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Sultanpur: एडेड स्कूल की प्रिंसिपल का कारनामा, 7 साल पूर्व फर्जी कागजात से हासिल की नौकरी

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Published : Jan 25, 2023, 10:28 PM IST

सुलतानपुर में एडेड स्कूल की प्रिंसिपल ने फर्जी कागजात से नौकरी हासिल की. मामले की जानकारी लगते ही शिक्षा में हड़कंप मच गया.

एडेड स्कूल
एडेड स्कूल

सुलतानपुर: जनपद से बड़ी खबर सामने आई है. यहां नेशलन गर्ल्स जूनियर हाईस्कूल का कारनामा उजागर हुआ है. उन पर सात साल पहले फर्जी कागजात के सहारे नौकरी हासिल करने का आरोप है. शिकायत हुई तो शासन ने जांच कराया. जांच रिपोर्ट को संज्ञान में लेकर शासन ने प्रिंसिपल के विरुद्ध केस दर्ज कराकर रिकवरी के आदेश दिए हैं.

साल 2015 में हुई थी नियुक्ति
स्कूल शहर के लाला का पुरवा मुहल्ले में स्थापित है. आरोप है कि स्कूल की प्रिंसिपल तसनीम फातिमा ने वर्ष 2015 में नियुक्ति के समय जो प्रमाण पत्र प्रस्तुत किए वो सेवा नियमावली के अनुरूप नहीं थे. बावजूद इसके प्रबंधक मोहम्मद शमीम ने सांठ-गांठ कर नियुक्ति कर डाला. प्रिंसिपल को हर महीने मोटा वेतन मिलने लगा. सुरेश प्रताप सिंह ने बेसिक शिक्षा निदेशक के यहां पूरे मामले की लिखित शिकायत कर दी.

डीएम की जांच में आरोपों की हुई पुष्टि
शासन ने डीएम सुलतानपुर को प्रिंसिपल के खिलाफ जांच के आदेश दिए. जिस पर उन्होंने मुख्य राजस्व अधिकारी को जांच सौंपा. जांच हुई तो लगे आरोप सत्य पाे गए. इस पर डीएम ने बीएसए को स्कूल प्रबंधक और प्रिंसिपल के विरुद्ध कार्रवाई के निर्देश दिए, जिसे बीएसए ने ठंडे बस्ते में डाल दिया. वहीं, बेसिक शिक्षा निदेशक लखनऊ ने वेतन वसूली और विधिक कार्रवाई के आदेश भी दिए. जिसे जिला बेसिक शिक्षाधिकारी द्वारा अमल में नहीं लाया गया.


यह भी पढ़ें- UP Politics : मैनपुरी पहुंचे कैबिनेट मंत्री जितेन्द्र सिंह ने जानिए क्यों कहा, ये साल भारत के लिए रहेगा ऐतिहासिक

सुलतानपुर: जनपद से बड़ी खबर सामने आई है. यहां नेशलन गर्ल्स जूनियर हाईस्कूल का कारनामा उजागर हुआ है. उन पर सात साल पहले फर्जी कागजात के सहारे नौकरी हासिल करने का आरोप है. शिकायत हुई तो शासन ने जांच कराया. जांच रिपोर्ट को संज्ञान में लेकर शासन ने प्रिंसिपल के विरुद्ध केस दर्ज कराकर रिकवरी के आदेश दिए हैं.

साल 2015 में हुई थी नियुक्ति
स्कूल शहर के लाला का पुरवा मुहल्ले में स्थापित है. आरोप है कि स्कूल की प्रिंसिपल तसनीम फातिमा ने वर्ष 2015 में नियुक्ति के समय जो प्रमाण पत्र प्रस्तुत किए वो सेवा नियमावली के अनुरूप नहीं थे. बावजूद इसके प्रबंधक मोहम्मद शमीम ने सांठ-गांठ कर नियुक्ति कर डाला. प्रिंसिपल को हर महीने मोटा वेतन मिलने लगा. सुरेश प्रताप सिंह ने बेसिक शिक्षा निदेशक के यहां पूरे मामले की लिखित शिकायत कर दी.

डीएम की जांच में आरोपों की हुई पुष्टि
शासन ने डीएम सुलतानपुर को प्रिंसिपल के खिलाफ जांच के आदेश दिए. जिस पर उन्होंने मुख्य राजस्व अधिकारी को जांच सौंपा. जांच हुई तो लगे आरोप सत्य पाे गए. इस पर डीएम ने बीएसए को स्कूल प्रबंधक और प्रिंसिपल के विरुद्ध कार्रवाई के निर्देश दिए, जिसे बीएसए ने ठंडे बस्ते में डाल दिया. वहीं, बेसिक शिक्षा निदेशक लखनऊ ने वेतन वसूली और विधिक कार्रवाई के आदेश भी दिए. जिसे जिला बेसिक शिक्षाधिकारी द्वारा अमल में नहीं लाया गया.


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