सोनभद्र: डीएम ने शेल्टर होम का निरीक्षण किया तो यह बात सामने आई कि लाखों रुपए की लागत से बने ये शेल्टर सही तरीके से संचालित नहीं हो रहे हैं. इसके बाद नगर पालिका परिषद ने शेल्टर होम संचालन को पटरी पर लाने के लिए कई तरह के कार्यक्रम संचालित किए हैं. इसमें जिले के प्रमुख स्थलों पर होर्डिंग लगाने और कई विभागों को बेघर लोगों को भेजने का आग्रह करने जैसे काम शामिल हैं.
क्या है पूरा मामला?
- जिले की एकमात्र नगर पालिका परिषद सोनभद्र में तीन वर्ष पहले सरकार ने लाखों की लागत से शेल्टर होम बनाया था.
- अभी तक नगर पालिका परिषद उसकी क्षमता के अनुरूप संचालित नहीं कर सका है.
- इसे गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी ने शेल्टर होम का निरीक्षण किया था.
- इसके बाद सक्रिय हुए नगर पालिका प्रशासन ने रैन बसेरे को क्षमता के अनुरूप चलाने के लिए एक अनोखा कदम उठाया है.
- नगर पालिका परिषद के अधिशासी अधिकारी ने स्वास्थ्य विभाग के मुख्य चिकित्सा अधिकारी, परिवहन विभाग के अधीक्षक और रेलवे के स्टेशन अधीक्षक को पत्र लिखकर निवेदन किया है.
- जो दूर-दराज से आए यात्री हैं या मरीज लेकर आए परिजन हैं, ऐसे लोगों को रैन बसेरा में भेजने का कार्य करें.
- ताकि इसे पूर्ण क्षमता के अनुरूप चलाया जा सके और दूर -दराज से आने वालों को इस चिलचिलाती धूप में राहत मिल सके.
पुरानी तहसील और वर्तमान पुलिस चौकी परिसर के पास शेल्टर यानी आश्रय गृह (रैन बसेरा) स्थित है. इसके संचालन की जिम्मेदारी नगर पालिका परिषद की है. अभी तक यह रैन बसेरा बगैर प्रचार प्रसार के पूर्ण क्षमता के अनुरुप नहीं संचालित हो पा रहा था. इसके लिए ऐसे विभागों को पत्र लिखा गया है, जहां जरुरतमंद लोग आते हैं. ताकि ऐसे लोगों को इसका लाभ मिल सके और उन्हें कही भटकना न पड़े.
-प्रदीप गिरी, अधिशासी अधिकारी, नगर पालिका परिषद, सोनभद्र