सोनभद्र: जिले के उम्भा गांव में बीते वर्ष जुलाई माह में जमीन विवाद को लेकर भीषण गोलीबारी हुई, जिसमें 11 की मौत और 27 लोग घायल हुए थे. जिसके बाद प्रशासन ने वहां 1135 बीघे जमीन जो सोसाइटी के नाम थी, उससे मुक्त कराया और इस जमीन को ग्राम समाज कराकर 851 बीघा जमीन 281 लोगों में वितरित किया. गांव के रहने वाले कुछ लोगों का आरोप है कि हम जहां रहते है, प्रशासन वहां पर दूसरे को जमीन दे रहा है और हमें आपस में लड़ा रहा है. उनका कहना है कि हमें अगर वहीं जमीन मिलती है तो फिर से यह घटना हो सकती है.
इसे भी पढ़ें - रायबरेली पहुंचे डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा, अधिकारियों के साथ कर रहे बैठक
ग्रामीणों ने लगाया आरोप
उम्भा गांव के बसंत लाल गौड़ का कहना है कि जिस जमीन पर हम लोग पुश्तैनी से जोतते चले आ रहे हैं, उसी को लेकर मुकदमा बाजी और नरसंहार हुआ. आज हमें उस जमीन को न देकर 6 से 7 किलोमीटर दूसरे गांव में पट्टा दिया जा रहा है. जहां प्रधान यज्ञदत्त का घर है, उन्हीं के घर के पास हमें भेजा जा रहा है. वह जब 6 किमी दूर आकर गोलीबारी कर सकते हैं तो अगर हम उनके पास रहेंगे तो हमारा क्या दशा होगा. हमें ढाई बीघा जमीन पट्टा मिला है वो भी सपही गांव में मिला है. जहां उम्भा में मैं हूं वहां पर जमीन दूसरे को पट्टा किया जा रहा है. हमें वहां से हटाया जा रहा है.
जिलाधिकारी ने दी जानकारी
सोनभद्र के जिलाधिकारी एस. राजलिंगम ने जानकारी देते हुए बताया कि जब आदर्श कोऑपरेटिव सोसाइटी से ग्राम सभा में जमीन वापस ली गई थी. उसमें से 281 लोगों को पट्टा दिया गया था, घटना में कुछ लोगों को मृत्यु हुई थी उनको 7.5 बीघा के हिसाब से जमीन दिया गया था बाकी जितने भूमिहीन लोग थे उनको बराबर बांटा गया. लोगों की शिकायत आई है, हम देख रहे हैं अगर यह एडजेस्ट हो सकता है तो हम एडजेस्ट कर देंगे.