सोनभद्र: देश के 115 पिछड़े जनपदों में साथ ही नीति आयोग के आकांक्षी जनपद घोषित करने और 50% से अधिक एरिया पहाड़ी और वन क्षेत्र होने की वजह से सोनभद्र के लोगों को विद्युत के साथ ही साथ कई बार अन्य दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. सरकार की तरफ से 1 लाख 49 हजार 173 परिवारों को अब मिट्टी का तेल नहीं मिलेगा, जिससे इन लोगों को खासी दिक्कत का सामना करना पड़ेगा. जिला आपूर्ति विभाग का कहना है कि जिनके पास गैस और विद्युत का कनेक्शन है उनको मिट्टी का तेल नहीं दिया जाएगा.
अब एलपीजी और बिजली के कनेक्शन धारकों को नहीं मिलेगा मिट्टी का तेल
सोनभद्र के 1 लाख 49 हजार 173 राशन कार्ड धारकों को मिट्टी के तेल की आपूर्ति नहीं की जाएगी, जिसमें से ग्रामीण इलाकों के 1 लाख 20 हजार परिवार और शहरी क्षेत्र के 29 हजार 373 परिवार शामिल है. इससे विद्युत की समस्याओं से जूझ रहे लोगों को अब खासी दिक्कत का सामना करना पड़ेगा. लोगों को अंधेरे में गुजर-बसर भी करना पड़ेगा.
प्रदेश सरकार की तरफ से मिट्टी के तेल पर रोक लगाने से लोग काफी प्रभावित होंगे. जनपद सोनभद्र का ज्यादातर क्षेत्रफल जंगलों और पहाड़ों से आच्छादित है, इस वजह से ग्रामीण इलाकों में कई बार रोस्टर के अनुसार बिजली आपूर्ति नहीं हो पाती. आंधी और तेज हवा चलने पर कई बार तार भी गिर जाते हैं, जिनको बनने में कई बार तो हफ्तों से ज्यादा का समय लग जाता. इस वजह से गरीब आदिवासी लोगों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ेगा.
मिट्टी का तेल न मिलने से लोगों को होगी काफी परेशानी
जनपद में कुल 3 लाख 84 हजार 558 राशन कार्ड धारक है, जिनमें से 3 लाख 24 हजार पात्र गृहस्थी के कारण और 7558 अंतोदय योजना के कारण वही जनपद में कुल 383 सरकारी खाद्य वितरण की दुकान है. इनमें से 320 ग्रामीण क्षेत्रों में और 63 शहरी क्षेत्रों में है. हालांकि सरकार ने निर्णय लिया है कि अब जिन लोगों के पास एलपीजी का कनेक्शन और बिजली का कनेक्शन है ऐसे लोगों को चिन्हित कर लिया गया है और इन्हें अब मिट्टी का तेल नहीं दिया जाएगा.
17 घंटे बिजली की आपूर्ति
इस संबंध में जिला पूर्ति अधिकारी का कहना है जिन लोगों के पास एलपीजी का कनेक्शन और बिजली का कनेक्शन दोनों उपलब्ध हैं उनको मिट्टी का तेल बंद किया जा रहा है. नगर क्षेत्र में सौ प्रतिशत 29,173 परिवार और ग्रामीण क्षेत्र के 1,20,000 परिवार हैं. विकास की प्रक्रिया चलती रहती है. केरोसिन तेल बहुत पहले की बात हो गई है. बिजली का उत्पादन और बिजली की आपूर्ति पर्याप्त हो गई है. ईंधन का वैकल्पिक स्रोत हमारे यहां धीरे-धीरे बड़ा है. बिजली विभाग के दावे के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में भी लगभग 17 घंटे बिजली आपूर्ति की जा रही है.
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