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सोनभद्र गोलीकांड: महज चंद घंटों में खेत बना श्मशान

सोनभद्र में हुए खूनी संघर्ष में दस लोगों की मौत हो गई, जबकि करीब 25 लोग घायल हो गए. वहीं पीड़ितों से मिलने के नाम पर एक बार फिर राजनीति में सिसायत शुरू हो गई है.

खेत बना श्मशान.
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Published : Jul 20, 2019, 3:27 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:13 PM IST

सोनभद्र: इन महिलाओं के रोने की आवाज सुन रहे हैं आप? कलेजा हिला देने वाली ये महिलाओं की दहाड़? ये खौफनाक मंजर और जमीन पर बिखरी हुई लाशें? ये सब कुछ चंद घंटों के अंदर ही हुआ. ये बात 17 जुलाई की है. 32 ट्रैक्टर पर लगभग 300 लोग सवार होकर आए थे. सबके हाथों में हथियार और असलहे थे.

खेत बना श्मशान.

ये खौफनाक मंजर उत्तर प्रदेश के सोनभद्र का है. 17 जुलाई को घोरावल इलाके के उम्भा गांव में जमीन को लेकर विवाद हुआ और बात जान लेने पर जाकर पहुंची. दो पक्ष और सैकडों लोग. दोनों तरफ से गोलियां चलना शुरू हुईं और फिर खेत की जमीन श्मशान बन गई. 10 लोगों की मौत हो चुकी थी और करीब 25 लोग घायल हो गए थे.

वर्चस्व की इस लड़ाई में 10 मौतें होने के बाद अब सोनभद्र में धारा 144 लागू है. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी पीड़ित परिवारों से मिलने पहुंचीं और 24 घंटों तक उन्हें पीड़ितों से मिलने नहीं दिया गया. काफी घमासान के बाद प्रशासन ने उन्हें मिर्जापुर में ही रोके रखा और पीड़ित परिवारों के सिर्फ दो लोगों से मिलवाया. फिलहाल सोनभद्र में धारा 144 लागू है और किसी को भी बिना प्रशासन की अनुमति के सोनभद्र में प्रवेश की अनुमति नहीं है.

सोनभद्र: इन महिलाओं के रोने की आवाज सुन रहे हैं आप? कलेजा हिला देने वाली ये महिलाओं की दहाड़? ये खौफनाक मंजर और जमीन पर बिखरी हुई लाशें? ये सब कुछ चंद घंटों के अंदर ही हुआ. ये बात 17 जुलाई की है. 32 ट्रैक्टर पर लगभग 300 लोग सवार होकर आए थे. सबके हाथों में हथियार और असलहे थे.

खेत बना श्मशान.

ये खौफनाक मंजर उत्तर प्रदेश के सोनभद्र का है. 17 जुलाई को घोरावल इलाके के उम्भा गांव में जमीन को लेकर विवाद हुआ और बात जान लेने पर जाकर पहुंची. दो पक्ष और सैकडों लोग. दोनों तरफ से गोलियां चलना शुरू हुईं और फिर खेत की जमीन श्मशान बन गई. 10 लोगों की मौत हो चुकी थी और करीब 25 लोग घायल हो गए थे.

वर्चस्व की इस लड़ाई में 10 मौतें होने के बाद अब सोनभद्र में धारा 144 लागू है. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी पीड़ित परिवारों से मिलने पहुंचीं और 24 घंटों तक उन्हें पीड़ितों से मिलने नहीं दिया गया. काफी घमासान के बाद प्रशासन ने उन्हें मिर्जापुर में ही रोके रखा और पीड़ित परिवारों के सिर्फ दो लोगों से मिलवाया. फिलहाल सोनभद्र में धारा 144 लागू है और किसी को भी बिना प्रशासन की अनुमति के सोनभद्र में प्रवेश की अनुमति नहीं है.

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Last Updated : Sep 17, 2020, 4:13 PM IST
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