सोनभद्र: मिशन इंद्रधनुष के तहत प्रथम चरण में जिले के चार ब्लाकों को चयनित किया गया, जहां टीकाकरण से छूटी गर्भवती महिलाओं और बच्चों को चिन्हित किया गया. वहीं हर बुधवार को नियमित रूप से एएनएम सेंटर और आंगनबाड़ी केंद्रों पर भी टीकाकरण किया जाता है. उसके बावजूद भी 6416 बच्चे और 1441 गर्भवती महिलाएं टीकाकरण से वंचित रह गईं थी उन्हें स्वास्थ विभाग की टीम ने घर-घर जाकर चिन्हित किया.
खास बातें-
- भारत सरकार के स्वास्थ्य मिशन कार्यक्रम के तहत मिशन इंद्रधनुष की शुरूआत की गई.
- जिसके तहत छोटे बच्चों और गर्भवती महिलाओं का अभियान चलाकर टीकाकरण किया गया.
- इस अभियान के तहत टीमें बनाकर और घर-घर जाकर सभी को टीका लगाया गया.
- प्रथम चरण में जिले के चार ब्लाकों से गर्भवती महिलाओं और बच्चों को चिन्हित किया गया.
- वहीं हर बुधवार को नियमित रूप से एएनएम सेंटर, आंगनबाड़ी केंद्रों पर टीकाकरण किया जाता है.
- कार्यक्रम के बावजूद भी 6416 बच्चे और 1441 गर्भवती महिलाएं टीकाकरण से वंचित रह गईं थी.
- यह टीकाकरण गर्भावस्था के दौरान बच्चों को सभी प्रकार की बीमारियों से बचाता है.
कई महिलाओं और बच्चों को नहीं लगा टीका -
इंद्र मिशन के तहत प्रथम चरण में सोनभद्र जिले के चार ब्लाकों को चयनित किया गया है. गर्भवती महिलाओं और बच्चे जो टीकाकरण से छुट गए हैं उन्हें चिन्हित किया गया. चार ब्लाकों में 6416 बच्चे 1441 गर्भवती महिलाएं टीकाकरण से वंचित रह गई थीं. स्वास्थ विभाग की टीम ने घर-घर जाकर इन्हें चिन्हित किया. उनके टीकाकरण के लिए 700 से अधिक सेंटर बनाए गए जहां पर चिन्हित की गई गर्भवती महिलाए और बच्चों का टीकाकरण किया गया.
इंद्रधनुष भारत सरकार का अभियान है. इस अभियान के तहत टीकाकरण से छूटी गर्भवती महिलाओं और बच्चों का टीकाकरण किया जा रहा है. टीकाकरण हर बुधवार को किया जाता है, लेकिन इसके बावजूद जो लोग छूट गए हैं उनके लिए यह अभियान चलाया गया है. इस अभियान के तहत घर-घर जाकर टीकाकरण से छोटे बच्चों एवं महिलाओं को चिन्हित किया गया. जिसमें 6416 बच्चों और 1441 महिलाएं शामिल है. जिनमें 6411 बच्चों और 1430 महिलाओं का टीकाकरण किया जा चुका है.
डॉ. बीके अग्रवाल, जिला प्रतिरक्षा अधिकारी