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घूस नहीं देने पर रास्ते में रोकी एंबुलेंस, मरीज की मौत, चालक सस्पेंड

उत्तर प्रदेश के सुलतानपुर जिले में रिश्वत नहीं मिलने पर एंबुलेंस चालक ने एक घंटे एंबुलेंस रोके रखी. आखिरकार जब एंबुलेंस जिला अस्पताल पहुंची तो मरीज की मौत हो चुकी थी. मामले में चालक को सस्पेंड कर दिया गया है.

सुलतानपुर
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Published : Mar 2, 2021, 6:23 PM IST

सुलतानपुरः ₹400 सुविधा शुल्क नहीं देने पर एंबुलेंस चालक ने मरीज की गंभीर स्थिति को देखने के बावजूद रास्ते में एंबुलेंस रोक दी. परिजन मान-मनौवल करते रहे, लेकिन हैवानियत सवार एंबुलेंस चालक ने एक नहीं सुनी. आखिरकार जब जिला अस्पताल एंबुलेंस पहुंची तो मरीज की मौत हो चुकी थी. मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने पूरे प्रकरण को संज्ञान में लेते हुए एंबुलेंस कंपनी को नोटिस जारी किया है और चालक को सस्पेंड कर दिया गया है.

मरीज की मौत

ये है पूरा मामला
बल्दीराय थानाक्षेत्र के गौरा बारामऊ निवासी दिनेश ने बताया कि सोमवार की दोपहर करीब तीन बजे उनके बड़े भाई रिंकू की तबीयत अचानक खराब हो गई. जिला अस्पताल ले जाने के लिए उन्होंने डायल 108 एंबुलेंस को फोन किया. करीब 30 मिनट बाद मौके पर पहुंची एंबुलेंस से परिवारीजन रिंकू को लेकर जिला अस्पताल चले. घर से करीब 4 किमी दूर पारा बाजार के पास पहुंचने के बाद डायल 108 का चालक सर्वेश 400 रुपये की मांग करने लगा. रुपये देने में असमर्थता जताने पर उसने रास्ते में ही गाड़ी रोक दी. गाड़ी करीब एक घंटे रुकी रही. किसी तरह 200 रुपये देने के बाद वह अस्पताल ले आने के लिए राजी हुआ. दिनेश ने बताया कि जब वह अस्पताल पहुंचा तो डॉक्टरों ने उनके भाई काे मृत घोषित कर दिया. घटना से गांव में कोहराम मचा हुआ है. एंबुलेंस चालक के प्रति ग्रामीणों में गुस्सा दिख रहा है.

एंबुलेंस चालक की तरफ से ₹400 की मांग की गई. हमने ₹200 देने का वादा किया. उसने रास्ते में ही एंबुलेंस को रोक दिया. जिला अस्पताल पहुंचते-पहुंचते मेरे बेटे की मौत हो गई.
मृतक की मां


मैंने इस प्रकरण पर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक से वार्ता की. उन्होंने बताया कि एंबुलेंस से मृत अवस्था में मरीज को उतारा गया. पूरे मामले में मैंने प्रकरण को संज्ञान में लेकर एंबुलेंस कंपनी संचालक को नोटिस जारी किया है.चालक को सस्पेंड कर दिया गया है. जांच कर आवश्यक कार्रवाई की जा रही है.
धर्मेंद्र त्रिपाठी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी

सुलतानपुरः ₹400 सुविधा शुल्क नहीं देने पर एंबुलेंस चालक ने मरीज की गंभीर स्थिति को देखने के बावजूद रास्ते में एंबुलेंस रोक दी. परिजन मान-मनौवल करते रहे, लेकिन हैवानियत सवार एंबुलेंस चालक ने एक नहीं सुनी. आखिरकार जब जिला अस्पताल एंबुलेंस पहुंची तो मरीज की मौत हो चुकी थी. मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने पूरे प्रकरण को संज्ञान में लेते हुए एंबुलेंस कंपनी को नोटिस जारी किया है और चालक को सस्पेंड कर दिया गया है.

मरीज की मौत

ये है पूरा मामला
बल्दीराय थानाक्षेत्र के गौरा बारामऊ निवासी दिनेश ने बताया कि सोमवार की दोपहर करीब तीन बजे उनके बड़े भाई रिंकू की तबीयत अचानक खराब हो गई. जिला अस्पताल ले जाने के लिए उन्होंने डायल 108 एंबुलेंस को फोन किया. करीब 30 मिनट बाद मौके पर पहुंची एंबुलेंस से परिवारीजन रिंकू को लेकर जिला अस्पताल चले. घर से करीब 4 किमी दूर पारा बाजार के पास पहुंचने के बाद डायल 108 का चालक सर्वेश 400 रुपये की मांग करने लगा. रुपये देने में असमर्थता जताने पर उसने रास्ते में ही गाड़ी रोक दी. गाड़ी करीब एक घंटे रुकी रही. किसी तरह 200 रुपये देने के बाद वह अस्पताल ले आने के लिए राजी हुआ. दिनेश ने बताया कि जब वह अस्पताल पहुंचा तो डॉक्टरों ने उनके भाई काे मृत घोषित कर दिया. घटना से गांव में कोहराम मचा हुआ है. एंबुलेंस चालक के प्रति ग्रामीणों में गुस्सा दिख रहा है.

एंबुलेंस चालक की तरफ से ₹400 की मांग की गई. हमने ₹200 देने का वादा किया. उसने रास्ते में ही एंबुलेंस को रोक दिया. जिला अस्पताल पहुंचते-पहुंचते मेरे बेटे की मौत हो गई.
मृतक की मां


मैंने इस प्रकरण पर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक से वार्ता की. उन्होंने बताया कि एंबुलेंस से मृत अवस्था में मरीज को उतारा गया. पूरे मामले में मैंने प्रकरण को संज्ञान में लेकर एंबुलेंस कंपनी संचालक को नोटिस जारी किया है.चालक को सस्पेंड कर दिया गया है. जांच कर आवश्यक कार्रवाई की जा रही है.
धर्मेंद्र त्रिपाठी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी

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