के नाते कोई भी अधिकारी अपनी गर्दन फंसने से डरा हुआ है. परियोजना को पत्र भेजकर उन्हें कार्यमुक्त करने की कार्रवाई बेसिक शिक्षा विभाग की तरफ से की जा रही है.
बेसिक शिक्षा अधिकारी दीपिका चतुर्वेदी ने बताया कि साक्षात्कार में अनियमितता और प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज होने का मामला सामने आ चुका है. परियोजना पत्र भेजा जा रहा है. इन्हें कार्यमुक्त करने के लिए शासन ने भी पूरे प्रकरण को संज्ञान में लिया है. दिशा निर्देश मिलते ही वह कार्रवाई भी सुनिश्चित की जाएगी.
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