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संतकबीर नगर का 'दशरथ मांझी': खुद के पैसों से बनवाया पुल, दूर हुई कई गांवों की समस्या - आमी नदी पर पुल का निर्णाम

यूपी के संतकबीर नगर जिले में रमेश राय नामक एक व्यक्ति ने खुद के पैसों से आमी नदी पर पुल बना कर ग्रामीणों को समर्पित कर दिया. दरअसल आमी नदी पर पुल न होने से कई गांव के लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता था.

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ग्रामीण ने खुद के पैसों से बनवाई पुल.
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Published : Jun 16, 2020, 10:15 AM IST

Updated : Sep 10, 2020, 12:22 PM IST

संतकबीर नगरः बिहार के दशरथ मांझी के बारे में तो आपने सुना होगा और उन पर बनी 'मांझी द माउंटेन मैन' भी देखी होगी. बिहार में गया जिले के गहलौर गांव के रहने वाले दशरथ मांझी ने पहाड़ का सीना चीरकर गांव वालों के लिए रास्ता बना दिया था. लेकिन आज हम आपको यूपी के संतकबीर नगर जिले के जिले के कोल्हुआ लकड़ा गांव के रहने वाले रमेश राय के बारे में बताने जा रहे हैं. जिन्होंने कई गांव के लोगों को परेशानी से निजात दिलाई है. दरअसर रमेश राय ने लोगों को परेशानियों से निजात दिलाने के लिए खुद के खर्चे से आमी नदी में पुल बनवाया और उसे ग्रामीणों को समर्पित कर दिया.

कोल्हुआ लकड़ा गांव में आमी नदी पर बना पुल.

खलीलाबाद ब्लॉक के कोल्हुआ लकड़ा गांव में बह रही आमी नदी पर पुल न होने से कई गांवों के लोगों को करीबन 5 किलोमीटर कि यात्रा करके अपने खेतों तक पहुंचना होता था, या फिर ग्रामीण नाव के माध्यम से नदी को पार करते थे. ऐसे में कई बार नदी को पार करने में दौरान हादसे भी हो चुके हैं.

ग्रामीणों की इन्हीं समस्याओं को देखते हुए रमेश राय ने करीब ढाई लाख रुपये खर्च कर नदी पर पक्का पुल बना दिया. जिससे करीब दस हजार से लोगों की समस्या दूर हो गई. रमेश राय के इस कार्य की लोग जमकर प्रशंसा कर रहे हैं. इसके साथ ही रमेश राय ने अपने खर्चे से पुल बनवाकर जनप्रतिनिधियों को आइना दिखाया है.

वहीं गांव वालों का कहना है कि पुल न होने से लोग अपनी जान को जोखिम में डालकर आमी नदी को पार करते थे और अपने खेतों तक पहुंचते थे. जबकि सड़क मार्ग की दूरी अधिक होने से लोगों को काफी दिक्कतें होती थी. ऐसे में अब पुल बन जाने से दर्जनों गांवों के लोगों को लाभ मिलेगा.

इसे भी पढ़ें- विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार रोकथाम जागरूकता दिवस: छलका बुजुर्गों का दर्द

रमेश राय का कहना है कि आमी नदी पर पुल न होने के कारण दर्जनों गांवों के लोगों को काफी दिक्कतें होती थी. ग्रामीणों की समस्याओं को खत्म करने के लिए हमने खुद के खर्चे से पुल का निर्माण कराकर ग्रामीणों को समर्पित कर दिया है.

संतकबीर नगरः बिहार के दशरथ मांझी के बारे में तो आपने सुना होगा और उन पर बनी 'मांझी द माउंटेन मैन' भी देखी होगी. बिहार में गया जिले के गहलौर गांव के रहने वाले दशरथ मांझी ने पहाड़ का सीना चीरकर गांव वालों के लिए रास्ता बना दिया था. लेकिन आज हम आपको यूपी के संतकबीर नगर जिले के जिले के कोल्हुआ लकड़ा गांव के रहने वाले रमेश राय के बारे में बताने जा रहे हैं. जिन्होंने कई गांव के लोगों को परेशानी से निजात दिलाई है. दरअसर रमेश राय ने लोगों को परेशानियों से निजात दिलाने के लिए खुद के खर्चे से आमी नदी में पुल बनवाया और उसे ग्रामीणों को समर्पित कर दिया.

कोल्हुआ लकड़ा गांव में आमी नदी पर बना पुल.

खलीलाबाद ब्लॉक के कोल्हुआ लकड़ा गांव में बह रही आमी नदी पर पुल न होने से कई गांवों के लोगों को करीबन 5 किलोमीटर कि यात्रा करके अपने खेतों तक पहुंचना होता था, या फिर ग्रामीण नाव के माध्यम से नदी को पार करते थे. ऐसे में कई बार नदी को पार करने में दौरान हादसे भी हो चुके हैं.

ग्रामीणों की इन्हीं समस्याओं को देखते हुए रमेश राय ने करीब ढाई लाख रुपये खर्च कर नदी पर पक्का पुल बना दिया. जिससे करीब दस हजार से लोगों की समस्या दूर हो गई. रमेश राय के इस कार्य की लोग जमकर प्रशंसा कर रहे हैं. इसके साथ ही रमेश राय ने अपने खर्चे से पुल बनवाकर जनप्रतिनिधियों को आइना दिखाया है.

वहीं गांव वालों का कहना है कि पुल न होने से लोग अपनी जान को जोखिम में डालकर आमी नदी को पार करते थे और अपने खेतों तक पहुंचते थे. जबकि सड़क मार्ग की दूरी अधिक होने से लोगों को काफी दिक्कतें होती थी. ऐसे में अब पुल बन जाने से दर्जनों गांवों के लोगों को लाभ मिलेगा.

इसे भी पढ़ें- विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार रोकथाम जागरूकता दिवस: छलका बुजुर्गों का दर्द

रमेश राय का कहना है कि आमी नदी पर पुल न होने के कारण दर्जनों गांवों के लोगों को काफी दिक्कतें होती थी. ग्रामीणों की समस्याओं को खत्म करने के लिए हमने खुद के खर्चे से पुल का निर्माण कराकर ग्रामीणों को समर्पित कर दिया है.

Last Updated : Sep 10, 2020, 12:22 PM IST
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