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12वीं दिव्यांग छात्र के इस अविष्कार से सड़क हादसों पर लगेगी रोक! परिवहन मंत्री कर चुके हैं सम्मानित

सोनभद्र के 12वीं के एक दिव्यांग छात्र ने अनोखा आविष्कार किया है. इससे बाइक के सड़क से होने वाले हादसों पर काफी हद तक रोक लग सकती है. इस आविष्कार की परिवहन मंत्री भी सराहना कर चुके हैं. क्या खास है इस हेलमेट में और ये कैसे करता है काम, चलिए आपको बताते हैं.

सोनभद्र के इंद्रेश कुमार का आविष्कार
सोनभद्र के इंद्रेश कुमार का आविष्कार
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Published : Jul 25, 2023, 10:37 AM IST

सोनभद्र के दिव्यांग छात्र इंद्रेश कुमार का अनोखा आविष्कार.

सोनभद्रः जिले के मधुपुर में 12वीं के दिव्यांग छात्र ने एक ऐसा अनोखा आविष्कार किया है. इससे बाइक से होने वाले सड़क हादसों में कमी आ सकती है. दिव्यांग छात्र इंद्रेश कुमार ने ऐसा हेलमेट बनाया है, जो सेंसर आधारित है. हेलमेट को सेंसर के जरिए बाइक में कनेक्ट करने के बाद चालक के बिना हेलमेट लगाए बाइक स्टार्ट नहीं होगी. इसके साथ ही अगर कोई शराब पीकर या फिर नशे की हालत में बाइक चलाना चाहेगा, तो हेलमेट नशे की गंध पता कर लेगा और बाइक स्टार्ट नहीं होगी. इंद्रेश के इस आविष्कार को प्रदेश सरकार ने भी सराहा है. वहीं, परिवहन मंत्री ने उन्हें लखनऊ बुलाकर सम्मानित भी किया था.

अपने आविष्कार के बारे में इंद्रेश ने कहा कि इस हेलमेट के जरिए सड़क दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है. 2 वर्ष पूर्व उनके पिता राम अवतार शराब पीकर बाइक चला रहे थे. इसी दौरान उनका एक्सीडेंट हो गया और वह घायल हो गए. इसके बाद से ही उन्हें ऐसा हेलमेट को बनाने का विचार आया. ताकि कोई शराब पीकर गाड़ी चलाने की कोशिश करे, तो गाड़ी स्टार्ट ही न हो और बिना हेलमेट के तो बिल्कुल स्टार्ट न हो.

इंद्रेश के अनुसार, दिसंबर 2022 में हुई जनपद स्तरीय साइंस प्रतियोगिता में उन्होंने अपने इस अविष्कार को प्रदर्शित किया था. इसके बाद लोगों का ध्यान इस अविष्कार की तरफ गया. साइंस प्रतियोगिता में उनके आविष्कार की खूब सराहना भी हुई. उन्होंने बताया कि उनके इस अविष्कार को परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने भी देखा और उनकी सराहना भी की. परिवहन मंत्री ने उन्हें लखनऊ बुलाकर 50,000 रुपये का इनाम भी दिया. फिलहाल एआरटीओ धनवीर यादव, सोनभद्र और आरटीओ मिर्जापुर उनके आविष्कार को पेटेंट कराने में मदद कर रहे हैं.

इंद्रेश ने ईटीवी भारत को बताया कि वो अपने आविष्कार में और भी सुधार कर रहे हैं. गौरतलब है कि इंद्रेश एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखते हैं. उनके पिता राम अवतार किसान हैं और मां कमलावती देवी गृहणी. उनकी दो बहनें और एक छोटा भाई है, जो पढ़ाई कर रहे हैं. इंद्रेश पैर से दिव्यांग है, जिन्होंने कुछ समय पहले ही अपने पैरों का ऑपरेशन कराया है.

ये भी पढ़ेंः Watch: चलती ट्रेन में चढ़ने के दौरान फिसली महिला, आरपीएफ जवान ने ऐसे बचाई जान

सोनभद्र के दिव्यांग छात्र इंद्रेश कुमार का अनोखा आविष्कार.

सोनभद्रः जिले के मधुपुर में 12वीं के दिव्यांग छात्र ने एक ऐसा अनोखा आविष्कार किया है. इससे बाइक से होने वाले सड़क हादसों में कमी आ सकती है. दिव्यांग छात्र इंद्रेश कुमार ने ऐसा हेलमेट बनाया है, जो सेंसर आधारित है. हेलमेट को सेंसर के जरिए बाइक में कनेक्ट करने के बाद चालक के बिना हेलमेट लगाए बाइक स्टार्ट नहीं होगी. इसके साथ ही अगर कोई शराब पीकर या फिर नशे की हालत में बाइक चलाना चाहेगा, तो हेलमेट नशे की गंध पता कर लेगा और बाइक स्टार्ट नहीं होगी. इंद्रेश के इस आविष्कार को प्रदेश सरकार ने भी सराहा है. वहीं, परिवहन मंत्री ने उन्हें लखनऊ बुलाकर सम्मानित भी किया था.

अपने आविष्कार के बारे में इंद्रेश ने कहा कि इस हेलमेट के जरिए सड़क दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है. 2 वर्ष पूर्व उनके पिता राम अवतार शराब पीकर बाइक चला रहे थे. इसी दौरान उनका एक्सीडेंट हो गया और वह घायल हो गए. इसके बाद से ही उन्हें ऐसा हेलमेट को बनाने का विचार आया. ताकि कोई शराब पीकर गाड़ी चलाने की कोशिश करे, तो गाड़ी स्टार्ट ही न हो और बिना हेलमेट के तो बिल्कुल स्टार्ट न हो.

इंद्रेश के अनुसार, दिसंबर 2022 में हुई जनपद स्तरीय साइंस प्रतियोगिता में उन्होंने अपने इस अविष्कार को प्रदर्शित किया था. इसके बाद लोगों का ध्यान इस अविष्कार की तरफ गया. साइंस प्रतियोगिता में उनके आविष्कार की खूब सराहना भी हुई. उन्होंने बताया कि उनके इस अविष्कार को परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने भी देखा और उनकी सराहना भी की. परिवहन मंत्री ने उन्हें लखनऊ बुलाकर 50,000 रुपये का इनाम भी दिया. फिलहाल एआरटीओ धनवीर यादव, सोनभद्र और आरटीओ मिर्जापुर उनके आविष्कार को पेटेंट कराने में मदद कर रहे हैं.

इंद्रेश ने ईटीवी भारत को बताया कि वो अपने आविष्कार में और भी सुधार कर रहे हैं. गौरतलब है कि इंद्रेश एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखते हैं. उनके पिता राम अवतार किसान हैं और मां कमलावती देवी गृहणी. उनकी दो बहनें और एक छोटा भाई है, जो पढ़ाई कर रहे हैं. इंद्रेश पैर से दिव्यांग है, जिन्होंने कुछ समय पहले ही अपने पैरों का ऑपरेशन कराया है.

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