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सोनभद्रः 50 फीसदी से अधिक महिलाएं और बच्चे हैं एनीमिया के शिकार

उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में 50 फीसदी से अधिक महिलाएं व बच्चे एनीमिया से ग्रसित हैं. लोगों को एनीमिया के बारे में जागरूक करने के लिए सीएमओ के नेतृत्व में एक जागरूकता रैली का आयोजन किया गया.

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महिलाएं एवं बच्चे एनीमिया से ग्रसित.
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Published : Dec 20, 2019, 6:06 AM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:13 PM IST

सोनभद्रः जिले में स्वास्थ्य विभाग के एक सर्वे में पाया गया कि 50 फीसदी से अधिक महिलाएं एवं बच्चे एनीमिया से ग्रसित हैं. इनको एनीमिया से मुक्ति दिलाने के लिए एनीमिया मूलक कार्यक्रम चलाया जा रहा है, जिसके मद्देनजर सीएमओ कार्यालय में एक संगोष्ठी और धर्मगुरुओं के साथ बैठक और एक जागरूकता रैली का आयोजन किया गया. इस रैली का उद्देश्य लोगों को एनीमिया के प्रति जागरूक करना है.

महिलाएं एवं बच्चे एनीमिया से ग्रसित.

महिलाएं एवं बच्चे एनीमिया से ग्रसित
जिले में 50 फीसदी से अधिक महिलाएं व बच्चे एनीमिया से ग्रसित हैं. एनीमिया से मुक्ति दिलाने के लिए एक जागरूकता रैली का आयोजन किया गया. एनीमिया की स्थितियों मुश्किल गंभीरता के कारण थकान, कमजोरी, चक्कर आना संज्ञानात्मक विकास में मंदता और मृत्यु दर में वृद्धि के रूप में सामने आती है.

50 फीसदी लोग एनीमिया से पीड़ित
स्वास्थ्य विभाग के सर्वे में पाया गया कि 50 फीसदी लोग एनीमिया से पीड़ित हैं. उत्तर प्रदेश में 6 माह से 59 माह के 63.2 फीसदी बच्चों में एनीमिया की कमी है. सोनभद्र जिले में 15 से 49 वर्ष की महिलाओं में 52.4 फीसदी एनीमिया हैं. वहीं 52.4 फीसदी गर्भवती महिलाओं में एनीमिया की समस्या है.

इसे भी पढ़ें- चित्रकूट: बाल पोषण माह की हुई शुरुआत, बच्चों को पिलाया विटामिन A सिरप

आने वाले समय में महिलाओं व बच्चों को एनीमिया से बचाना है, जिससे उनको किसी भी प्रकार की बीमारी न हो पाए. इसी के मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग की तरफ से एनीमिया मुक्त भारत का कार्यक्रम चलाया जा रहा है. जनपद में भी एक रैली का आयोजन किया गया, जिसमें स्कूली बच्चे और स्वास्थ विभाग के तमाम कर्मचारी शामिल हुए.
-डॉ शशिकांत उपाध्याय, सीएमओ

सोनभद्रः जिले में स्वास्थ्य विभाग के एक सर्वे में पाया गया कि 50 फीसदी से अधिक महिलाएं एवं बच्चे एनीमिया से ग्रसित हैं. इनको एनीमिया से मुक्ति दिलाने के लिए एनीमिया मूलक कार्यक्रम चलाया जा रहा है, जिसके मद्देनजर सीएमओ कार्यालय में एक संगोष्ठी और धर्मगुरुओं के साथ बैठक और एक जागरूकता रैली का आयोजन किया गया. इस रैली का उद्देश्य लोगों को एनीमिया के प्रति जागरूक करना है.

महिलाएं एवं बच्चे एनीमिया से ग्रसित.

महिलाएं एवं बच्चे एनीमिया से ग्रसित
जिले में 50 फीसदी से अधिक महिलाएं व बच्चे एनीमिया से ग्रसित हैं. एनीमिया से मुक्ति दिलाने के लिए एक जागरूकता रैली का आयोजन किया गया. एनीमिया की स्थितियों मुश्किल गंभीरता के कारण थकान, कमजोरी, चक्कर आना संज्ञानात्मक विकास में मंदता और मृत्यु दर में वृद्धि के रूप में सामने आती है.

