सुलतानपुर: डेंगू का प्रसार रोकने के लिए फागिंग पर चेयरमैन पर पूर्व मंत्री के आए कटाक्ष के बाद भारतीय जनता पार्टी के 2 नेता आमने-सामने आ गए हैं. फेसबुक पर चेयरमैन पति ने पूर्व चेयरमैन को निशाने पर लिया है. उन्होंने कहा कि फागिंग तो एक बहाना है. मकसद है अध्यक्ष को निशाना बनाना हम इस मंशा में कामयाब नहीं होने देंगे.
शनिवार को सुलतानपुर विधानसभा सीट के विधायक एवं पूर्व मंत्री विनोद सिंह की पत्रकार वार्ता के बाद राजनीतिक हल्के में भी गर्माहट बढ़ गई. डेंगू का प्रसार रोकने के लिए फागिंग मशीन की अव्यवस्था पर विधायक ने प्रहार क्या किया. चेयरमैन बबीता जायसवाल के पति अजय जायसवाल की राजनीतिक चूलें भी हिल गई हैं. राजनीतिक पृष्ठभूमि एवं जनाधार खिसकता हुआ देखकर चेयरमैन पति अजय जायसवाल ने फेसबुक पर ही निशाना साधना शुरू कर दिया है. चेयरमैन पति एवं पूर्व जिला पंचायत सदस्य अजय जायसवाल ने विनोद सिंह की आड़ में निशाना साध रहे प्रवीण अग्रवाल को निशाने पर लिया है.
फेसबुक पर विधायक विनोद सिंह और पूर्व चेयरमैन प्रवीण अग्रवाल की फोटो लगाकर खुला मोर्चा खोल दिया है. फेसबुक की यह पोस्ट सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रही है और पूरे जिले में चर्चा का विषय बनी हुई है. भारतीय जनता पार्टी के दो प्रमुख नेताओं के आमने सामने आने से पार्टी के प्रमुख नेता बयान देने से बचते हुए देखे जा रहे हैं.
गौरतलब है कि ओछी बयानबाजी के चलते ही नगर पालिका चेयरमैन बबिता जायसवाल के पति अजय जायसवाल पहले भी भारतीय जनता पार्टी की तरफ से निष्कासन की संस्तुति झेल चुके हैं. उनके खिलाफ तत्कालीन जिला अध्यक्ष आर ए वर्मा समेत अन्य भारतीय जनता पार्टी के पदाधिकारियों ने निष्कासन की स्वीकृति प्रदान करते हुए पत्र संगठन के उच्चाधिकारियों को भेजा गया था. एक बार फिर टकरा हट बढ़ने से चर्चा का माहौल गर्म हो गया है.
डेंगू के बहाने आमने-सामने आए नेता
डेंगू पर फागिंग व्यवस्था को मुद्दा बनाते हुए जहां विधायक विनोद सिंह ने मोर्चा खोल दिया था. डीएम सुलतानपुर रवीश गुप्ता को निशाने में लेने के बाद ही शाम के समय शनिवार को बैठक बुलाई गई और देर रात जिलाधिकारी काफी सक्रिय नजर आए. इसे मुख्यमंत्री के स्तर पर मुद्दा उठाए जाने से जोड़कर देखा जा रहा है. इससे पहले भी कोरोना वायरस कार्यकाल में व्यवस्था को लेकर तत्कालीन विधायक देवमणि द्विवेदी भी तत्कालीन डीएम सी इंदुमति के खिलाफ मोर्चा खोल चुके हैं. इसी के चलते जिलाधिकारी इंदुमती पर आपदा में अवसर ढूंढने का आरोप लगा था और उन्हें आज तक जिला नहीं मिल सका. इसी के साथ ही विधायक देवमणि द्विवेदी भी टिकट पाने में नाकामयाब रहे.
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