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सुलतानपुर: रेलवे हॉस्पिटल में बढ़ाए गए 3 बेड, इमरजेंसी में मिलेगी सहूलियत

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Published : Jan 6, 2020, 12:16 PM IST

लखनऊ-वाराणसी रेल खंड पर दौड़ रही रेल गाड़ियों के मुसाफिरों को आकस्मिक स्थिति में अब निजी अस्पतालों का सहारा नहीं लेना होगा. रेल प्रशासन ने रेलवे हॉस्पिटल में मरीजों के लिए तीन आकस्मिक बेडों की शुरुआत कर दी है. जिसका लाभ यात्री सहित रेल कर्मियों को मिल सकेगा.

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डॉ. सुशील शर्मा, चिकित्सक रेलवे हॉस्पिटल

सुलतानपुर: लखनऊ-वाराणसी रेल खंड पर 52 से अधिक दौड़ रही रेलगाड़ियों के मुसाफिरों को आकस्मिक स्थिति में अब निजी अस्पतालों का सहारा नहीं लेना होगा. इसके लिए रेल प्रशासन ने रेलवे हॉस्पिटल में मरीजों के लिए तीन आकस्मिक बेडों की शुरुआत कर दी है. इससे स्टेशन पर दो हजार से अधिक तैनात रेल कर्मचारियों को भी बड़ी सहूलियत मिलेगी और गंभीर स्थिति में रेलवे हॉस्पिटल में ही उनका इलाज किया जा सकेगा.

रेलवे अस्पताल में बढ़ाए गए बेड.

सुलतानपुर जंक्शन के रेलवे हॉस्पिटल में अभी तक ओपीडी सुविधा ही चलती चली आ रही है. इसी वजह से यात्री प्राथमिक उपचार और दवाएं लेकर बड़े हॉस्पिटलों की ओर रुख कर देते हैं. यही स्थिति कमोबेश रेल कर्मचारियों की भी देखी जा रही थी, जहां रेल कर्मियों को वाराणसी, इलाहाबाद, लखनऊ और फैजाबाद गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए जाना पड़ता था. वहीं अब मरीजों के लिए तीन आकस्मिक बेडों की शुरुआत कर दी गई है, जिसके बाद यात्रियों और रेल कर्मियों को इलाज के लिए बाहर का रुख नहीं करना पड़ेगा.

पढ़ें: रेलवे हॉस्पिटल में मरीजों के लिए तीन आकस्मिक बेडों की शुरुआत कर दी है.


दो बेड बढ़ाए गए हैं. जिसके बाद आकस्मिक मरीजों को भर्ती करने और उनका इलाज करने में सहूलियत होगी. साथ ही जो यहां के एम्पलाई हैं, उन्हें भी बेहतर सुविधाएं मिल सकेगी.
डॉ. सुशील शर्मा, चिकित्सक रेलवे हॉस्पिटल

सुलतानपुर: लखनऊ-वाराणसी रेल खंड पर 52 से अधिक दौड़ रही रेलगाड़ियों के मुसाफिरों को आकस्मिक स्थिति में अब निजी अस्पतालों का सहारा नहीं लेना होगा. इसके लिए रेल प्रशासन ने रेलवे हॉस्पिटल में मरीजों के लिए तीन आकस्मिक बेडों की शुरुआत कर दी है. इससे स्टेशन पर दो हजार से अधिक तैनात रेल कर्मचारियों को भी बड़ी सहूलियत मिलेगी और गंभीर स्थिति में रेलवे हॉस्पिटल में ही उनका इलाज किया जा सकेगा.

रेलवे अस्पताल में बढ़ाए गए बेड.

