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हाय रे! स्वास्थ्य विभाग, जिंदा को मुर्दा बताकर घर भिजवा दिया दूसरे का शव

यूपी के संत कबीर नगर जिले में पुलिस और स्वास्थ्य विभाग का एक बेहद हैरान करने वाला मामला सामने आया है. यहां पुलिस ने एक पिता को फोन पर ये जानकारी दी की अस्पताल में भर्ती उनके बेटे की मौत हो गई है. वहीं जब शव का अंतिम संस्कार करने पर पिता ने चेहरे देखा तो सबके होश उड़ गए.

Health department negligence
जिंदा व्यक्ति को मुर्दा बताकर घर भेज दिया शव.
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Published : May 27, 2020, 10:13 AM IST

Updated : Sep 10, 2020, 12:22 PM IST

संत कबीर नगरः जिले में पुलिस और स्वास्थ्य विभाग का एक बेहद हैरान करने वाला मामला सामने आया है. पुलिस ने पिता को फोन पर ये जानकारी दी कि अस्पताल में भर्ती उनके बेटे की मौत हो गई है और कुछ ही देर बाद शव को सील कर पिता को सौंप दिया. रोता बिलखता पिता अपने दूसरे बेटे के साथ शव लेकर अंत्येष्टि स्थल पर पहुंचा और शव को मुखाग्नि देने से पहले जैसे ही पिता ने मृतक बेटे का चेहरा तो सबके होश उड़ गए. दरअसल मृतक के तौर पर उनका बेटा नहीं बल्कि किसी दूसरे कोरोना मरीज का शव निकला.

जिंदा को मुर्दा बताकर घर भेज दिया शव.

मामला जिले के महुली थाना क्षेत्र के मथुरापुर गांव का है, जहां गांव के रहने वाले शख्स के घर पुलिस का फोन आता है कि बस्ती कैली में भर्ती आपके बेटे की मौत हो चुकी है. उसका शव आपके घर पर भेजा जा रहा है. बेटे की मौत की खबर सुनकर परिवार में कोहराम मच गया. इसके बाद रोता बिलखता परिवार शव का अंतिम संस्कार करने अंत्येष्टि स्थल पर पहुंचा.

इसे भी पढ़ें- संत कबीर नगर: सरकारी दफ्तरों में ऐसे हो रही कर्मचारियों की कोरोना से रक्षा

कोविड-19 के प्रोटोकॉल के तहत शव का अंतिम संस्कार किया जाना था, लेकिन पिता ने आखिरी बार बेटे का चेहरा देखने की इच्छा जताई. जब मृतक के चेहरे को खोला गया तो वहां उपस्थित सभी लोग अवाक रह गए. बताया जाता है कि मुबंई से लौटे कुछ मजदूरों को बस्ती के कैली अस्पताल में भर्ती किया गया था, जहां शख्स को भी इलाज के लिए भर्ती किया गया था.

वहीं स्वास्थ्य विभाग भी पूरे मामले पर खुद को बचाने की कोशिश में लगा हुआ है. इस घटना को महज गलतफहमी वाली बात कहकर मामले पर पर्दा डाल रहा है. हालांकि इसकी जांच कर कार्रवाई की बात कही जा रही है.

संत कबीर नगरः जिले में पुलिस और स्वास्थ्य विभाग का एक बेहद हैरान करने वाला मामला सामने आया है. पुलिस ने पिता को फोन पर ये जानकारी दी कि अस्पताल में भर्ती उनके बेटे की मौत हो गई है और कुछ ही देर बाद शव को सील कर पिता को सौंप दिया. रोता बिलखता पिता अपने दूसरे बेटे के साथ शव लेकर अंत्येष्टि स्थल पर पहुंचा और शव को मुखाग्नि देने से पहले जैसे ही पिता ने मृतक बेटे का चेहरा तो सबके होश उड़ गए. दरअसल मृतक के तौर पर उनका बेटा नहीं बल्कि किसी दूसरे कोरोना मरीज का शव निकला.

जिंदा को मुर्दा बताकर घर भेज दिया शव.

मामला जिले के महुली थाना क्षेत्र के मथुरापुर गांव का है, जहां गांव के रहने वाले शख्स के घर पुलिस का फोन आता है कि बस्ती कैली में भर्ती आपके बेटे की मौत हो चुकी है. उसका शव आपके घर पर भेजा जा रहा है. बेटे की मौत की खबर सुनकर परिवार में कोहराम मच गया. इसके बाद रोता बिलखता परिवार शव का अंतिम संस्कार करने अंत्येष्टि स्थल पर पहुंचा.

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कोविड-19 के प्रोटोकॉल के तहत शव का अंतिम संस्कार किया जाना था, लेकिन पिता ने आखिरी बार बेटे का चेहरा देखने की इच्छा जताई. जब मृतक के चेहरे को खोला गया तो वहां उपस्थित सभी लोग अवाक रह गए. बताया जाता है कि मुबंई से लौटे कुछ मजदूरों को बस्ती के कैली अस्पताल में भर्ती किया गया था, जहां शख्स को भी इलाज के लिए भर्ती किया गया था.

वहीं स्वास्थ्य विभाग भी पूरे मामले पर खुद को बचाने की कोशिश में लगा हुआ है. इस घटना को महज गलतफहमी वाली बात कहकर मामले पर पर्दा डाल रहा है. हालांकि इसकी जांच कर कार्रवाई की बात कही जा रही है.

Last Updated : Sep 10, 2020, 12:22 PM IST
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