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सोनभद्र में लगेगी प्रोसेसिंग यूनिट, टमाटर उत्पादकों को मिलेगी राहत

सोनभद्र में आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत ही जिले के टमाटर को पहचान मिलने वाली है. इसके लिए इसे ओडीओपी यानी एक जिला एक उत्पाद के तहत चयनित किया गया है. इस यूनिट के जरिए टमाटर का बहुतायत में उत्पादन होने पर टमाटर को पाउडर फॉर्म में संरक्षित किया जाएगा.

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सोनभद्र में ओडीओपी में शामिल हुआ टमाटर.
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Published : Aug 13, 2020, 10:58 AM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:14 PM IST

सोनभद्र: सोनभद्र जिले में टमाटर के किसानों को अपना उत्पाद उचित मूल्य पर बेचने के लिए अब परेशान नहीं होना पड़ेगा. यहां के किसान बड़े पैमाने पर टमाटर का उत्पादन करते हैं. जिले में टमाटर की खेती लगभग साढे चार से पांच हजार हेक्टेयर में की जाती है. जिला प्रशासन ने 'वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट' योजना के तहत सोनभद्र जिले में टमाटर की फसल का चयन किया है. इस योजना के साथ-साथ अब जिला प्रशासन केंद्र सरकार की आत्मनिर्भर योजना के तहत जिले में किसानों को टोमैटो प्रोसेसिंग यूनिट लगाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है. इस यूनिट के जरिए टमाटर का बहुतायत में उत्पादन होने पर टमाटर को पाउडर फॉर्म में संरक्षित किया जाएगा और बाद में उसे बाजार में बेचा जाएगा.

सोनभद्र में ओडीओपी में शामिल हुआ टमाटर.


जिला उद्यान अधिकारी सुनील कुमार शर्मा ने बताया कि बीते 29 जून को केंद्र सरकार ने आत्मनिर्भर योजना लांच की है. इस योजना के तहत प्रधानमंत्री कृषि खाद्य उन्मूलन अभियान के तहत पूरे देश में दो लाख सूक्ष्म उद्योगों के माध्यम से नौ लाख कुशल एवं अर्ध कुशल रोजगार उपलब्ध कराने का लक्ष्य केंद्र सरकार ने रखा है. इसके तहत उत्तर प्रदेश में 35,805 सूक्ष्म उद्योगों का उन्नयन कर 1,70123 कुशल एवं रोजगार अर्जित करने का लक्ष्य रखा गया है. इसी क्रम में 'एक जिला एक उत्पाद' अभियान के तहत एक जिला स्तरीय कमेटी के गठन का प्रस्ताव है. इसमें चयनित कमेटी ने जिले में टमाटर को एक विशेष उत्पाद के रूप में चयनित किया है. जिले में टमाटर की खेती साढ़े चार से पांच हजार हेक्टेयर में होती है. इसको देखते हुए कृषि उत्पादक संघ (FPO) और एनजीओ के माध्यम से टमाटर प्रोसेसिंग यूनिट लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है.

टोमैटो प्रोसेसिंग यूनिट लगाने के लिए जिला प्रशासन की तरफ से कृषि उत्पादन संघ को और अन्य किसानों को जिला प्रशासन 35% सब्सिडी उपलब्ध करा रहा है. जिला उद्यान अधिकारी सुनील कुमार शर्मा ने बताया कि जब बहुतायत में टमाटर उत्पादन होता है तो किसानों को उचित मूल्य नहीं मिल पाता है. ऐसे में इस प्रोसेसिंग यूनिट से किसानों को अपने उत्पाद का उचित मूल्य मिलेगा. इसके माध्यम से टमाटर को पाउडर फॉर्म में संरक्षित किया जाएगा और उसकी पैकिंग और ब्रांडिंग करके बाजार में उतारा जाएगा. किसानों के साथ-साथ इसे आम लोगों को भी फायदा होगा. जब बाजार में टमाटर का मूल्य अधिक होगा पाउडर की पैकिंग खरीद कर लोग इसे उपयोग कर सकेंगे. जिला प्रशासन की इस पहल से जिले के किसानों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है.

सोनभद्र: सोनभद्र जिले में टमाटर के किसानों को अपना उत्पाद उचित मूल्य पर बेचने के लिए अब परेशान नहीं होना पड़ेगा. यहां के किसान बड़े पैमाने पर टमाटर का उत्पादन करते हैं. जिले में टमाटर की खेती लगभग साढे चार से पांच हजार हेक्टेयर में की जाती है. जिला प्रशासन ने 'वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट' योजना के तहत सोनभद्र जिले में टमाटर की फसल का चयन किया है. इस योजना के साथ-साथ अब जिला प्रशासन केंद्र सरकार की आत्मनिर्भर योजना के तहत जिले में किसानों को टोमैटो प्रोसेसिंग यूनिट लगाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है. इस यूनिट के जरिए टमाटर का बहुतायत में उत्पादन होने पर टमाटर को पाउडर फॉर्म में संरक्षित किया जाएगा और बाद में उसे बाजार में बेचा जाएगा.

सोनभद्र में ओडीओपी में शामिल हुआ टमाटर.


जिला उद्यान अधिकारी सुनील कुमार शर्मा ने बताया कि बीते 29 जून को केंद्र सरकार ने आत्मनिर्भर योजना लांच की है. इस योजना के तहत प्रधानमंत्री कृषि खाद्य उन्मूलन अभियान के तहत पूरे देश में दो लाख सूक्ष्म उद्योगों के माध्यम से नौ लाख कुशल एवं अर्ध कुशल रोजगार उपलब्ध कराने का लक्ष्य केंद्र सरकार ने रखा है. इसके तहत उत्तर प्रदेश में 35,805 सूक्ष्म उद्योगों का उन्नयन कर 1,70123 कुशल एवं रोजगार अर्जित करने का लक्ष्य रखा गया है. इसी क्रम में 'एक जिला एक उत्पाद' अभियान के तहत एक जिला स्तरीय कमेटी के गठन का प्रस्ताव है. इसमें चयनित कमेटी ने जिले में टमाटर को एक विशेष उत्पाद के रूप में चयनित किया है. जिले में टमाटर की खेती साढ़े चार से पांच हजार हेक्टेयर में होती है. इसको देखते हुए कृषि उत्पादक संघ (FPO) और एनजीओ के माध्यम से टमाटर प्रोसेसिंग यूनिट लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है.

टोमैटो प्रोसेसिंग यूनिट लगाने के लिए जिला प्रशासन की तरफ से कृषि उत्पादन संघ को और अन्य किसानों को जिला प्रशासन 35% सब्सिडी उपलब्ध करा रहा है. जिला उद्यान अधिकारी सुनील कुमार शर्मा ने बताया कि जब बहुतायत में टमाटर उत्पादन होता है तो किसानों को उचित मूल्य नहीं मिल पाता है. ऐसे में इस प्रोसेसिंग यूनिट से किसानों को अपने उत्पाद का उचित मूल्य मिलेगा. इसके माध्यम से टमाटर को पाउडर फॉर्म में संरक्षित किया जाएगा और उसकी पैकिंग और ब्रांडिंग करके बाजार में उतारा जाएगा. किसानों के साथ-साथ इसे आम लोगों को भी फायदा होगा. जब बाजार में टमाटर का मूल्य अधिक होगा पाउडर की पैकिंग खरीद कर लोग इसे उपयोग कर सकेंगे. जिला प्रशासन की इस पहल से जिले के किसानों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है.

Last Updated : Sep 17, 2020, 4:14 PM IST
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