50 फीसदी लोग एनीमिया से पीड़ित
स्वास्थ्य विभाग के सर्वे में पाया गया कि 50 फीसदी लोग एनीमिया से पीड़ित हैं. उत्तर प्रदेश में 6 माह से 59 माह के 63.2 फीसदी बच्चों में एनीमिया की कमी है. सोनभद्र जिले में 15 से 49 वर्ष की महिलाओं में 52.4 फीसदी एनीमिया हैं. वहीं 52.4 फीसदी गर्भवती महिलाओं में एनीमिया की समस्या है.

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आने वाले समय में महिलाओं व बच्चों को एनीमिया से बचाना है, जिससे उनको किसी भी प्रकार की बीमारी न हो पाए. इसी के मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग की तरफ से एनीमिया मुक्त भारत का कार्यक्रम चलाया जा रहा है. जनपद में भी एक रैली का आयोजन किया गया, जिसमें स्कूली बच्चे और स्वास्थ विभाग के तमाम कर्मचारी शामिल हुए.
-डॉ शशिकांत उपाध्याय, सीएमओ

Intro:anchor.. स्वास्थ्य विभाग की एक सर्वे के अनुसार पाया गया कि 50% से अधिक महिलाएं एवं बच्चे एनीमिया से ग्रसित हैं जिसके तहत इनको एनीमिया से मुक्ति के लिए एक एनीमिया मूलक कार्यक्रम चलाया जा रहा है जिसके मद्देनजर सीएमओ कार्यालय में एक संगोष्ठी और धर्मगुरुओं के साथ चर्चा साथ में एक जागरूकता रैली का भी आयोजन किया गया जिससे एनीमिया के प्रति लोग जागरूक हो सकें और खानपान में भी ध्यान रख सके जिससे एनीमिया से बचा जा सके


Body:vo.. इस दौरान मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि एनीमिया परिस्थिति है जिसमें लाल रक्त कणों की संख्या अथवा उनके ऑक्सीजन वाहन करने की क्षमता शरीर की जैविक क्रिया की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अपर्याप्त हो जाती है जिससे खून की कमी होती है एनीमिया की स्थितियों मुश्किल गंभीरता के कारण थकान कमजोरी चक्कर आना संज्ञानात्मक विकास में मंदता और मृत्यु दर में वृद्धि के रूप में सामने आती है एनीमिया का मुख्य कारण बच्चों एवं प्रजनन उम्र की महिलाओं में आयरन की कमी है

vo.. उन्होंने बताया कि साधना का एक सर्वे आया है जिसमें पाया गया कि 50% लोग इससे पीड़ित हैं एनीमिया का मतलब खून की कमी है उत्तर प्रदेश में 6 माह से 59 माह के 63.2 बच्चों में एनीमिया की कमी है जबकि सोनभद्र में 58.1 प्रतिशत वही 15 से 49 वर्ष की महिलाओं में 52.4 प्रतिशत में एनीमिया है जबकि सोनभद्र में 60.1 प्रतिशत है वही गर्भवती महिलाओं में प्रदेश में 51% है जबकि सोनभद्र में 52.4% गर्भवती महिलाओं में एनीमिया की दिक्कत है


Conclusion:vo.. आने वाले समय में महिलाओं एवं बच्चों को एनीमिया से बचाना है जिससे उनको किसी भी प्रकार की बीमारी ना होने पाए इसी के मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग की तरफ से एनीमिया मुक्त भारत का कार्यक्रम चलाया जा रहा है इसी क्रम में आज जनपद सोनभद्र में भी हमारे कार्यालय से एक रैली का आयोजन किया गया जिसमें स्कूली बच्चे और स्वास्थ विभाग के तमाम कर्मचारी शामिल हुए यह एक जन जागरण अभियान है

byte... डॉ शशि कांत उपाध्याय मुख्य चिकित्सा अधिकारी सोनभद्र
Last Updated : Sep 17, 2020, 4:13 PM IST
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