सुलतानपुर जंक्शन के रेलवे हॉस्पिटल में अभी तक ओपीडी सुविधा ही चलती चली आ रही है. इसी वजह से यात्री प्राथमिक उपचार और दवाएं लेकर बड़े हॉस्पिटलों की ओर रुख कर देते हैं. यही स्थिति कमोबेश रेल कर्मचारियों की भी देखी जा रही थी, जहां रेल कर्मियों को वाराणसी, इलाहाबाद, लखनऊ और फैजाबाद गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए जाना पड़ता था. वहीं अब मरीजों के लिए तीन आकस्मिक बेडों की शुरुआत कर दी गई है, जिसके बाद यात्रियों और रेल कर्मियों को इलाज के लिए बाहर का रुख नहीं करना पड़ेगा.

पढ़ें: रेलवे हॉस्पिटल में मरीजों के लिए तीन आकस्मिक बेडों की शुरुआत कर दी है.


दो बेड बढ़ाए गए हैं. जिसके बाद आकस्मिक मरीजों को भर्ती करने और उनका इलाज करने में सहूलियत होगी. साथ ही जो यहां के एम्पलाई हैं, उन्हें भी बेहतर सुविधाएं मिल सकेगी.
डॉ. सुशील शर्मा, चिकित्सक रेलवे हॉस्पिटल

Intro:स्पेशल स्टोरी
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शीर्षक : सुलतानपुर : आकस्मिक चिकित्सा के लिए मुसाफिर और कर्मियों की रेल हॉस्पिटल में होगी भर्ती।


एंकर : लखनऊ वाराणसी रेल खंड पर 52 से अधिक दौड़ रही रेलगाड़ियों के मुसाफिरों को आकस्मिक स्थिति में अब निजी अस्पतालों का सहारा नहीं लेना होगा। रेल प्रशासन ने रेलवे हॉस्पिटल में तीन आकस्मिक बेड की शुरुआत कर दी है। इससे दो हजार से अधिक विभिन्न स्टेशनों पर तैनात रेल कर्मचारियों को भी बड़ी सहूलियत मिलेगी। गंभीर स्थिति में रेलवे हॉस्पिटल में ही उनका इलाज किया जा सकेगा। मेनका गांधी की पहल रंग लाई है।


Body:वीओ : सुल्तानपुर जंक्शन के रेलवे हॉस्पिटल में अभी तक ओपीडी सुविधा ही चलती चली आ रही है । इसकी वजह से यात्री आते हैं। प्राथमिक उपचार और दवाएं लेकर बड़े हॉस्पिटलों की ओर रुख कर देते हैं। यही स्थिति कमोबेश रेल कर्मचारियों की भी देखी जा रही थी। उन्हें वाराणसी, इलाहाबाद, लखनऊ या फैजाबाद गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए जाना पड़ता था। क्योंकि सुल्तानपुर जंक्शन पर भर्ती की सुविधा नहीं थी। एक बेड के चलते आकस्मिक सेवा की शुरुआत नहीं हो पा रही थी।


बाइट : रेलवे हॉस्पिटल के चिकित्सक डॉ सुशील शर्मा कहते हैं कि दो बेड बढ़ाए गए हैं। इससे आकस्मिक मरीजों को भर्ती करने और उनका इलाज करने में सहूलियत होगी। जो यहां के एम्पलाई है। उन्हें बेहतर सुविधा दी जा सकेगी।


Conclusion:वीओ : रेल हॉस्पिटल मुसाफिर और रेल कर्मचारियों के लिए बेहद अहम होता है। यहां 24 घंटे डॉक्टर और स्टाफ की तैनाती होती है। जो किसी भी स्वास्थ्य सुविधा की स्थिति में तत्काल सेवा प्रदान करता है। यात्री और कर्मचारियों को तत्काल राहत मिलती है। सिविल हॉस्पिटल या निजी अस्पतालों में इन कर्मचारी और मुसाफिरों को अपेक्षित तात्कालिक स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिल पाती है। सुल्तानपुर सांसद मेनका गांधी ने बेड बढ़ाने की दिशा में उच्चाधिकारियों से पहल की थी।




आशुतोष मिश्रा सुल्तानपुर 94 150 49 256
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