सुलतानपुर: सुलतानपुर सांसद मेनका गांधी (MP Maneka Gandhi) आजकल जिले के दौरे पर हैं. मंगलवार को सांसद और भारतीय जनता पार्टी के पदाधिकारियों के बीच चल रही रार खुलकर सामने आ गई. हताश स्वर में मेनका गांधी ने बिगड़ी व्यवस्थाओं को लेकर चुप्पी तोड़ी. किसानों की समस्याओं और धान क्रय केंद्रों पर गड़बडियों को लेकर कहा कि 'मैं सब कुछ अकेले नहीं सुधार नहीं सकती, पार्टी के पदाधिकारियों को भी अपने स्तर पर आगे आना होगा'. कहा-सभी नेता यह जिम्मेदारी लें कि उनके क्षेत्र में संचालित क्रय केंद्र सही से चल रहे या नहीं. ऐसे मिलजुल कर हम इस सिस्टम को सुधार सकते हैं.
सांसद मेनका गांधी मंगलवार को लंभुआ विधानसभा के असवा, दिलावरपुर, सकरसी, अभियाकला और तेरयें ग्राम पंचायतों के भ्रमण पर पहुंची. कामतागंज बाजार क्षेत्र में संचालित धान क्रय केंद्र की अव्यवस्था पर उन्होंने नाराजगी जाहिर की. उन्होंने, अधिकारियों को किसानों की समस्या को देखते हुए बेहतर धान खरीद कार्यक्रम चलाने के निर्देश दिए.
साथ ही कहा-हम सभी की भागेदारी से क्रय केंद्रों में व्यवस्थाएं बेहतर हो सकती हैं. पार्टी के विधायक और पदाधिकारी कम से कम अपने क्षेत्रों में संचालित क्रय केंद्रों पर जाकर किसानों की समस्याएं समझें और उनके निस्तारण के लिए काम करें तो जल्द व्यवस्थाएं सुधर जाएंगी. अन्यथा अधिकारी मनमानी करते रहेंगे और किसान परेशान होंगे. दौरे के दौरान अशरफपुर में सर्द मौसम को देखते हुए सांसद ने बच्चों को स्वेटर और मोजे समेत अन्य आवश्यक सामग्रियां समय पर उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए.
हालांकि, अव्यवस्थाओं के बीच सांसद ने केंद्र सरकार के कामों की सराहना भी की. कहा-जब से केंद्र की सत्ता की बागडोर नरेंद्र मोदी ने संभाली है तब से हर क्षेत्र में तेजी से विकास के काम हो रहे हैं. हालांकि, हर राजनीतिक पार्टियां अपनी तरफ से बेहतर काम करने की बात कहती हैं. लेकिन जो धरातल पर दिखता है वही जनता जानती है. उन्होंने कहा धान खरीद से जुड़े कुछ लोग हड़ताल पर हैं. जल्द ही सभी चीजें ठीक हो जाएंगी.
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सांसद ने किसानों से अनुरोध किया वो धान क्रय केंद्र पर जाएं और अपनी उपज बेचें. अगर, उनकी फसल खरीदने से कोई मना करता है या समस्या पैदा करता है तो मुझसे बात करें और समस्या बताएं. कहा- हालांकि, मैं अकेली तो सब कुछ सुधार नहीं सकती हूं, अगर मेरी पार्टी के सभी नेता गण यह जिम्मेदारी ले लें, अपने-अपने क्षेत्र के गांव जाएं और यह देखें कि धान क्रय केंद्र चल रहा है या नहीं. देखें सब व्यवस्थाएं दुरुस्त हैं या नहीं. अगर, नहीं तो संज्ञान लेकर सुधार कराएं. मिली जुली भागेदारी से बेहतर किया जा सकता है.