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सोनभद्र: दशकों से काबिज दुकानों और मकानों पर प्रशासन ने चलाई जेसीबी

उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में निर्माणाधीन ओबरा परियोजना की जद में आने वाली दुकानों को हटाकर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की गई. इस दौरान स्थानीय दुकानदारों की अधिकारियों के साथ जमकर बहस भी हुई, लेकिन कार्रवाई जारी रही.

जेसीबी से हटाया गया अतिक्रमण.
जेसीबी से हटाया गया अतिक्रमण.
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Published : Oct 3, 2020, 5:58 PM IST

Updated : Oct 3, 2020, 7:34 PM IST

सोनभद्र: जिले के ओबरा थाना क्षेत्र में निर्माणाधीन ओबरा परियोजना की जद में आने वाली दुकानों को शनिवार को खाली कराया गया. ओबरा परियोजना की जमीन पर बनी इन दुकानों को हटाने का नोटिस पहले ही परियोजना प्रशासन द्वारा दिया जा चुका था. शनिवार को ओबरा परियोजना के अधिकारी ओबरा एसडीएम, सीओ और भारी पुलिस फोर्स की मौजूदगी में इन दुकानों के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू की गई. इस दौरान मौके पर अफरा-तफरी का माहौल बना रहा. स्थानीय दुकानदारों की अधिकारियों के साथ जमकर बहस भी हुई, लेकिन प्रशासन ने परियोजना के निर्माण के लिए दुकानों को हटाने की कार्रवाई जेसीबी लगाकर शुरू कर दी.

जेसीबी की सहायता से हटी दुकानें
सोनभद्र के ओबरा में बन रहे 1320 मेगावाट की सी परियोजनाओं के लिए जमीन अधिग्रहण के मामले पर प्रशासन सुभाष चौराहे से ओबरा थाने तक कब्जा की गई जमीन को खाली कराने के लिए पहुंचा. जहां पर कई दशकों से काबिज दुकानों और परिवार को हटाकर मकानों और दुकानों को जेसीबी की मदद से ध्वस्त करने का काम किया गया. इस मामले को लेकर पूर्व में कई बार व्यापारियों द्वारा धरना प्रदर्शन कर मुआवजे की मांग भी की गई थी. व्यापारियों का आरोप है कि कई दशकों से वह दुकानें बनाकर यहां रोजगार कर रहे हैं, लेकिन आज उन्हें बिना मुआवजा दिए यहां से गुजारा जा रहा है. उन्होंने कहा कि उन लोगों की रोजी-रोटी खत्म की जा रही है. लोगों ने बताया कि पूर्व में जिला प्रशासन ने उन्हें पर्याप्त समय देने का आश्वासन दिया था, लेकिन आज दुकानें तोड़ी जा रही हैं.

परियोजना की तरफ से हमें 105 दुकानों की लिस्ट दी गई है जिनके ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जानी है. यह सभी दुकानें ओबरा परियोजना की जमीन पर बनी हुई हैं. जिन्हें खाली कराया जा रहा है. वर्ष 2016 से ही इन्हें नोटिस दिया जा रहा है. हालांकि परियोजना के पूर्व में कुछ दुकानें आवंटित भी की थी. जहां तक मुआवजे का प्रश्न है इस संबंध में कोई भी निर्णय परियोजना प्रशासन ही लेगा.
-प्रकाश चंद्र, एसडीएम ओबरा

सोनभद्र: जिले के ओबरा थाना क्षेत्र में निर्माणाधीन ओबरा परियोजना की जद में आने वाली दुकानों को शनिवार को खाली कराया गया. ओबरा परियोजना की जमीन पर बनी इन दुकानों को हटाने का नोटिस पहले ही परियोजना प्रशासन द्वारा दिया जा चुका था. शनिवार को ओबरा परियोजना के अधिकारी ओबरा एसडीएम, सीओ और भारी पुलिस फोर्स की मौजूदगी में इन दुकानों के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू की गई. इस दौरान मौके पर अफरा-तफरी का माहौल बना रहा. स्थानीय दुकानदारों की अधिकारियों के साथ जमकर बहस भी हुई, लेकिन प्रशासन ने परियोजना के निर्माण के लिए दुकानों को हटाने की कार्रवाई जेसीबी लगाकर शुरू कर दी.

जेसीबी की सहायता से हटी दुकानें
सोनभद्र के ओबरा में बन रहे 1320 मेगावाट की सी परियोजनाओं के लिए जमीन अधिग्रहण के मामले पर प्रशासन सुभाष चौराहे से ओबरा थाने तक कब्जा की गई जमीन को खाली कराने के लिए पहुंचा. जहां पर कई दशकों से काबिज दुकानों और परिवार को हटाकर मकानों और दुकानों को जेसीबी की मदद से ध्वस्त करने का काम किया गया. इस मामले को लेकर पूर्व में कई बार व्यापारियों द्वारा धरना प्रदर्शन कर मुआवजे की मांग भी की गई थी. व्यापारियों का आरोप है कि कई दशकों से वह दुकानें बनाकर यहां रोजगार कर रहे हैं, लेकिन आज उन्हें बिना मुआवजा दिए यहां से गुजारा जा रहा है. उन्होंने कहा कि उन लोगों की रोजी-रोटी खत्म की जा रही है. लोगों ने बताया कि पूर्व में जिला प्रशासन ने उन्हें पर्याप्त समय देने का आश्वासन दिया था, लेकिन आज दुकानें तोड़ी जा रही हैं.

परियोजना की तरफ से हमें 105 दुकानों की लिस्ट दी गई है जिनके ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जानी है. यह सभी दुकानें ओबरा परियोजना की जमीन पर बनी हुई हैं. जिन्हें खाली कराया जा रहा है. वर्ष 2016 से ही इन्हें नोटिस दिया जा रहा है. हालांकि परियोजना के पूर्व में कुछ दुकानें आवंटित भी की थी. जहां तक मुआवजे का प्रश्न है इस संबंध में कोई भी निर्णय परियोजना प्रशासन ही लेगा.
-प्रकाश चंद्र, एसडीएम ओबरा

Last Updated : Oct 3, 2020, 7:34 PM IST
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